जमालुद्दीन की करोड़ों की सम्पत्ति में पार्टनर हैं सरकारी कर्मचारी
हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाने वाले गिरोह की खुल रही पोल
बलरामपुर, 07 जुलाई (ब्यूरो)। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और अवैध धर्मांतरण कराने के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर का 18 सदस्यों का गैंग था। वहीं तहसील और न्यायालयों में पैठ भी बनाने में भी पीछे नहीं था। उतरौला तहसील कर्मियों से मिलीभगत कर एक तालाब को ही अपने नाम करवा लिया था। इसके साथ ही पुणे में 16 करोड़ की एक जमीन क्रय किया और उसका एग्रीमेंट कर कमाई की योजना बनाई। जिसमें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के लिपिक की पत्नी को हिस्सेदार बनाया।
न्यायालय में पैठ होने के बाद धर्मांतरण में सहयोग न करने वाले या फिर किसी तरह का विरोध पर उनके खिलाफ एफआईआर का आदेश कराने में उसे आसानी हो गई थी। एटीएस की जांच में यह तथ्य उजागर हुआ कि न्यायालय में पैठ बनाने में छांगुर सफल हो गया था। बलरामपुर शहर से सटे बड़ा घुसाह गांव की संगीता देवी को पुणे के मावल तहसील के ग्राम कुनेनामा में क्रय की गई जमीन के कारोबार में हिस्सेदार बनाया। संगीता सीएजेएम न्यायालय के लिपिक राजेश उपाध्याय की पत्नी हैं। एटीएस की रिपोर्ट के मुताबिक एग्रीमेंट में जमीन के करोबार में संगीता को मुनाफे का अंश दिए जाने का उल्लेख है। वहीं न्यायालय के आदेश पर इस्लाम धर्म कबूल न करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने का मामला भी सामने आया है। एटीएस की मानें तो संचित और मालती देवी अनूसूचित वर्ग के हैं, उन्होंने इस्लाम धर्म कबूल नहीं किया तो छांगुर की गैंग ने दोनों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज करा दी गई। इस तरह छांगुर हर स्तर से पैठ गहरी करके संगठित तरीके से धर्मांतरण का गिरोह संचालित कर रहा था। अब एटीएस की कार्रवाई के बाद लोग भूमिगत हो गए हैं।
छांगुर के धर्मांतरण गिरोह में 18 सदस्यों के शामिल होने की रिपोर्ट है। एटीएस ने अपनी जांच में इसका जिक्र किया है कि छांगुर की गैंग में 18 सदस्य हैं, जिसमें अभी छांगुर समेत चार की ही गिरफ्तारी हो सकी है। माना जा रहा है कि 14 अन्य लोगों की तलाश हो रही है। एटीएस की टीम लगातार नजर बनाए है। देर सबेर अन्य 14 लोग भी एटीएस की गिरफ्त में होंगे। इसमें गोंडा, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, औ
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर मूल रूप से गैड़ास बुजुर्ग के रेहरा माफी गांव का रहने वाला है। वर्तमान में उतरौला के मधपुर में आलीशान कोठी बनाकर रह रहा था। शनिवार को छांगुर और उसके करीबी नीतू उर्फ नसरीन की गिरफ्तारी के बाद लोग चर्चा कर रहे थे। लेकिन रविवार को कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। छांगुर की दहशत ऐसी है कि लोग उसके बारे में कुछ नहीं बोलना चाहते हैं। रेहरा माफी गांव के एक व्यक्ति ने इतना जरूर कहा कि जो जैसा करेगा, वैसा भरेगा। छांगुर और नीतू की गिरफ्तारी के बाद निगरानी और बढ़ा दी गई है। क्षेत्र में पुलिस सतर्क है। हर स्तर से नजर रखी जा रही है।
अवैध धर्मांतरण कराने के आरोप में यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी करेगा। दरअसल, एटीएस को पुख्ता सुराग मिले हैं कि छांगुर बाबा ने अवैध धर्मांतरण के जरिये 100 करोड़ रुपये से अधिक रकम जुटाई है। इसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग और अन्य जगहों पर अवैध धर्मांतरण में होने की आशंका के दृष्टिगत एटीएस छांगुर बाबा के बारे में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर ईडी को देगा, ताकि उसके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर मनी ट्रेल का पता लगाया जा सके।
एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि एटीएस की छानबीन में छांगुर बाबा और उसके गैंग के सदस्यों द्वारा 100 करोड़ रुपए से अधिक रकम जुटाने के सुबूत मिले हैं, जिसकी विस्तृत रिपोर्ट ईडी को भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि उसके गैंग के सदस्यों खुद एवं अलग-अलग संस्थाओं के नाम से 40 से भी ज्यादा बैंक खाते खुलवाए थे, जिनके जरिए कई संदिग्ध खातों में रकम ट्रांसफर की गई है। इन खातों का संचालन कई दूसरे राज्यों में हो रहा है। वहीं दूसरी ओर उसके गैंग के सदस्य 40 बार इस्लामिक देशों में यात्रा पर गए थे, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि उनके तार अवैध धर्मांतरण को बढ़ावा देने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भी जुड़े हैं। इसका पता लगाने के लिए उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। वहीं दूसरी ओर छांगुर बाबा को रिमांड पर लेने के दौरान एनआईए के अधिकारी भी उससे गहनता से पूछताछ करेंगे। दरअसल, छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां भी सतर्क हो चुकी हैं और नेपाल सीमा पर चल रहे अवैध धर्मांतरण के इस रैकेट की जांच कर रही हैं। इस बाबत एनआईए के अधिकारी यूपी एटीएस के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं।
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