यूपी की ईंट भट्ठा नियमावली 2012 में होगा संशोधन

ईंट भट्ठों के नियमन के लिए सीएम योगी ने उठाया ठोस कदम

यूपी की ईंट भट्ठा नियमावली 2012 में होगा संशोधन

लखनऊ, 08 जून (एजेंसियां)। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में ईंट भट्ठा उद्योग के नियमन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इस संबंध में यूपी पर्यावरण विभागप्रदूषण नियंत्रण बोर्डजीएसटी विभाग और अन्य संबंधित विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने के साथ-साथ पारंपरिक लाल ईंट के विकल्पों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश बीएन खरे की विधिक राय के अनुरूप ईंट भट्ठों की नियमावली में संशोधन प्रस्तावित किया गया है। इन प्रयासों से न केवल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगाबल्कि ईंट भट्ठा उद्योग को भी व्यवस्थित और टिकाऊ बनाया जा सकेगा।

प्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से ईंट भट्ठा उद्योग को नये सिरे नियमित और संयोजित किया जा रहा है। ईंट भट्ठा उद्योग को नियमित करने के लिए नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह प्रस्ताव वर्तमान में शासन स्तर पर अनुमोदन के लिए प्रक्रियाधीन है। इस संशोधन के आधार पर बंद किए गए ईंट भट्ठों को नियमावली के तहत नियमित करने और उद्योग को स्थिरता प्रदान करने का प्रयास है।

पर्यावरण विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2012 से पहले प्रदेश में ईंट भट्ठों के लिए कोई स्पष्ट नियमावली नहीं थी। 2012 में बनी नियमावली के तहत एक ओर प्रदेश के लगभग 6500 ईंट भट्ठे अवैध घोषित हो गए थेलेकिन इसके बाद भी ईंट भट्ठों के अनियमित संचालन के कारण उचित कर संग्रह संभव नहीं हो पा रहा था। वहीं दूसरी ओर नियम के तहत ईंट भट्ठों का संचालन करने वाले कई ईंट भट्ठा मालिकों को आर्थिक नुकसान हो रहा था। पूरे प्रदेश में ईंट भट्ठा उद्योग में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ था। यूपी में ईंट भट्ठा उद्योग को नियमित करने के साथ-साथ मृदा संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक कार्यनीति का निर्माण किया गया है। जिसके तहत पर्यावरण विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ अन्य विभागों के समन्वय से प्रदेश में ईंट भट्ठा उद्योग का नियमितीकरण किया गया है।

प्रदेश में ईंट भट्ठा उद्योग में जीएसटी संग्रह में कमी को लेकर जीएसटी विभागपर्यावरण विभागऔर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सहमति प्राप्त सभी ईंट भट्ठों की सूची जीएसटी विभाग को सौंपी जाएगी। ताकि ईंट भट्ठों से कर संग्रह की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। यह कदम ईंट भट्ठा उद्योग में पारदर्शिता और कर अनुपालन को बढ़ावा देगा। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पारंपरिक लाल ईंट के विकल्पों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जा रहा है। इस संबंध में लोक निर्माण विभागआवास-विकास और पर्यावरण विभाग ने एक समन्वित बैठक में फ्लाई ऐश ईंटएएसी ब्लॉकऔर पेवर ब्लॉक जैसे पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देने का निर्णय लिया। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ये विकल्प न केवल मिट्टी के अत्यधिक दोहन को कम करेंगेबल्कि औद्योगिक कचरे जैसे फ्लाई ऐश का उपयोग कर प्रदूषण को भी नियंत्रित करेंगे। इन पहलों से उत्तर प्रदेश में ईंट भट्ठा उद्योग को नया दिशा-निर्देश मिलने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य पर्यावरण संरक्षणउद्योग की स्थिरताऔर आर्थिक विकास के बीच संतुलन स्थापित करना है।

Read More अवैध दरगाह ध्वस्त करने पहुंचा बुलडोजर तो अंदर मिले अय्याशी के सामान

Tags: