मुसलमान बनाएंगे दीघा जगन्नाथ धाम का प्रसाद
ममता सरकार की मुस्लिम अंधभक्ति हिंदुओं पर पड़ रही भारी
हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने की चल रही हैं हरकतें
देश के कई राज्यों में हिंदू धर्म स्थलों पर गौमांस फेंक कर उसे अपवित्र किए जाने की अधर्मी हरकतें चल रही हैं, ऐसे में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने दीघा जगन्नाथ धाम का प्रसाद बनाने का ठेका मुसलमानों को देकर आग में घी डाल दिया है। इसे लेकर एक नया सांप्रदायिक विवाद खड़ा होने लगा है। मुस्लिमों की अंधभक्ति में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दीघा जगन्नाथ धाम मंदिर में प्रसाद बनाने का ठेका मुस्लिमों को दे दिए जाने को सीधा-सीधा हिंदुओं का अपमान बताया जा रहा है। ममता सरकार की इस करतूत को लेकर बंगाल के हिंदू श्रद्धालुओं में घोर नाराजगी है। उल्लेखनीय है कि दीघा जगन्नाथ धाम प्रसाद का वितरण बंगाल सरकार दुआरे सरकार योजना के तहत करवा रही है। लेकिन इस प्रसाद को जगन्नाथ मंदिर धाम ट्रस्ट द्वारा नहीं बल्कि स्थानीय स्तर पर बनावाया जा रहा है और इसका ठेका मुसलमानों को दे दिया गया है।
रानीनगर में दीघा जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र के प्रसाद वितरण के लिए मुसलमान ठेकेदारों को चुने जाने का खुलासा होने के बाद इसका व्यापक विरोध हो रहा है। भाजपा नेताओं का कहना है कि हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को जानबूझ कर ठेस पहुंचाया जा रहा है। भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने बंगाल सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण देने की मांग की है। मजूमदार ने कहा है कि रानीनगर के ब्लॉक नंबर-1 में दीघा जगन्नाथ धाम सांस्कृतिक केंद्र के प्रसाद की आपूर्ति के लिए जो अधिसूचना जारी की गई है, उससे हिंदुओं में आशंका पैदा हो गई है। इस अधिसूचना की सच्चाई को लोगों के सामने तत्काल लाया जाना चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि क्या ममता सरकार ओबीसी आरक्षण की तरह हिंदुओं के प्रसाद वितरण में भी मुसलमानों को आरक्षण दे रही है?
नेता विपक्ष शुवेंदू अधिकारी ने भी इस मामले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि प्रसाद बनाने और वितरण में मुसलमानों को शामिल करना हिंदू धर्म का अपमान है। मिठाई का पैकेट दिखाते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वी मेदिनीपुर के दीघा में बने जगन्नाथ मंदिर से प्रसाद लाने के बजाए राज्य सरकार स्थानीय दुकान से प्रसाद तैयार करवा रही है। भगवान के प्रसाद के नाम पर स्थानीय दुकानों की मिठाई घरों तक पहुंचेगी। यह हिंदुओं का सीधा अपमान है।
इधर, हाल के दिनों में गौमांस के अवशेष हिंदू मंदिरों के अंदर या आस-पास फेंकने की घटनाएं बढ़ी हैं, जो हिंदू आस्था पर सीधा हमला है। इस्लामी कट्टरपंथी और हिंदू विरोधी तत्व जानबूझकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने और दंगे भड़काने के लिए यह काम कर रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने 13 जून को बताया कि बकरीद के अगले दिन धुबरी के मुस्लिम बहुल इलाके में एक हनुमान मंदिर के पास गाय का कटा हुआ सिर मिला, जिससे हिंदू समुदाय में तनाव फैल गया। शांति बैठक के बाद भी अगली सुबह फिर से मंदिर में गाय का सिर फेंका गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि धुबरी में एक मजहबी समूह सक्रिय है, जो जिले को बांग्लादेश में मिलाना चाहता है। कुछ लोगों ने पथराव किया और नबीन बांग्ला नाम के संगठन के पोस्टर लगाए। इसके बाद ही सीएम सरमा ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया।
13 जून के बाद फिर 18 जून को असम के गोलपारा जिले के लखीमपुर कस्बे में एक हिंदू मंदिर के पास गाय का कटा हुआ सिर फेंकने की घटना सामने आई, जिससे इलाके में मजहबी तनाव फैल गया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, सिर को हटाया और क्षेत्र की घेराबंदी कर दी ताकि आगे कोई और अपवित्र घटना न हो। इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम बोदिर अली, हजरत अली, तारा मिया, शाजमल मियां और जहांगीर अलोम है। 18 जून को ही लखीमपुर जिले में एक नामघर (प्रार्थना स्थल) के पास तीन गायों की खोपड़ियां मिलने के बाद सात मुस्लिम व्यक्तियों मंसूर अली, मोहम्मद रज्जाक अली, साहा अली, दिलवर हुसैन, दिलदार हुसैन, अबू कलाम अली और जाहिदुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया।
इसी तरह मार्च महीने में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मदेयगंज स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के बाहर अज्ञात लोगों ने एक बछड़े का कटा हुआ सिर फेंका। इससे स्थानीय हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया और लोगों ने पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस मंदिर में दो साल में तीसरी बार ऐसी घटना की गई। लेकिन पुलिस ने इन मामलों में कोई गंभीरता नहीं दिखाई। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के दरियाबाद इलाके में मार्च में ही हिंदू व्यापारियों के घरों के बाहर गाय के अवशेष फेंके गए थे। गोपाल अग्रवाल के घर के बाहर गाय का कटा हुआ सिर और दीपक कपूर के घर के बाहर गाय का पैर बरामद हुआ था। पुलिस अधिकारी संजय द्विवेदी ने माना भी कि यह घटना सांप्रदायिक तनाव फैलाने के इरादे से की गई थी। व्यापारी गोपाल अग्रवाल ने बताया कि पिछले पांच महीनों में यह तीसरी बार है जब उनके घर के बाहर गाय के अवशेष फेंके गए, लेकिन पहले की घटनाओं की तरह पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
छह जून को उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में शीतलगंज पुन्नपुर गांव स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पास कुछ बदमाशों ने मांस का टुकड़ा फेंक दिया। सुबह श्रद्धालुओं ने मंदिर के बाहर मांस देखा तो आक्रोशित हो गए। स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद थाना प्रभारी बृजेश सिंह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे, भीड़ को शांत कराया और मांस हटा कर उसे मिट्टी में दबवा दिया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र स्थित रॉबर्ट्सगंज में हनुमान मंदिर के पास एक गाय के बछड़े का शव मिलने के मामले में भी पुलिस की कार्रवाई ढीली ही रही। यही हाल शाहजहांपुर मंदिर के पास मांस के अवशेषों से भरा थैला बरामद किए जाने के मामले में भी हुआ। इसी तरह की घटनाएं उत्तर प्रदेश में कन्नौज स्थित रसूलाबाद मंदिर और शामली जिले में सिक्का गांव मंदिर में भी हुई। लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया।
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के जौरा कस्बे में भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर में इसी महीने कुछ उपद्रवी तत्व गाय का कटा हुआ सिर फेंक कर भाग गए। इस घटना से इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने इस मामले में सलमान मेवाती, शाकिर कुरैशी, नौशाद कुरैशी और शाहरुख सत्तार के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया और प्रशासन ने आरोपियों के घरों के अवैध हिस्से भी ढहा दिए। बकरीद से पहले दिल्ली के संगम विहार के गुप्ता कॉलोनी के पास एक बछड़े का कटा हुआ सिर मिला। इस घटना से इलाके में तनाव फैल गया और स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसे जानबूझकर किया गया अपमान माना, साथ ही इस्लामवादियों पर आरोप लगाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया लेकिन इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। जयपुर के सुभाष चौक इलाके में 18 जून को उस समय तनाव फैल गया जब कुछ अज्ञात लोग बाइक पर आए और चाणक्य मार्ग स्थित शिव मंदिर के सामने मांस फेंककर भाग गए। यह घटना शाम करीब 4:30 बजे हुई और सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। घटना गंगा एकादशी के दिन हुई, जो हिंदुओं के लिए पवित्र माना जाता है। मांस के टुकड़े मंदिर के सामने पड़े होने का वीडियो भी सामने आया। घटना की खबर फैलते ही लोग मौके पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने सुभाष चौक थाने में शिकायत दर्ज कराई।
दिल्ली के तीस हजारी इलाके में झंडेवाला देवी मंदिर से पवित्र ज्योति ले जा रहे श्रद्धालुओं के जुलूस पर कुछ लोगों ने मांस के टुकड़े फेंक दिए थे। इससे धार्मिक जुलूस अपवित्र हो गया और स्थानीय हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया। लोगों ने आरोप लगाया कि यह हमला जानबूझकर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किया गया था। लेकिन इस मामले में भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके शीतला माता मंदिर के पास गाय के अवशेष मिले। डी ब्लॉक मंदिर के पास भी गाय के अवशेष फेंके गए। स्थानीय लोगों को मौके से एक पहचान पत्र मिला, जिसमें नाम इसानुल होदा और पिता का नाम अब्दुल जलील दर्ज था। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
झारखंड भी इस तरह की घटनाओं का शिकार हो रहा है। झारखंड के साहिबगंज जिले में राजमहल थाना क्षेत्र स्थित फुलबरिया कालीबाड़ी दुर्गा मंदिर के अंदर मांस फेंका गया। झारखंड के करमदाहा (धनबाद और जामताड़ा जिले की सीमा) में दुखिया महादेव मंदिर के पास मांस फेंके जाने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के सिवा कुछ नहीं किया।
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