विश्व में तीसरा रोप-वे वाला शहर बनने जा रहा वाराणसी
ऑस्ट्रिया के इंजीनियरों की टीम पहुंची काशी, गोंडोला का ट्रायल शुरू
वाराणसी, 31 जुलाई (ब्यूरो)। वाराणसी में लग रहे रोप-वे को लेकर लेकर लोगों में काफी उत्साह है। स्टेशनों पर तेजी से काम भी जारी है। ऑस्ट्रिया के इंजीनियर गोंडोला के मोटर, कंट्रोल सिस्टम, सेफ्टी, स्पीड-ब्रेक की गहनता से जांच करने के लिए वाराणसी पहुंच गए हैं। काशी विश्व के तीसरे शहर में शुमार होने जा रहा है जहां अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए देश के पहले रोप-वे का संचालन किया जाएगा। रोप-वे के संचालन में सुरक्षा और सुगमता का विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
रोप-वे प्रोजेक्ट की सुरक्षा और तकनीकी मजबूती सुनिश्चित करने के लिए ऑस्ट्रिया के विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम पहले सेक्शन के निर्माण के लिए 90 गोंडोला का परीक्षण कर रही है। यह परीक्षण रोप-वे के प्रथम चरण के पहले सेक्शन का कैंट रोप-वे स्टेशन से रथयात्रा रोप-वे स्टेशन तक किया जा रहा है। 14 जुलाई से शुरू हुआ परीक्षण लगभग एक महीने तक चलेगा। पहले सेक्शन का कार्य सितंबर तक पूरा होना है। रोप-वे परीक्षण का उद्देश्य रोप-वे का सुचारू और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करना है। इसके लिए विदेशी विशेषज्ञों की टीम वाराणसी में डेरा डाले हुए है। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक रोप-वे का कमीशनिंग या परीक्षण का काम चल रहा है। एक बार में तीन-तीन गोंडोला को चलाए जा रहे हैं, रोप-वे के कमीशनिंग में गोंडोला, मोटर, केबल, कंट्रोल सिस्टम, सेफ्टी, स्पीड, ब्रेकिं
14 जुलाई से शुरू हुआ परीक्षण का काम लगभग एक महीने में पूरा होगा। 90 गोंडोला को चलाकर परीक्षण किया जाएगा। कमीशनिंग का पूरा काम ऑस्ट्रिया की लाइटनर कंपनी के इंजीनियरों की टीम की ओर से किया जा रहा है। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, यह परीक्षण रोप-वे संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है। सुरक्षा के सभी मानकों के जांच के बाद ही रोप-वे का संचालन सुनिश्चित होगा। काशी आने वाले पर्यटकों को प्रदूषण रहित परिवहन की अच्छी सुविधा मिल सके। इसके लिए रोप-वे का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। रोप-वे का संचालन 16 घंटे होगा। पहले सेक्शन में रोप-वे का पहला स्टेशन, कैंट रोप-वे स्टेशन, दूसरा विद्यापीठ स्टेशन और तीसरा स्टेशन रथयात्रा होगा। दूसरे सेक्शन रथयात्रा से गोदौलिया तक कार्य भी तेजी से चल रहा है। इसके पूर्ण होने बाद कैंट से गोदौलिया तक हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगा।
एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे। यानि 6,000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे। गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचने में लगभग 16 मिनट लगेगा। लगभग 148 ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं। रोप-वे के संचालन में सुरक्षा और सुगमता का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रोप-वे प्रोजेक्ट की सुरक्षा और तकनीकी मजबूती सुनिश्चित करने के लिए ऑस्ट्रिया के विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम ने पहले सेक्शन के निर्माण के लिए 90 ट्रॉली का परीक्षण किया है। ये परीक्षण रोप-वे के प्रथम चरण के पहले सेक्शन का कैंट रोप-वे स्टेशन से रथयात्रा रोप-वे स्टेशन तक किया जा रहा है। 14 जुलाई से शुरू हुआ परीक्षण लगभग एक महीने तक चलेगा। पहले सेक्शन का कार्य सितंबर तक पूरा होना प्रस्तावित है। कैंट से गोदौलिया तक हर डेढ़ से दो मिनट में यात्रियों को ट्रॉली मिलेगी। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे। इस हिसाब से 6,000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे। गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचने में लगभग 16 मिनट लगेंगे। लगभग 148 ट्रॉली चलेंगी। एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं। रोप-वे का संचालन 16 घंटे होगा। रोप-वे परीक्षण का उद्देश्य इसे सुचारू और सुरक्षित संचालन के लिए सुनिश्चित करना है।