ब्रिटेन से 127 साल बाद लौटा बौद्ध काल का दुर्लभ रत्न

833 करोड़ के पिपरहवा रत्न नीलाम करने वाला था ब्रिटेन

ब्रिटेन से 127 साल बाद लौटा बौद्ध काल का दुर्लभ रत्न

सिद्धार्थनगर के पिपरहवा बौद्ध मंदिर में स्थापित

 

पिपरहवा, 31 जुलाई (ब्यूरो)। भारत को 127 वर्षों बाद भगवान बुद्ध से जुड़े पिपरहवा रत्न वापस मिले हैं। इन रत्नों का मूल्य 100 मिलियन डॉलर (लगभग 833 करोड़) है। ये रत्न ब्रिटेन में थे, जिनकी नीलामी की तैयारी की जा रही थी। भारत सरकार के प्रयास से पिपरहवा रत्न वापस मिल गए हैं। अब इन्हें सिद्धार्थनगर जिले में पिपरहवा मंदिर में स्थापित किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अपने सोशल मीडिया फोरम पर यह जानकारी देशवासियों से साझा की है। पीएम मोदी ने कहा, वास्तव में यह भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण दिन है! पिपरहवा के पवित्र अवशेषों का 127 वर्षों बाद अपने देश लौटना न केवल ऐतिहासिक हैबल्कि यह हमारे बौद्ध धरोहर और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से भारत के गहरे संबंध को भी दर्शाता है। ये अवशेष हमारे उस सतत संकल्प का प्रतीक हैंजिसके तहत हम अपनी विविध और गौरवशाली संस्कृति को संरक्षित और सुरक्षित रखने का प्रयास करते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहापिपरहवा अवशेष 1898 में खोजे गए थेलेकिन औपनिवेशिक काल के दौरान इन्हें भारत से बाहर ले जाया गया था। जब ये इस वर्ष की शुरुआत में एक अंतरराष्ट्रीय नीलामी में सामने आएतो हमने इसे देश में वापस लाने के प्रयास सुनिश्चित किए। इस प्रयास में शामिल सभी लोगों के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूं।

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