पाकिस्तानी वायुसेना को बर्बादी से उबरने में लगेंगे कई साल
अब सबूतों के साथ बाहर आ रही ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी
विश्व के कई सैटेलाइट जारी कर रहे हमले की प्रामाणिक तस्वीरें
नई दिल्ली, 28 मई (एजेंसियां)। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में कितनी बर्बादी मचाई, उसके सबूत अब खुद ब खुद उजागर हो रहे हैं। विश्व के कई सैटेलाइटों में कैद हुई हमले की प्रामाणिक तस्वीरें धीऱे-धीरे सार्वजनिक हो रही हैं और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों के साथ-साथ पाकिस्तानी वायुसेना के अड्डों की बर्बादी के खौफनाक दृश्य दिखा रही हैं। इन तस्वीरों को देख कर रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तानी वायुसेना को इस तबाही से उबरने में कई साल लग जाएंगे।
तथ्य और तस्वीरें बताती हैं कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तानी वायुसेना को हुआ है। भारत के हमले ने पाकिस्तानी वायुसेना को लगभग अक्षम बना दिया। हमले का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तानी वायुसेना को समझ नहीं आ रहा था कि वह अपना बचाव कैसे करे। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत के हमले से हुए नुकसान से उबरने में पाकिस्तानी वायुसेना को कम से कम पांच साल लगेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष चार दिन चला। इस दौरान भारतीय वायुसेना ने रणनीतिक तरीके से और पूरी सटीकता से हमले किए, जिससे पाकिस्तानी वायुसेना को हवा और जमीन दोनों जगह भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसमें 9-10 मई की रात किया गया हमला बहुत अहम था, जो 10 मई को दोपहर तक जारी रहा। इन हमलों में भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस को निशाना बनाया। इन हमलों के जरिए भारत ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि भारत पाकिस्तान में अंदर घुसकर मारने की ताकत और क्षमता रखता है।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की मध्य रात्रि पाकिस्तानी पंजाब के बहावलपुर और मुरीदके में स्थित आतंकी ठिकानों समेत कुल नौ जगहों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में किसी आम नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। हालांकि पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों के समर्थन में भारत पर हमले की नाकाम कोशिश की, लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस के आगे उसकी एक न चली। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई की।
पाकिस्तान ने भारत की जवाबी कार्रवाई से बचने के लिए सीमा पर अमेरिकी मूल के पुराने और चीनी रडार सिस्टम और सतह से हवा में मार करने वाला चीनी मिसाइल सिस्टम तैनात कर रखा था। इनमें एचक्यू-9एस शामिल है, जिसकी अधिकतम रेंज 250 किलोमीटर है। भारतीय वायुसेना ने अपने हारोप और हार्पी लोइटरिंग म्यूनिशन से पाकिस्तान के 4-5 रडार स्टेशनों को निशाना बनाया। इसके अलावा चीनी एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की लॉन्चर साइट को भी निशाना बनाया। भारत की इस जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तानी वायुसेना को पंगु बना दिया, जिससे पाकिस्तान की भारतीय वायुसेना की निगरानी करने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित हुई।
दूसरी तरफ, भारत ने पाकिस्तान के हवाई हमले से बचने के लिए एस-400 सिस्टम तैनात कर रखा था। एस-400 के डर से पाकिस्तानी लड़ाकू विमान सीमा के बहुत अंदर उड़ान भर रहे थे और उन्हें निशाना बनने का डर सता रहा था। यही वजह रही कि पाकिस्तानी लड़ाकू विमान भारत के हमले से बचने के लिए नागरिक विमानों की आड़ में उड़ान भर रहे थे। एस-400 के अलावा सक्षम, शौर्य, समर और आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को भी रणनीतिक रूप से बेहद अहम जगहों पर तैनात किया गया था, जिससे पाकिस्तानी वायुसेना को कोई मौका नहीं मिला।
8 मई की शाम को पाकिस्तान ने तुर्किये और चीन के ड्रोन से भारत के एयर डिफेंस नेटवर्क पर हमले की नाकाम कोशिश की, लेकिन सियाचिन से लेकर नलिया तक भारत का पूरा एयर डिफेंस सिस्टम मुस्तैद था। इनमें छोटे कैलीबर की एल-70 और जेडयू-23 एयर डिफेंस गन भी शामिल थीं, जिन्होंने पाकिस्तानी ड्रोन्स को भारी नुकसान पहुंचाया। भारतीय थल सेना ने भी अपनी आर्टिलरी गन्स और रॉकेट लॉन्चर्स से पाकिस्तानी सेना को जम्मू कश्मीर में बड़ा नुकसान पहुंचाया और उन्हें संभलने का मौका नहीं दिया।
9 मई को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर आक्रामक तरीके से हमला बोला और चकलाला, सरगोधा और मुरीद के एयरबेस स्थित पाकिस्तानी वायुसेना के कमांड एंड कंट्रोल सेंटरों को भारी नुकसान पहुंचाया। इन हमलों में भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, रैंपेज और स्कैल्प का इस्तेमाल किया। इन मिसाइलों को मिराज, राफेल, एसयू-30 और मिग-29 लड़ाकू विमानों से दागा जा सकता है। इन हमलों ने पाकिस्तानी वायुसेना की कमर तोड़ दी और कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से पाकिस्तानी वायुसेना संघर्ष क्षेत्र की तस्वीर देखने और संचार करने में अक्षम हो गई। पाकिस्तानी वायुसेना का एडवांस्ड अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम से भी सम्पर्क टूट गया।
इस हमले से बौखलाए पाकिस्तान ने सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से हमला की कोशिश की। इन हमलों में भारत के आदमपुर एयरबेस और पंजाब और गुजरात के एयरबेस को निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन इन हमलों में जिन चीनी मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, वे बेहद खराब गुणवत्ता की थी, जिनके अवशेष भारत में जगह-जगह बरामद हुए। वहीं भारत ने पाकिस्तान के सरगोधा, रफीकी, रहीमयार खान, जैकबाबाद, भोलारी और कराची कैंट पर 10 मई को हमले कर पाकिस्तान को लगभग घुटनों पर ला दिया। भोलारी में पाकिस्तानी वायुसेना के हैंगर को निशाना बनाया गया, जहां उसके रडार और सर्विलांस विमानों के अलावा 3-4 आधुनिक लड़ाकू विमान भी तैनात थे। वहां नुकसान इतने बड़े पैमाने पर हुआ कि अभी तक पाकिस्तान हैंगर से मलबा भी नहीं निकाल सका है। पाकिस्तान स्थित पंजाब के एक एयरबेस पर इस तरह से हमला किया गया कि वहां से आठ घंटे तक पाकिस्तान का एक भी जहाज उड़ान नहीं भर सका। भारत के हमले की सैटेलाइट्स से भी निगरानी की गई। रक्षा विशेषज्ञों का दावा है कि भारत के हमलों से पाकिस्तानी वायुसेना कई साल पीछे चली गई है और उसे इस नुकसान से उबरने में लंबा समय लगेगा।

