सत्ता के बदले अमेरिका को देगा सेंट मार्टिन द्वीप
वाशिंगटन का दलाल यूनुस दे रहा साजिश को अंतिम रूप
यूनुस बनेगा राष्ट्रपति व तारिक बनेगा प्रधानमंत्री
डीपी वर्ल्ड को पट्टे पर दे रहा चटगांव का बंदरगाह
चटगांव से अराकान तक यूएस बनाएगा कॉरिडोर
सेना प्रमुख व राष्ट्रपति को बंदी बनाने की तैयारी
शुभ-लाभ चिंता
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का प्रमुख मुहम्मद यूनुस रणनीतिक रूप से अति महत्वपूर्ण सेंट मार्टिन द्वीप को संयुक्त राज्य अमेरिका को सौंपने की योजना को अंतिम रूप दे रहा है, जिसके लिए अमेरिका लंबे अर्से से कुचक्र रच रहा है। इसके साथ ही बांग्लादेश के महत्वपूर्ण चटगांव बंदरगाह को अमेरिकी डीप स्टेट की पिट्ठू कंपनी डीपी वर्ल्ड को पट्टे पर दिया जाने वाला है। यह पट्टा म्यांमार के अराकान राज्य के माध्यम से एक गलियारे के लिए आधार तैयार करेगा, जो न केवल नेपीडॉ में सैन्य जुंटा को गिराकर क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व को चुनौती देगा, बल्कि अमेरिका को म्यांमार के दुर्लभ पृथ्वी खनिजों और ऊर्जा संसाधनों के समृद्ध भंडार तक बेरोकटोक पहुंच का रास्ता भी खोल देगा। यूनुस अमेरिका को लालमोनिरहाट में एक एयरबेस देने और बांग्लादेश आयुध कारखाने का नियंत्रण पाकिस्तानी या तुर्की मध्यस्थों को सौंपने की तैयारी कर रहा है। यह ऐसा कदम होगा जो भारत के लिए गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा करेगा। इससे भी अधिक परेशान करने वाली बात यह है कि यूनुस के इस फैसले से बांग्लादेश का पतन अब सुनिश्चित हो गया है।
इस खतरनाक साजिश के केंद्र में यूनुस सरकार के भीतर बैठा खलीलुर रहमान है, जो अमेरिकी नागरिक है लेकिन उसे यूनुस का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया गया है। खलीलुर रहमान चीन और पाकिस्तान की यात्रा पर जाने वाला है। उसका मिशन अराकान कॉरिडोर के निहितार्थों के बारे में चीन को गुमराह करना और पाकिस्तान प्रेरित गुप्त योजनाओं पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक के साथ विचार-विमर्श करना है।
दूसरी तरफ बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमान इस महीने के अंत में चीन का दौरा करने वाले हैं। यूनुस शासन जुलाई-चार्टर की घोषणा करके जनरल वकार उज जमान की अनुपस्थिति का फायदा उठाने की फिराक में है। यानि, सेना प्रमुख के चीन रवाना होते ही बांग्लादेश का 1972 का संविधान रद्द कर दिया जाएगा और मौजूदा अंतरिम सरकार को क्रांतिकारी सरकार में बदल दिया जाएगा। इस फार्मूले के तहत राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू को पद से हटा दिया जाएगा और संभवना है कि चुप्पू को गिरफ्तार किया जाएगा। जनरल वकार उज जमान और अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर मानवता के खिलाफ अपराध करने और पिछली अवामी लीग सरकार के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया जाएगा।
यूनुस ने लंदन में तारिक रहमान के साथ हुई गुप्त बैठक में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) को अपने साथ मिला लिया है। बैठक के दौरान, यूनुस ने सत्ता साझा करने के समझौते के बदले में अराकान कॉरिडोर, चटगांव बंदरगाह को पट्टे पर देने, लालमोनिरहाट एयरबेस और सेंट मार्टिन द्वीप को स्थानांतरित करने के लिए समर्थन हासिल किया। बीएनपी अध्यक्ष तारिक रहमान के साथ हुए गुप्त समझौते के मुताबिक मुहम्मद यूनुस को राष्ट्रपति, तारिक रहमान को प्रधानमंत्री और जमात-ए-इस्लामी नेता डॉ. शफीकुर रहमान को उपराष्ट्रपति बनाया जाएगा। उस सरकार में बीएनपी, जमात, हिज्ब उत-तहरीर, हिफाजत-ए-इस्लाम, यू
राजनीतिक समर्थन के साथ, यूनुस अब बांग्लादेश सशस्त्र बलों को खत्म करने पर तुला है। यूनुस ने संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं के जरिए शीर्ष सैन्य अधिकारियों को मानवाधिकारों के हनन के अपराधी के रूप में ब्रांडेड करने के लिए अभियान चला रखा है। पहले से ही, पूर्व डीजीएफआई प्रमुखों और आतंकवाद निरोधक अधिकारियों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप दर्ज हैं। कई अधिकारी घर में नजरबंद हैं। यूनुस शासन इन मामलों का लाभ उठाकर सेना पर दबाव बना रहा है, जिसका लक्ष्य इसे एक नए अर्धसैनिक बल इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी (आईआरए) से बदलना है।
यूनुस इस बात से आशंकित है कि स्थायी सत्ता के बदले बांग्लादेश की संप्रभुता को बेच डालने के उसके कुचक्र में बांग्लादेश के सुरक्षाबल विद्रोह न कर दे। इसलिए सुरक्षाबल को शक्तिहीन करने की लगातार कोशिशें चल रही हैं। यूनुस को डर है कि उसे सबसे ज्यादा और खतरनाक प्रतिक्रिया बांग्लादेश सशस्त्र बलों से मिल सकती है। अगर तथाकथित जुलाई चार्टर घोषित किया जाता है और संविधान को रद्द कर दिया जाता है, तो सेना के पास हस्तक्षेप करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। इस तरह के हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप यूनुस को सत्ता से हटाया जा सकता है और उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जा सकते हैं, जिसमें मानवता के खिलाफ अपराध, भ्रष्टाचार और सार्वजनिक धन का बड़े पैमाने पर गबन शामिल है। इसकी आशंका के चलते बांग्लादेश में दमन बढ़ने की उम्मीद है। असहमति पर व्यापक कार्रवाई, न केवल राजनीतिक विरोधियों बल्कि सैन्य कर्मियों, पत्रकारों और विदेशी आलोचकों पर भीषण दमन की आशंका है।
इसी वजह से यूनुस ने सत्तावादी अधिग्रहण को वैध बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र को हथियार बनाया है। संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर ग्विन लुईस ने हाल ही में बांग्लादेश की तथाकथित सुधार प्रक्रिया के साथ अटूट एकजुटता व्यक्त की और चौंकाने वाले तरीके से अवामी लीग को बाहर करने का समर्थन किया। लुईस ने यह घोषणा भी कर दी कि आम चुनाव अवामी लीग के बिना भी हो सकते हैं। इस बयान से ही साजिश के संकेत समझ में आने लगे हैं। ट्रंप प्रशासन यूनुस का समर्थन कर रहा है। ट्रंप को यह मालूम है कि यूनुस हिलेरी क्लिंटन और जॉर्ज सोरोस का दलाल है, लेकिन अमेरिकी एजेंडे के कारगर होने के नाते ट्रंप चुप हैं। चालाक यूनुस ने एलन मस्क की स्टारलिंक को बांग्लादेश में काम करने का लाइसेंस दिया है और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के करीबी दोस्त जेंट्री बीच को व्यावसायिक अवसर देने का वादा किया है। ट्रंप के करीबी लोग उसी तरह से बड़े पैमाने पर लाभ कमा रहे हैं जैसे कभी क्लिंटन ने किया था।
यह ध्यान रखें कि अराकान कॉरिडोर योजना महज एक रणनीतिक पहल नहीं है, यह बांग्लादेश की संप्रभुता, स्थिरता और भविष्य पर खंजर की तरह है। यह लागू हुआ तो बांग्लादेश के लीबिया, सीरिया या इराक जैसा बनने में देर नहीं होगी। मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश को रसातल की ओर ले जा रहा है। अगर इसे अभी नहीं रोका गया, तो यह साजिश गणतंत्र के हर लोकतांत्रिक स्तंभ को ध्वस्त कर देगी और इसे विदेशी महत्वाकांक्षाओं और घरेलू भयावहता के युद्धक्षेत्र में बदल देगी।
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