असमानता खत्म करने के लिए सर्वेक्षण जरूरी: सीएम सिद्धरामैया

असमानता खत्म करने के लिए सर्वेक्षण जरूरी: सीएम सिद्धरामैया

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने सर्वेक्षण का बचाव करते हुए कहा है कि समाज में असमानता है और इसे दूर करने के लिए सर्वेक्षण के आँकड़े जरूरी हैं| यह जानने के लिए सर्वेक्षण जरूरी है कि कौन सी जाति के लोग निरक्षर, गरीब, भूमिहीन आदि हैं|

यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा है कि जाति सर्वेक्षण से समाज का उत्थान नहीं हो सकता| उन्हें पाप का पता नहीं, समाज में असमानता है| उन्होंने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर की इच्छा थी कि समानता का निर्माण हो| समानता लाने के लिए असमानता को दूर करना होगा|

इसके लिए कमजोर लोगों को समाज की मुख्यधारा में आने का अवसर मिलना चाहिए| इसके लिए कल्याणकारी कार्यक्रम बनाने हेतु आँकड़े जरूरी हैं| उन्होंने कहा कि हम इसे इकट्ठा करने के लिए सर्वेक्षण कर रहे हैं| भाजपा चाहती है कि समाज में असमानता बनी रहे| उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि एक खास जाति सबसे ऊपर रहे और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार भी जाति जनगणना कराने की दिशा में आगे बढ़ रही है| राज्य के बाकी जिलों की तुलना में, लगभग ९५ प्रतिशत बाढ़ उत्तरी कर्नाटक के लगभग ९ जिलों में आई| उन्होंने कहा कि बेलगावी, विजयपुरा, बागलकोट, बीदर, यादगीर, रायचूर, हुब्बल्ली, धारवाड़ और गदग जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं|

केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी के इस बयान पर कि राज्य सरकार संघर्ष का रास्ता छोड़कर केंद्र सरकार से मुआवजा देने का प्रस्ताव पेश करे, प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कुमारस्वामी का बयान स्वागत योग्य है| उन्होंने कहा कि हम केंद्र से अनुरोध करेंगे| मुआवजा दिया जाए| लेकिन जब २०२३ में राज्य में सूखा पड़ा, तो केंद्र सरकार ने सूखा राहत नहीं दी, बल्कि सुप्रीम कोर्ट जाकर मुआवजा ले लिया| उन्होंने कहा कि अगर कुमारस्वामी अब मुआवजा देते हैं, तो यह स्वागत योग्य होगा| उन्होंने कहा कि वह मैसूरु दशहरा समारोह के लिए वहाँ जा रहे हैं और जंबू सवारी और पंजिना परेड में भाग लेंगे|

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