रूस के साथ व्यापार किया तो लगेंगे कड़े प्रतिबंध

अमेरिकी की तरह नाटो ने भी बंदर घुड़की के अंदाज में कहा

रूस के साथ व्यापार किया तो लगेंगे कड़े प्रतिबंध

प्रतिबंधों के बेअसर रहने से बौखलाया अमेरिका और नाटो

ब्रूसेल्स, 16 जुलाई (एजेंसियां)। रूस पर लगे अमेरिकी और नाटो देशों के प्रतिबंध (सैंक्शन) के पूरी तरह बेअसर होने से अमेरिका और नाटो देश बौखला उठे हैं। अमेरिका की तरह नाटो ने भी बंदर घुड़की देने के अंदाज में कहा है रूस के साथ व्यापारिक संबंध जारी रखने वाले देशों पर भी कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। जाहिर है, यह धमकी खास तौर पर भारत के लिए है। इस धमकी के दायरे में ब्राजील भी आता है। नाटो की धमकी का चीन पर भी कोई असर नहीं पड़ने वाला। प्रतिबंध के बाद रूस से भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति हो रही है और यही कच्चा तेल भारत से परिष्कृत होने के बाद यूरोपीय देश खरीद रहे हैं। अमेरिकी प्रतिबंध को रूस पूरी तरह नजरअंदाज कर रहा है। एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ताल ठोक कर कहा कि प्रतिबंधों का सामना करने के लिए हम तैयार हैं।

डोनाल्ड ट्रंप के रूस के साथ व्यापार करने पर रोक लगाने के बाद अब नाटो ने भी दुनिया भर के देशों को रूस के साथ व्यापार करने पर अल्टीमेटम दिया है। इसमें उन्होंने साफ तौर पर भारत का नाम लिया है। ट्रंप ने मंगलवार को रूस को चेतावनी दी थी कि यूक्रेन के साथ उसे 50 दिन के अंदर शांति समझौता करना पड़ेगा अन्यथा रूस पर 100 प्रतिशत टैरिफ के साथ उसके साथ व्यापार करने वाले अन्य देशों पर भी सेकंड्री टैरिफ लगाया जाएगा। इस कड़ी में ट्रंप ने नाटो के सेक्रेटरी जनरल मार्क रूट से भी मुलाकात की थी। अपनी मुलाकात में ट्रंप ने रूट से कहा था कि शांति समझौता न करने पर रूस के सामानों पर 100 प्रतिशत तक टैरिफ लगेगा। साथ ही जो देश रूस के साथ व्यापार करते हैंउन पर भी सेकंड्री टैरिफ या सैंक्शन लगाए जाएंगे।

मार्क रूट ने कहा कि ब्राजीलचीन और भारत समेत कोई भी अन्य देश अगर रूस के साथ व्यापार जारी रखता है तो उन देशों पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे। असल में यह सभी प्रतिबंध रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष को रोकने के लिहाज से लगाए जाने की कयास लग रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध को रोकने के लिए पहले भी कई प्रयास कर चुके हैं लेकिन अब तक वे रूस के सामने विफल रहे हैं। ऐसे में अब वह रूस पर अपना टैरिफ बम फोड़ रहे हैं। मार्क रूट ने कहा कि अगर आप बीजिंगदिल्ली या ब्राजील में रहते हैं या वहां से आते हैं तो सावधान हो जाइए। यह सेकंड्री सैंक्शंस आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। रूट ने सभी देशों से अपील की है कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन कर शांति वार्ता के लिए समझाएं अन्यथा सेकंड्री सैंक्शन से किसी भी देश को बचाया नहीं जा सकता।

डोनाल्ड ट्रंप रूस के साथ व्यापार पूर्ववत जारी रखने पर भारत के समक्ष पहले भी अपनी आपत्ति जता चुके हैं। हालांकि अमेरिका की आपत्ति को दरकिनार करते हुए भारत ने रूस के साथ अपना व्यापार निरंतर चालू रखा है। अब रूस पर टैरिफ या अन्य देशों पर सेकंड्री सैंक्शन लगाने वाले कदम से भारत को भी नुकसान पहुंच सकता है। गौरतलब है कि अमेरिका ने यूरोपीय यूनियन समेत ब्राजीलम्यांमारबांग्लादेश और कुछ अन्य देशों पर 20 से 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगा दिया है। यह टैरिफ एक अगस्त से लागू हो जाएगा। भारत अब तक इस सूची से बाहर है। इसके साथ ही अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील होने की भी संभावना प्रबल है। ऐसे में इस तरह के सैंक्शन या रूस के साथ व्यापार पर प्रतिबंध का भारत की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना लाजमी है।

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रूस में अभी भी अमेरिका के इस धमकी को नजरअंदाज कर रहा है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में मंगलवार 15 जुलाई 2025 को विदेश मंत्रियों की बैठक में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि अमेरिका के प्रतिबंधों का सामना करने के लिए मॉस्को पूरी तरह से तैयार है। लावरोव ने कहा कि रूस पहले से ही प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में नए प्रतिबंध से निपटने की भी क्षमता रूस के पास मौजूद है।

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