इस्तीफे की मांग को लेकर सीएम के आवास का घेराव करने की कोशिश, कई भाजपा नेता हिरासत में

-बेंगलूरु में भगदड़ में मौतें

 इस्तीफे की मांग को लेकर सीएम के आवास का घेराव करने की कोशिश, कई भाजपा नेता हिरासत में

यह सरकार भगदड़ में मारे गए युवाओं के माता-पिता के अभिशाप के कारण गिरेगी

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया के सरकारी आवास का घेराव करने की कोशिश करने पर बेंगलूरु में पुलिस ने कई भाजपा नेताओं को हिरासत में ले लिया| वे ४ जून को आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान शहर में मची भगदड़ के सिलसिले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के इस्तीफे की मांग कर रहे थे| इस भगदड़ में ११ लोगों की मौत हो गई थी| गिरफ्तार किए गए लोगों में भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र, विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक और विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाडी नारायणस्वामी और पूर्व उपमुख्यमंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण शामिल हैं|


नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को उस समय हिरासत में लिया गया, जब वे फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री के सरकारी आवास की ओर मार्च करने लगे| इससे पहले, प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए, विजयेंद्र और अशोक ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद छोड़ने तक अपना अभियान बंद न करने का आह्वान किया| विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने आरसीबी की आईपीएल जीत को भुनाने के लिए मुख्यमंत्री के कहने पर जल्दबाजी में विधान सौधा के सामने अभिनंदन समारोह आयोजित किया था| उपमुख्यमंत्री ने चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर मुख्यमंत्री को चकमा देने की कोशिश की थी|

उन्होंने आरोप लगाया मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच राजनीतिक खींचतान के कारण पुलिस की सलाह के खिलाफ जल्दबाजी में विजय समारोह आयोजित किया गया| अशोक ने मुख्यमंत्री पर भगदड़ के लिए ’मुख्य दोषी’ होने का आरोप लगाया| उन्होंने कहा सिद्धरामैया अपनी गलतियों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं और झूठा दावा कर रहे हैं कि अभिनंदन समारोह सरकार द्वारा आयोजित नहीं किया गया था और उन्हें नहीं पता कि राज्यपाल थावरचंद गहलोत को कार्यक्रम में किसने आमंत्रित किया था| लेकिन, यह पता चला है कि डीपीएआर और मुख्य सचिव ने कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक मंजूरी प्रदान की थी और मुख्यमंत्री ने खुद राज्यपाल को आमंत्रित किया था| उन्होंने कहा सेल्फी लेने वाले लोग सीएम और अन्य राजनेताओं के रिश्तेदार थे, लेकिन निलंबित होने वाले पुलिस अधिकारी थे| अशोक ने कहा हमने कर्नाटक में पहले भी किसानों के अभिशाप के कारण सरकारें गिरते देखी हैं| यह सरकार भगदड़ में मारे गए युवाओं के माता-पिता के अभिशाप के कारण गिरेगी|

नारायणस्वामी ने आरोप लगाया लोग कह रहे हैं कि खुफिया विफलता थी| लेकिन मुख्यमंत्री ने पुलिस खुफिया प्रमुख के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई करने से परहेज किया है, उन्हें स्थानांतरित करने के अलावा, क्योंकि उन्हें पता है कि उनके खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई उनकी (सीएम) कुर्सी को छीन सकती है| उन्होंने संकेत दिया कि तत्कालीन खुफिया प्रमुख की पत्नी एक कांग्रेस नेता हैं| इस मौके पर विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक डोड्डानगौड़ा एच. पाटिल, राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, पूर्व उपमुख्यमंत्री और सांसद गोविंद करजोल, सांसद पी.सी. मोहन, विधान परिषद विपक्ष के मुख्य सचेतक एन. रविकुमार, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक बसवराज, पूर्व मंत्री और विधायक के. गोपालैय्या, विधायक एल. रविसुब्रमण्यम, उदय गरुड़चार, एस. मुनिराजू, एम. कृष्णप्पा, विधान परिषद सदस्य केशव प्रसाद, भारती शेट्टी, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक धीरज मुनिराजू, बेंगलूरु दक्षिण जिला अध्यक्ष और विधायक सी.के. राममूर्ति, बेंगलूरु उत्तर जिला अध्यक्ष एस. हरीश, बेंगलूरु मध्य जिला अध्यक्ष सप्तगिरी गौड़ा, राज्य पदाधिकारी और पार्टी नेता, कार्यकर्ता मौजूद रहे|

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