इस बार गर्मी से पिघल रहा हिमलिंग

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से नहीं

इस बार गर्मी से पिघल रहा हिमलिंग

जम्मू07 जुलाई (ब्यूरो)। इस बार अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने नहीं बल्कि भीषण गर्मी ने हिमलिंग के अस्तित्व के लिए खतरा बढ़ा दिया है क्योंकि इससे हिमलिंग के वक्त से पहले गायब होने की आशंका है। कई सालों से ऐसा देखने को मिल चुका है कि अक्सर श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से हिमलिंग समय से पहले भक्तों की सांसों के कारण लुप्त हो गए और अबकी बार गर्मी अपना दम दिखा रही है।

3 जुलाई से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में पांच दिनों में ही हिमलिंग के दर्शन् करने वालों का आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले काफी कम है। लेकिन बढ़ते तापमान को हिमलिंग के लिए खतरे के तौर पर लिया जा रहा है। हालांकि इस साल हिमलिंग 22 फुट के बने थे जो भीषण गर्मी के कारण चौथाई रह चुके हैं। हालांकि साल 2018 में हिमलिंग की ऊंचाई 15 फीट थी। दो माह पहले हिमलिंग अपने पूरे आकार में था। यह करीब 20 से 22 फुट का था। अब इसकी ऊंचाई 4 से 5 फुट के बीच रह गई है। यह अब तेजी से पिघल रहा है। इस बार पूरी दुनिया में गर्मी ने जो कहर बरपाया, अमरनाथ यात्रा का प्रतीक हिमलिंग भी उससे अछूता नहीं रहा है।

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब हिमलिंग तेजी से पिघल रहा हो। पिछले कई साल से यह देखने को मिल रहा है कि हिमलिंग यात्रा के आरंभ होने के कुछ ही दिनों के उपरांत पूरी तरह से पिघल रहा है। तब इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ उन लाखों भक्तों की सांसें भी जिम्मेदार होती थीं, जिसकी गर्मी से हिमलिंग पिघलता था। अमरनाथ ग्लेशियरों से घिरा है। ऐसे में ज्यादा लोगों के वहां पहुंचने से तापमान बढ़ता है। इससे ग्लेशियर जल्दी पिघलता है। साल 2016 में भी भक्तों की ज्यादा भीड़ के अमरनाथ पहुंचने से हिमलिंग तेजी से पिघल गया था। उस वर्ष यात्रा के महज 10 दिन में ही हिमलिंग पिघलकर डेढ़ फीट का रह गया था। तब तक महज 40 हजार भक्तों ने ही दर्शन किए थे।

साल 2016 में प्राकृतिक बर्फ से बनने वाला हिमलिंग 10 फीट का था। जो अमरनाथ यात्रा के शुरूआती सप्ताह में ही आधे से ज्यादा पिघल गया था। ऐसे में यात्रा के शेष 15 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्धालु हिमलिंग के साक्षात दर्शन नहीं कर सके थे। साल 2013 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान हिमलिंग की ऊंचाई कम थी। उस वर्ष हिमलिंग महज 14 फुट के थे। लगातार बढ़ते तापमान के चलते वे अमरनाथ यात्रा के पूरे होने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2013 में हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण तापमान में वृद्धि था। उस वक्त पारा 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था।

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साल 2018 में भी बाबा बर्फानी के तेजी से पिघलने का सिलसिला जारी था। 28 जून से शुरू हुई 60 दिवसीय इस यात्रा में एक महीने बीतने पर करीब दो लाख 30 हजार यात्रियों ने दर्शन किए थे। मगर इसके बाद दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का बाबा बर्फानी के साक्षात दर्शन नहीं हुए। बाबा दर्शन देने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। इस बार भी भीषण गर्मी कहें या ग्लोबल वार्मिंग अपना रूप जरूर दिखा रही है।

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