हम शव पर राजनीति नहीं करते: कुमारस्वामी
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| केंद्रीय बड़े उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि हमने कभी भी शव पर राजनीति नहीं की है| हम भविष्य में भी ऐसा नहीं करेंगे| यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा-जेडीएस गठबंधन मजबूत है और हम सरकार की कमियों का खुलासा करने का काम करेंगे| दोनों पार्टियां एकजुट हैं और कोई भी उन्हें विभाजित नहीं कर सकता| दोनों सहयोगियों ने कहा कि वे राज्य के विकास के लिए कानूनी रूप से लड़ेंगे और एक अच्छी सरकार लाने के लिए पूरे राज्य में सरकार की विफलताओं के खिलाफ जागरूकता पैदा करेंगे|
उन्होंने कहा कि कर्नाटक एक स्वर्णिम राज्य है और राज्य को कांग्रेस से बचाने की जरूरत है, जो एक खराब सरकार चला रही है| आरसीबी की जीत के जश्न में हुई भगदड़ में ११ निर्दोष लोगों की मौत हो गई| पुलिस की सलाह को नजरअंदाज करने वाली कांग्रेस सरकार ही त्रासदी का कारण है| लोग सिटी पुलिस कमिश्नर दयानंद के निलंबन का विरोध कर रहे हैं| उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उन्होंने निलंबन का नाटक किया हो| एफआईआर में दर्ज है कि ३ जून को आरसीबी की जीत होने पर केएससीए ने ४ जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम में कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी थी| इसमें उल्लेख है कि कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग से अनुमति मांगी गई थी| जब पुलिस अधिकारी दोनों स्थानों पर कार्यक्रम करने के लिए सहमत नहीं हुए तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद शहर के पुलिस आयुक्त को कार्यक्रम करने की अनुमति देने का आदेश दिया और व्यवस्था करने का निर्देश दिया|
इस मामले में मुख्यमंत्री के राजनीतिक कार्यालय ने सीएम पर दबाव बनाया है| डी.के. शिवकुमार सीधे कनकपुरा स्थित एचएएल हवाई अड्डे पर आए और आरसीबी टीम का स्वागत किया| उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि उन्होंने देश को ब्रांड बेंगलूरु दिखाने के इरादे से ऐसा किया| क्या ११ निर्दोष लोगों की मौत पर आंसू बहाने और नाटक करने से न्याय मिलेगा? विधान सौधा के सामने आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के परिवारों में फोटो खिंचवाने की होड़ मच गई| उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को उचित सम्मान नहीं दिया गया|
उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने यह जानते हुए भी कि भगदड़ में कई मर गए, जीत का प्याला चूमा| मुख्यमंत्री ने सभी के साथ एक होटल में लंच किया| इससे पता चलता है कि उनमें कितनी मानवता है| इस त्रासदी की जांच डीसी, सीआईडी और एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी| तीनों में से किसको स्वीकार किया जाएगा?
एक एफआईआर यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि पुलिस अधिकारी दोषी नहीं हैं| उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी जांच से सच्चाई सामने नहीं आएगी और मृतकों के परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा|