मुस्लिम देशों के सोशल मीडिया से कांग्रेस का प्रचार

सरमा के रहस्योद्घाटन से राजनीति में आया संवेदनशील मोड़

मुस्लिम देशों के सोशल मीडिया से कांग्रेस का प्रचार

कांग्रेस प्रचार में सक्रिय 47 मुस्लिम देशों का सोशल मीडिया

गोगोई दम्पति के पाक एजेंट होने की क्यों नहीं हो रही जांच

गुवाहाटी, 21 जून (एजेंसियां)। असम की राजनीति में अप्रत्याशित और अजीबोगरीब मोड़ आ गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के दावे ने न केवल राज्य की राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता को भी काफी गहरा कर दिया है। मुख्यमंत्री सरमा ने आरोप लगाया है कि असम कांग्रेस के समर्थन में अचानक 5,000 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट्स सक्रिय हो गए हैं जिनमें से अधिकांश इस्लामी देशों से ऑपरेट हो रहे हैं। विडंबना यह भी है कि असम के सीएम लगातार गौरव गोगोई और उसकी पत्नी के पाकिस्तानी लिंक को उजागर कर रहे हैं, लेकिन भारत सरकार इसकी जांच कराने से हिचक रही है। भारतीय राजनीति के स्खलित चरित्र का यह सटीक उदाहरण है। मोदी सरकार भी परोक्ष रूप से कांग्रेस के देशद्रोही नेताओं को बचाने का ही काम करती है, ताकि सियासत की दुकान चलती रहे।

मुख्यमंत्री ने हिमंत बिस्व सरमा ने दावा किया है कि ये सोशल मीडिया अकाउंट्स 47 विभिन्न देशों से संचालित हो रहे हैंजिनमें बांग्लादेश और पाकिस्तान से सबसे ज्यादा अकाउंट्स हैं। ये अकाउंट्स पिछले एक महीने से असम कांग्रेस की गतिविधियों और एक विशेष कांग्रेस नेता पर केंद्रित हैं। उन्होंने इसे एक सामान्य चुनावी रणनीति मानने से इन्कार करते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इन अकाउंट्स का मकसद 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले असम के राजनीतिक माहौल को प्रभावित करना है। यह पहली बार है कि असम की सियासत में इतने बड़े पैमाने पर विदेशी हस्तक्षेप देखा गया है। यह सिर्फ राजनीति का मामला नहींबल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा सवाल है।

मुख्यमंत्री सरमा ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला कर यह खुलासा किया कि ये अकाउंट्स न तो राहुल गांधी की पोस्ट्स पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं और न ही अखिल भारतीय कांग्रेस की गतिविधियों पर। इन अकाउंट्स की गतिविधि पिछले एक महीने में खास तौर पर तेज हुई है और इनका ध्यान सिर्फ असम कांग्रेस और एक विशेष नेता की पोस्ट्स पर हैजिन्हें ये लाइक और कमेंट के जरिए बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि सीएम सरमा ने उस कांग्रेस नेता का नाम नहीं लियालेकिन स्पष्ट है कि उनका इशारा असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई की ओर हैजिन्हें मई के अंतिम सप्ताह में यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इन सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए न केवल असम कांग्रेस के पक्ष में प्रचार हो रहा हैबल्कि इस्लामी कट्टरता से जुड़ा कंटेंट भी जमकर शेयर किया जा रहा है। जिनमे प्रो-फिलिस्तीनईरान समर्थन और बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस से संबंधित पोस्ट्स शामिल हैं। ये अकाउंट्स सिर्फ राजनीतिक प्रचार तक सीमित नहीं हैं। इनके जरिए संवेदनशील और उत्तेजक सामग्री भी फैलाई जा रही हैजो चिंता का विषय है। इस संदर्भ में उन्होंने चेतावनी दी कि ये सिर्फ एक राजनीतिक चाल नहींबल्कि सुनियोजित डिजिटल हस्तक्षेप हैजो राज्य की आंतरिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

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हालांकि यह पहली बार नहीं है जब मुख्यमंत्री हिमंत ने इस तरह का दावा किया हो। इसी महीने की शुरुआत में उन्होंने कहा था कि करीब 2,000 फेसबुक अकाउंट्स असम की राजनीति पर टिप्पणी कर रहे हैंजिनमें से आधे से ज्यादा पाकिस्तान और बांग्लादेश से संचालित हैं। उन्होंने तब यह भी दावा किया था कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआईअसम के 2026 के विधानसभा चुनावों में किसी को जिताने की कोशिश कर रही है। तब असम पुलिस की विशेष शाखा को इन अकाउंट्स की जांच का जिम्मा सौंपा गया था।

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मुख्यमंत्री के अनुसार पहली बार असम की राजनीति में इतनी बड़ी संख्या में विदेशी दखल देखने को मिली है। उनका आरोप है कि यह दखल आगामी चुनावों के मद्देनजर राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सरमा ने भारत सरकार से इस मामले की गहन जांच और उचित कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, हमने केंद्र को इसकी पूरी जानकारी दे दी है। यह सिर्फ असम की सियासत का मसला नहींबल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। हमें यह समझना होगा कि इन अकाउंट्स के पीछे कौन है और उनका असल मकसद क्या है?

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बता दें कि असम में 2026 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार और कांग्रेस के बीच सियासी जंग तेज होने की उम्मीद है। गौरव गोगोई के असम कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद हुए इस खुलासे से न केवल कांग्रेस पर दबाव बढ़ा सकता हैबल्कि राज्य की राजनीति में एक नया विवाद भी खड़ा कर सकता है। वहीं समाचार लिखे जाने तक असम कांग्रेस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

हिमंत बिस्व सरमा का यह दावा असम की सियासत में एक नए तूफान के साथ-साथ एक नए तरह के खतरे की ओर इशारा करता है। मुख्यमंत्री के दावे के अनुसार यह एक गंभीर चेतावनी है कि चुनावों को केवल जमीन पर नहींबल्कि स्क्रीन के पीछे बैठे अनदेखे हाथों से भी लड़ा जा सकता है। अगर इन आरोपों की जांच में और भी ठोस सबूत सामने आते हैंतो यह न केवल असम बल्कि पूरे देश की राजनीति में हलचल मचा सकता है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हिंदू पर्यटकों को चुन-चुन कर मारे जाने की घटना के पहले कांग्रेस नेता के पाकिस्तान जाने और 15 दिनों तक वहां पाकिस्तान की खातिरदारी में रहने की बात उजागर हुई थी। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा के इस सनसनीखेज खुलासे पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण भी सामने नहीं आया था। उसके पहले गौरव गोगोई की ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से नजदीकी संबंधों का मामला भी उजागर हुआ था। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के अमेरिकी धनपशु एवं भारत के खिलाफ षडयंत्र करने वाले जॉर्ज सोरोस से नजदीकी संबंधों का भी मामला सामने आ चुका है। वैसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी जॉर्ज सोरोस के साथ खूब अंतरंग हैं। गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न पाकिस्तान के योजना आयोग के वरिष्ठ सलाहकार अली तौकीर शेख के साथ काम कर चुकी है।

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