सावन के पहले दिन सीएम योगी ने किया रुद्राभिषेक
समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की
गोरखपुर, 11 जुलाई (एजेंसियां)। सावन माह के पहले दिन मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार प्रातः काल रुद्राभिषेक और हवन किया। रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण कर उन्होंने भगवान भोले शंकर से चराचर जगत के कल्याण और सभी नागरिकों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
शुक्रवार प्रातः गोरखनाथ मंदिर के अपने आवास के प्रथम तल स्थित शक्तिपीठ में सीएम योगी ने भगवान भोलेनाथ को विल्व पत्र, दुर्वा, मदार पत्र, कमल पुष्प समेत अनेकानेक पूजन सामग्री अर्पित करने के बाद जल, दूध और ऋतुफल के रस से रुद्राभिषेक किया। मठ के विद्वत आचार्यगण एवं पुरोहितगण ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक संपन्न कराया। रुद्राभिषेक के बाद गोरक्षपीठाधीश्वर ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन किया। विधि विधान से पूर्ण हुए रुद्राभिषेक अनुष्ठान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की।
सावन का शुभारंभ होते ही मंदिरों में विशेष पाठ और श्रृंगार का आयोजन शुरू हो गया। सभी प्रसिद्ध मंदिरों में हर रोज विशेष पाठ और महादेव का श्रृंगार किया जाएगा। इस मौके पर पूरा माहौल शिवमय हो गया है। शंखनाद, घंटे घड़ियालों की गूंज और हर-हर महादेव के जयकारों के बीच शुक्रवार से सावन माह का शुभारंभ हो गया। प्रमुख शिवालयों में एक दिन पहले से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो चुके हैं और हर कोना शिवमय हो उठा है। मंदिरों के बाहर बेलपत्र, भांग, धतूरा और पूजा सामग्री से सजी दुकानों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा सकती है। कोनेश्वर, मनकामेश्वर, बुद्धेश्
लखनऊ में चौक स्थित प्राचीन कोनेश्वर मंदिर में भगवान शिव के विशेष पाठ की शुरुआत बृहस्पतिवार शाम 7 बजे से की गई। मंदिर के पुजारी अमर नाथ ने बताया, पूरे माह 25 ब्राह्मण रोजाना शाम 7 से रात 9 बजे तक शिव पाठ करेंगे, जिसके बाद भव्य आरती होगी। श्रद्धालुओं के लिए हर सोमवार को ठंडाई का वितरण किया जाएगा। मंदिर में किए गए अद्भुत श्रृंगार को देखने के लिए दूर-दराज से लोग आ रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि 40 दिनों तक नियमित शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मोहन रोड स्थित बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में इस बार भक्तों को हर दिन भगवान शिव का नया स्वरूप देखने को मिलेगा। मंदिर के पंडित रामपुरी महाराज ने बताया कि एक विशेष श्रृंगार समिति बनाई गई है जो महाकाल का भव्य श्रृंगार उनके प्रिय फल, फूल और पत्तों से करेगी। श्रद्धालुओं के लिए हर दिन विभिन्न प्रकार के भोजन प्रसाद की व्यवस्था भी की गई है। पौराणिक मान्यता है कि राम-लक्ष्मण और सीता ने वनवास के दौरान इसी स्थान पर भगवान शिव की पूजा की थी।
राजेंद्रनगर स्थित महाकाल मंदिर इस बार उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की तर्ज पर आयोजन कर रहा है। मंदिर समिति के महामंत्री गिरीश चंद्र ने बताया कि हर दिन तीन रुद्राभिषेक और भस्म आरती होंगी। सुबह 4 से 7 बजे तक आरती के विशेष आयोजन के साथ। मंदिर को लाइटों और फूलों से सजाया गया है। 24 जुलाई को बाबा महाकाल नगर भ्रमण के लिए पालकी में विराजमान होकर निकलेंगे। मंदिर में भगवान शिव की दक्षिणमुखी प्रतिमा स्थापित है, जो इसे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से जोड़ती है। शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ होती है।
गोमती नदी के तट पर स्थित लगभग 1000 वर्ष पुराना मनकामेश्वर मंदिर इस बार सावन के पहले सोमवार को 1 लाख से अधिक भक्तों के स्वागत को तैयार है। मंदिर की महंत देव्या गिरी ने बताया, दिव्यांग और वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए अलग प्रवेश द्वार, प्राथमिक उपचार व्यवस्था और 100 से अधिक स्वयंसेवकों को तैनाती की गई है। मंदिर के कपाट सोमवार को सुबह 5 बजे खुलेंगे और दोपहर 12 बजे तक दर्शन होंगे। इसके बाद दोपहर 3 बजे से रात 10:30 बजे तक फिर से श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर सकेंगे। हर दिन भक्तों में प्रसाद वितरित किया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान लक्ष्मण ने इसी स्थान पर भगवान शिव की प्रार्थना की थी। यहां मनोकामना पूरी होने की मान्यता है। इसी वजह से इसका नाम मनकामेश्वर पड़ा है। मनोकामना पूरी होने पर भक्त भगवान का श्रृंगार करते हैं।
सावन के पहले दिन काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ दिखी। भोर से ही लोग दर्शन के लिए लाइन में लगे रहे। वहीं धाम परिसर हर-हर महादेव के जयकारे से गूंजता रहा। श्री काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों का रेला लग गया। मंगला आरती के साथ ही बाबा का दर्शन शुरू हुआ तो हर-हर महादेव के जयकारे से पूरा धाम गूंज उठा। मंडलायुक्त व मंदिर के सीईओ समेत अन्य लोगों ने श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की। इस दौरान श्रद्धालु खुशी से झूम उठे। श्रावण मास के प्रथम दिवस का प्रारंभ भगवान विश्वनाथ की मंगला आरती से किया गया। मंगला आरती के बाद इस वर्ष मंदिर न्यास के कार्यपालक समिति के अध्यक्ष मंडलायुक्त एस राजलिंगम की पहल पर श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया गया।
धाम परिसर में बाबा विश्वनाथ, भगवान दंडपाणि एवं उनके मध्य स्थित भगवान बैकुण्ठेश्वर के तीन शिखरों के सम्मुख श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा कर शिखर आराधना के साथ-साथ भक्तों का स्वागत किया गया। इसके बाद मुख्य गर्भगृह से मंदिर प्रांगण में ही विराजमान भगवान बद्रीनारायण मंदिर तक श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा करते हुए हरि-हर की काशी परंपरा को आगे बढ़ाया गया। यह पुष्प दिन भर श्रद्धालुओं को मां अन्नपूर्णा के अक्षत प्रसाद के साथ सावन के पहले दिन स्वागत भेंट के रूप में दिए जाएंगे। मंगला आरती के बाद भक्तों का स्वागत करने के लिए मंदिर न्यास की कार्यपालक समिति के अध्यक्ष मंडलायुक्त एस राजलिंगम, मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण, डिप्टी कलेक्टर शम्भू शरण, तहसीलदार मिनी एल शेखर मौजूद रहे।
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