देश और प्रदेश के सर्व सम्माननीय नेता बंडारू दत्तात्रेय...
शुभ-लाभ शुभकामना
हैदराबाद, 13 जून। हरियाणा के राज्यपाल और आंध्र प्रदेश/तेलंगाना के लाल बंडारू दत्तात्रेय का जन्मदिवस 12 जून को होता है। अहमदाबाद विमान हादसे के कारण शुभ-लाभ परिवार एक दिन विलंब से अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कर रहा है। हैदराबाद में हाल ही में बंडारू दत्तात्रेय की आत्मकथा, प्रजला काठे, ना आत्म कथा (लोगों की कहानी मेरे जीवन की कहानी है) के विमोचन के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दत्तात्रेय को अजातशत्रु कहा था, यानि जिसका कोई दुश्मन न हो। रेवंत रेड्डी ने यह भी कहा था कि बंडारू दत्तात्रेय ऐसे नेता रहे हैं जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी की तरह सभी दलों और नेताओं का सम्मान प्राप्त है। शुभ-लाभ परिवार रेवंत रेड्डी के इस विचार के साथ खुद को खड़ा पाता है। वाकई, बंडारू दत्तात्रेय सर्व सम्माननीय नेता हैं।
हैदराबाद से ताल्लुक रखने वाले 77 वर्षीय नेता बंडारू दत्तात्रेय ने 1965 में अपना सार्वजनिक जीवन शुरू किया, जब वे भाजपा के वैचारिक स्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ जुड़े। उन्हें 1968 में आरएसएस प्रचारक के रूप में नियुक्त किया गया। भाजपा में शामिल होने से पहले वर्ष 1979 तक वे सेवा भारती के प्रमुख थे और संघ और उसके सहयोगी संगठनों में विभिन्न पदों पर रहे। उनके करीबी मित्र एवं शुभ-लाभ हिंदी दैनिक के अध्यक्ष अभिभावक गोपाल अग्रवाल बताते हैं कि बंडारू दत्तात्रेय भाजपा की स्थापना के समय से ही इसके प्रमुख नेताओं में से एक रहे हैं। 1980 में उन्हें अविभाजित आंध्र प्रदेश में भाजपा सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। हैदराबाद में दत्तात्रेय को एक ऐसे विनम्र और लोकप्रिय भाजपा नेता के रूप में जाना जाता है जो छोटे से छोटे लोगों से मिलने या सामान्य सार्वजनिक समारोह में भी शामिल होने से परहेज नहीं करते। गोपाल अग्रवाल कहते हैं कि 1980 के दशक में भाजपा नेता के रूप में काम करना और विभिन्न दलों से जुड़े लोगों का समर्थन प्राप्त करना आसान नहीं था। उन्होंने लोगों से जुड़ने को एक निजी मिशन की तरह अपनाया और कई लोगों को आश्चर्यचकित करते हुए अपने इस स्वाभाविक प्रयास में सफल रहे।
बंडारू दत्तात्रेय ने आंध्र प्रदेश भाजपा में विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिसमें 1981 से 1989 तक महासचिव का पद भी शामिल है। 1991 में वे सिकंदराबाद निर्वाचन क्षेत्र (अब तेलंगाना में) से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। बंडारू 1991 से 2014 तक सिकंदराबाद से चार बार लोकसभा के लिए चुने गए। कुछ बार उन्हें हार का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी यात्रा कहीं रुकी नहीं और न बाधित हुई। गोपाल अग्रवाल कहते हैं कि तब सिकंदराबाद में भाजपा उम्मीदवार के रूप में इतने लंबे समय तक जीतना आसान नहीं था। यह दिखाता है कि उन्हें वर्षों से जनता का कितना भरोसा था।
भाजपा ने पहली बार बंडारू दत्तात्रेय को 1996 में आंध्र प्रदेश पार्टी इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था। उन्होंने 2006 से 2009 तक फिर से राज्य पार्टी प्रमुख के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, उन्होंने केंद्रीय स्तर पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव से लेकर राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक की विभिन्न भूमिकाएं भी निभाईं। श्री दत्तात्रेय ने अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी दोनों के नेतृत्व वाली सरकारों में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में काम किया। मोदी मंत्रालय के प्रथम सत्र में वे नवंबर 2014 से सितंबर 2017 तक श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। इस अवधि के दौरान उन्होंने संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों के कल्याण और उत्थान के लिए देश के विभिन्न श्रमिक संघों के साथ मिलकर काम किया। 2014 में उन्होंने पिछड़े वर्गों के कल्याण संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। बंडारू दत्तात्रेय की सामाजिक-राजनीतिक सद्भाव यात्रा जारी है। शुभ-लाभ परिवार श्री दत्तात्रेय के स्वस्थ, सफल एवं दीर्घायु होने की शुभकामना करता है...
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