सीएम सिद्धरामैया ने कुसुम सी प्रोजेक्ट किया लॉन्च
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने बुधवार को कुसुम-सी परियोजना का शुभारंभ किया, जो स्थानीय स्तर पर सौर ऊर्जा उत्पन्न करके दिन में ७ घंटे कृषि पंप सेटों को बिजली की आपूर्ति करेगी| गौरीबिदनूर तालुक के हनुमानहल्ली में टोंडेबावी बिजली सबस्टेशन को सौर ऊर्जा आपूर्ति का शुभारंभ करने वाले मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़े किसानों के साथ बातचीत की|
तुमकुरु जिले के तिप्तुर तालुक में नव स्थापित बिजली संयंत्र में लाभार्थी किसानों के साथ बातचीत करने वाले मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कुसुम-बी परियोजना के लिए ५० प्रतिशत धनराशि प्रदान कर रही है| केंद्र सरकार ३० प्रतिशत प्रदान करेगी और शेष २० प्रतिशत निवेशकों द्वारा वहन किया जाएगा| केंद्र सरकार एक मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए कुसुम-सी परियोजना के लिए १ करोड़ ३ लाख रुपये प्रदान करेगी| उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शेष ३ करोड़ रुपये वहन कर रही है| तिप्तूर विधायक के. शदाक्षरी ने इस राशि को बढ़ाने का सुझाव दिया| उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रत्येक एकड़ से खेती करके २५,००० रुपये कमाए जा रहे हैं|
जब विधायकों ने मांग की कि उनके तालुक में पांच या छह और स्थानों पर ये इकाइयां शुरू की जाएं, तो उन्होंने कहा कि चूंकि यह केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित परियोजना है, इसलिए चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा| जब मुख्यमंत्री गदग जिले के लाभार्थियों से बातचीत कर रहे थे, तो भाजपा विधान परिषद सदस्य एस.वी. संकनूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने २०१९ में इस योजना का उद्घाटन किया और आपकी सरकार ने इसे लागू किया है| उन्होंने कहा कि अगर कोई योजना लागू की जानी है, तो भूमि अधिग्रहण और अन्य प्रक्रियाओं के कारण देरी होगी| पिछली सरकार ने योजना शुरू नहीं की थी| जब मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आधे से अधिक पैसा दे रहे हैं, तो यह मत कहिए कि पिछली सरकार ने इसे शुरू नहीं किया| योजना के कार्यान्वयन के लिए संबंधित अवधि की आवश्यकता होती है| उन्होंने कहा कि हम केंद्र से अपना हिस्सा बढ़ाने का भी अनुरोध करेंगे|
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कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने ऑनलाइन संवाद में भाग लिया और भूमि उपयोग दर बढ़ाने की मांग की| मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस पर कैबिनेट बैठक में चर्चा करेंगे| शिरा और चामराजनगर जिले के किसानों ने संवाद में भाग लिया और कहा कि पहले उन्हें रात में बिजली की आपूर्ति की जाती थी, जिससे जंगली जानवरों के डर से उन्हें अपने खेतों में जाना मुश्किल हो जाता था| अब दिन में बिजली की आपूर्ति की जा रही है और वे अपने खेतों में पानी देकर रात में चैन की नींद सो रहे हैं| उन्होंने इसके लिए सरकार का आभार जताया| आने वाले दिनों में हम प्रतिदिन सात घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति करेंगे|
उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिए लागू की गई कई योजनाओं में से एक है| ऊर्जा मंत्री के.जे. जॉर्ज ने कहा कि इस वर्ष एक सौ सबस्टेशन स्थापित किए गए हैं| उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और अधिक सबस्टेशन और पूरक बिजली लाइनें बनाई जाएंगी| कृषि पंप सेटों को १९ हजार बिजली सब्सिडी दी जा रही है| शॉर्ट मीटर योजना में देश के सभी राज्यों में आरडीएसएस योजना लागू की गई है| कर्नाटक और राज्यों को छोड़ दिया गया है|
इससे वित्तीय बोझ बढ़ गया है| इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है| कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा| अगर केंद्र आरडीएसएस पर सहमति देता है तो अनुदान का ६० फीसदी हिस्सा मिलेगा| अभी तक पंचायत और शहरी स्थानीय निकायों का बिजली बिल भुगतान लंबित था| इस वजह से कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं| अब से केंद्र सरकार ने सरकारी संस्थानों को नए बिजली कनेक्शन देने के लिए अग्रिम भुगतान प्रणाली का पालन करने की शर्त रखी है| उन्होंने कहा कि इसे बाद में लागू किया जाएगा|