5000 घुसपैठिए बांग्लादेश भेजे गए
बीएसएफ ने पेश किया तीन साल का ब्यौरा
प. बंगाल में सबसे ज्यादा गिरफ्तारी
नई दिल्ली, 04 जून (एजेंसियां)। भारत में लगातार बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहचान कर वापस भेजने की प्रक्रिया जारी है। देश के अलग-अलग हिस्सों से घुसपैठिए पकड़ कर ऑपरेशन पुश-बैक में वापस भेजे जा रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बताया है कि उन्होंने पिछले तीन साल में 5,000 घुसपैठिए पकड़े गए, जो चोरी-छुपे भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
बीएसएफ ने बताया कि 2023 में 2406 घुसपैठियों को पकड़ा गया। 2024 में 2425 घुसपैठियों को पकड़ा गया और 2025 में अब तक 557 घुसपैठियों को पकड़ कर वापस उनके देश भेजा जा चुका है। बीएसएफ ने अधिकांश घुसपैठिए पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में पकड़े हैं। इसमें भी सबसे अधिक घुसपैठ पश्चिम बंगाल में दर्ज की गई है। पिछले 3 साल में पश्चिम बंगाल में 2688 घुसपैठियों को पकड़ा गया। इनमें से 90 प्रतिशत घुसपैठियों पश्चिम बंगाल के सीमाई इलाकों से पकड़े गए थे। पश्चिम बंगाल के अलावा मिजोरम जैसे राज्यों में भी काफी घुसपैठ देखी गई। असम और त्रिपुरा में ऐसे मामले कम मिले। खुली सीमा होने के कारण बांग्लादेशी घुसपैठिए त्रिपुरा से भी अंदर आने का प्रयास करते हैं। त्रिपुरा में पिछले तीन साल में घुसपैठ की कोशिशों की संख्या 771 रही।
पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों के बड़ी संख्या में आने का मुद्दा गृह मंत्री अमित शाह लगातार उठा रहे हैं। अमित शाह ने स्पष्ट कहा है कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों को टीएमसी सरकार का आशीर्वाद मिला हुआ है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घुसपैठियों के लिए सीमाएं खोल रखी हैं।
बीएसएफ सीमा पर घुसपैठियों को पकड़ कर वापस भेज रही है। दूसरी तरफ ऑपरेशन पुश-बैक भी तेजी से चल रहा है। इसके तहत अब तक 2000 अवैध घुसपैठियों को वापस बांग्लादेश भेजा जा चुका है। इसके अलावा देश के अलग-अलग जगहों पर छुपकर रह रहे लगभग 2000 घुसपैठिए अब वापसी के लिए तैयार हो गए हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब घुसपैठियों की जानकारी बॉयोमेट्रिक के जरिए भी सहेज रही हैं। इसे राष्ट्रीय डेटाबेस से भी जोड़ा जाएगा। इससे दोबारा देश में घुसपैठियों के घुसने पर जानकारी निकालना और कार्रवाई करना आसान हो जाएगा।
ऑपरेशन पुश-बैक अप्रैल 2025 से चल रहा है। यह भारत सरकार की नई रणनीति है, जिसका उद्देश्य अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या घुसपैठियों से त्वरित रूप से निपटना है। गृह मंत्रालय ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की पहचान और राष्ट्रीयता की पुष्टि के लिए 30 दिन की समय सीमा तय की है। इसके बाद भारतीय सुरक्षाबल घुसपैठियों को तुरंत सीमा पार बांग्लादेश की ओर धकेल रहे हैं।