आतंकी हमलों का कठोर जवाब मोदी सरकार में ही संभव

बीएसएफ के समारोह में बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

 आतंकी हमलों का कठोर जवाब मोदी सरकार में ही संभव

देश की सुरक्षा की गारंटी है हमारी सेना और सुरक्षाबल

नई दिल्ली, 23 मई (एजेंसियां)। दिल्ली में आयोजित बीएसएफ अलंकरण समारोह में गृह मंत्री अमित शाह ने देश की सेना की जमकर तारीफ की। उनकी तरफ से ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया गया और पाकिस्तान को भी जमकर फटकार लगाई। कार्यक्रम के दौरान भारत-पाक तनाव पर शाह ने विस्तार से बात की और आगे की रणनीति के बारे में स्पष्ट रूप से बताया। अमित शाह ने आज सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अलंकरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में महानिदेशक बीएसएफ दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अमित शाह ने बीएसएफ के अलंकरण समारोह 2025 और रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए अर्धसैनिक बल के साहस और समर्पण को सलाम किया। उन्होंने कहा कि बीएसएफ और सेना आज विश्व के सामने अद्वितीय वीरता का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। इसी साहस का प्रतीक है ऑपरेशन सिंदूर।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत इच्छाशक्तिखुफिया एजेंसियों से मिली सही जानकारी और सेना की जबरदस्त ताकत एक साथ आईतब ऑपरेशन सिंदूर को सफलता मिली। शाह ने कहा कि सेना ने 100 किमी अंदर घुसकर पाक को उसका जमीर दिखाने का काम किया है। बीएसएफ के जवान भी मोर्चे पर थे। हमारे जवान एक इंच भी पीछे नहीं हटे और उनकी गोली का जवाब गोले से दिया। इसके बाद गृह मंत्री ने पुरानी सरकारों को भी निशाने पर लिया और पाकिस्तान को एक्सपोज करने का काम किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत कई दशकों से पाक समर्थित आतंक का सामना कर रहा है। पाक ने कई घटनाएं कींलेकिन इसका कभी उचित जवाब नहीं दिया गया। 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। इसके बाद सबसे पहला बड़ा हमला उरी में हमारे जवानों पर किया गया। हमने घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक किया। पुलवामा में हमला हुआ तो भारत की सेना ने एयर स्ट्राइक करके कठोर जवाब दिया और इस बार ऑपरेशन सिंदूर में हमने फिर से आतंकी अड्डों को खत्म किया। गृह मंत्री ने दो टूक कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद हमने आतंकियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए लेकिन पाकिस्तान ने इन हमलों को अपने ऊपर हमला मान लिया। इससे साबित हो गया कि वह एक आतंकवाद समर्थक देश है। यही नहींआतंकियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के अफसर उनके ताबूत को कंधा देते और नमाज ए जनाजा पढ़ते दिखे।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के तीन प्रमुख कारण बताए। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन प्रधानमंत्री की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्तिखुफिया एजेंसियों से मिली सटीक जानकारी और भारतीय सेना की जबरदस्त मारक क्षमता के तालमेल से संभव हुआ। इन तीनों के एक साथ आने से देश ने दशकों से चल रहे पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद का निर्णायक उत्तर दिया। गृहमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान पूरी तरह बेनकाब हो गया है। आतंकी ठिकानों पर हमले पर पाकिस्तान की सेना ने जवाबी कार्रवाई की। आतंकवादियों के जनाजों में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी शामिल हुए। इनसे स्पष्ट हो गया कि भारत में होने वाले आतंकी हमले पाकिस्तान प्रायोजित हैं। भारतीय सेना ने न केवल आतंकियों के नौ ठिकाने नष्ट किए बल्कि उनके दो मुख्यालय भी ध्वस्त किए।

गृहमंत्री ने सभी सुरक्षा बलों को नमन करते हुए कार्यक्रम में कहाभारत अब जवाब देता है। हम केवल आतंकी ठिकानों पर हमला करते हैंपाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को नहीं छूते। यह भारत की परिपक्व नीति और स्पष्ट इरादे का प्रमाण है। गृहमंत्री ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बीएसएफ की भूमिका को याद करते हुए कहा कि बांग्लादेश को कभी नहीं भूलना चाहिए कि उनके स्वतंत्रता संघर्ष में बीएसएफ के जवानों ने बहादुरी से लड़ाई लड़ी। उस युद्ध को भारत पर थोपा गया था लेकिन बीएसएफ ने अपनी वीरता से न केवल देश की सीमाएं सुरक्षित कींबल्कि एक नए राष्ट्र के गठन में भी अहम भूमिका निभाई।

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अमित शाह ने बीएसएफ के गौरवशाली इतिहास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1965 के युद्ध के बाद सीमा सुरक्षा की कमियों को देखते हुए एक ऐसे बल की आवश्यकता महसूस हुईजो शांति काल में भी सीमाओं की 100 प्रतिशत सुरक्षा सुनिश्चित कर सके। इस आवश्यकता ने बीएसएफ के गठन को जन्म दिया। बीएसएफ के संस्थापक निदेशक केएफ रुस्तमजी को याद करते हुए अमित शाह ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल को भारत की दो सबसे चुनौतीपूर्ण सीमाओं पाकिस्तान और बांग्लादेश की सुरक्षा का दायित्व सौंपा गयाजिसे बीएसएफ ने बखूबी निभाया है। अमित शाह ने कहा कि बीएसएफ ने 5 साल के अंदर ढेर सारे तकनीकी समाधान ढूंढ़ने का प्रयास किया है और इसे जमीन पर उतारने का प्रयास किया है। जहां पर भौगोलिक विषमता एक बड़ा चैलेंज हैतो वहीं बीएसएफ तकनीकी समाधान से देश के बार्डर की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है। सीमा प्रहरी हैं तो मैं चैन की नींद सोता हूंक्योंकि अगर कुछ होगा भी तो दुश्मन देश का होगाहमारा देश सुरक्षित रहेगा।

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