आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े ब्रिक्स देश

ब्रिक्स संसदीय सम्मेलन में ब्रिक्स देशों ने दिखाई एकजुटता

आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े ब्रिक्स देश

आतंकवाद खत्म करने के लिए वित्तीय मदद रोकना जरूरी

नई दिल्ली/ब्रासीलिया, 07 जून (एजेंसियां)। ब्रिक्स संसदीय सम्मेलन में ब्रिक्स देशों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। साथ ही दस देशों ने आतंक के खिलाफ साझा बयान जारी कर भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति का समर्थन किया। इतना ही नहीं एआईवैश्विक अर्थव्यवस्था और शांति पर भी व्यापक सहमति बनी। भारत समेत ब्रिक्स देशों के संसदीय फोरम के ब्राजीलिया में आयोजित 11वें वार्षिक सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर सभी 10 देशों ने साझा बयान जारी कर आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता भी जताई। सभी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की शून्य सहिष्णुता नीति का पुरजोर समर्थन किया। 

सम्मेलन के दौरान कई दौर की गहन चर्चाओं और विचार-विमर्श के बाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई)वैश्विक व्यापार व अर्थव्यवस्थाअंतर-संसदीय सहयोगवैश्विक शांति और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में व्यापक सहमति बनी। सम्मेलन में भारत के अलावा ब्राजीलरूसचीनदक्षिण अफ्रीकाईरानसंयुक्त अरब अमीरातमिस्रइथियोपिया और इंडोनेशिया शामिल रहे। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे ओम बिरला ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रुख को पूरी गंभीरता के साथ उठाया।

विभिन्न मुद्दों पर भारत के दृष्टिकोण को सभी देशों ने सराहा और उसे सर्वसम्मति से अंतिम साझा घोषणा में शामिल किया। खासकर आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की निर्णायक नीति को गंभीरता से स्वीकारा गया। साझा घोषणा में सहमति बनी कि सभी ब्रिक्स देशों की संसदें आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट होकर कार्य करेंगी। सम्मेलन के अंत में अगले साल होने वाले 12वें ब्रिक्स संसदीय फोरम की मेजबानी भारत को सौंपी गई। साथ हीबिरला को संसदीय फोरम की अध्यक्षता सौंपी गई।

सम्मेलन में बिरला ने भारत का सशक्त और स्पष्ट दृष्टिकोण प्रभावी ढंग से रखा। उन्होंने आतंकी संगठनों को मिलने वाली आर्थिक मदद रोकनेखुफिया जानकारी को साझा करनेआधुनिक तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने के साथ-साथ जांच व न्यायिक प्रक्रियाओं में सहयोग जैसे पहलुओं पर साझा प्रयास करने पर जोर दिया।

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