हफ्ताभर में शुरू हो जाएगी अमरनाथ यात्रा
सुरक्षाबलों की तैनाती का काम पूरा, अभ्यास जारी
जम्मू, 25 जून (ब्यूरो)। अमरनाथ यात्रा शुरू होने में मात्र सात दिन बचा है। हजारों सैनिकों की तैनाती का कार्य कल रात को पूरा कर लिया गया। यही नहीं सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमियों का जानने के लिए आज कई स्थानों पर माक ड्रिल भी आयोजित की गई। अधिकारियों ने दावा किया है कि एक बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था अब एक्टिवेट है, जिसमें 10 से अधिक पुलिस अधीक्षक, 15 पुलिस उपाधीक्षक, जिले में तैनाती के अतिरिक्त और सैकड़ों अर्धसैनिक और पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया है ताकि सुरक्षित और सुचारू तीर्थयात्रा सुनिश्चित की जा सके।
सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे अनंतनाग में आक्रामक आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार यात्रा मार्ग और आसपास के वन क्षेत्रों में प्रतिदिन 20 से अधिक घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और सीआरपीएफ संयुक्त रूप से इलाके की सफाई के लिए इन अभियानों में शामिल हैं। कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी के बकौल, सुरक्षा के सभी इंतजाम पूरे हो चुके हैं। गृह मंत्रालय घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है। बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी सहित केंद्रीय बलों को संवेदनशील क्षेत्रों, खासकर ऊंचाई वाले इलाकों और वन क्षेत्रों में तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अमरनाथ यात्रा की सफलता राष्ट्रीय एकता और लचीलेपन का प्रतीक है। इस साल नागरिक और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय का स्तर अभूतपूर्व है। अधिकारियों ने यात्रियों से पहले से पंजीकरण कराने, वैध पहचान पत्र साथ रखने और आधिकारिक तौर पर अनुशंसित दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है। मौसम की स्थिति अस्थिर बनी हुई है और तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे बिना अनुमति के चक्कर लगाने से बचें और केवल अधिकृत आश्रयों में ही आराम करें।
दक्षिण कश्मीर के हिमालय में भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र गुफा मंदिर की यात्रा 3 जुलाई को शुरू होने वाली है, अनंतनाग जिले के पहलगाम और गंदरबल जिले के बालटाल दोनों मार्गों पर अब कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पूरे पहलगाम मार्ग को 17 क्षेत्रों और 51 उप क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक नामित अधिकारियों के संचालन की कमान के अधीन है। यह बारीक विभाजन वास्तविक समय की निगरानी, त्वरित प्रतिक्रिया और विभिन्न सुरक्षा और प्रशासनिक इकाइयों के बीच निर्बाध समन्वय के लिए है। प्रत्येक जोन में त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), तोड़फोड़ विरोधी दल, पर्वतीय बचाव दल और यातायात नियंत्रण कर्मी रणनीतिक रूप से तैनात रहेंगे।
अनंतनाग जिले में अभियान की देखरेख कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, हम कोई जोखिम नहीं उठा सकते। मार्ग के हर इंच पर मानव खुफिया और तकनीकी निगरानी के साथ निगरानी की जा रही है। उनका दावा था कि सभी संभावित खतरों को पहले से ही बेअसर किया जा रहा है। हमारा उद्देश्य यात्रा को बाधित करने के किसी भी प्रयास के लिए शून्य सहिष्णुता है। तैयारियों का परीक्षण करने के लिए बुधवार को माक ड्रिल भी की गई। इसमें आपातकालीन प्रतिक्रिया इकाइयां, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चिकित्सा दल और यातायात नियामक शामिल थे। ये ड्रिल प्राकृतिक आपदाओं, आतंकी हमलों और स्वास्थ्य आपात स्थितियों सहित विभिन्न परिदृश्यों का अनुकरण करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी हितधारक तालमेल में हैं।
नागरिक प्रशासन को प्रत्येक निर्दिष्ट पड़ाव स्टेशन पर पानी की आपूर्ति, बिजली, स्वच्छता और चिकित्सा सुविधाओं सहित रसद सहायता सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। कई बेस कैंप और लंगर (सामुदायिक रसोई) को साफ कर दिया गया है और आवश्यक अनुमति और सुरक्षा जांच से सुसज्जित किया गया है। पहली बार इतने पुख्ता सुरक्षा इंतजामात किए गए हैं। जिनमें हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी और सैटेलाइट ट्रैकिंग को सुरक्षा ग्रिड में एकीकृत किया गया है। अनंतनाग और गंदरबल दोनों जिलों में विशेष निगरानी केंद्र चालू हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अन्य अधिकारी का कहना था कि जमीनी तैनाती के अलावा, हम प्रमुख चौकियों पर ड्रोन-आधारित टोही और एआई-सक्षम चेहरे की पहचान प्रणाली का लाभ उठा रहे हैं। वे कहते थे कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है, और हम हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं।