एनएसई ने नाकाम किए थे 40 करोड़ साइबर अटैक
पाकिस्तान ने एनएसई पर किए थे करोड़ों साइबर हमले
देश का आर्थिक ढांचा ध्वस्त करने की थी कोशिश
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (एजेंसियां)। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 40 करोड़ साइबर हमले किए गए, लेकिन एक भी कामयाब नहीं हुए। भारत की अर्थव्यवस्था के ढांचे को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान, चीन और तुर्की ने मिल कर ये साइबर हमले कराए, लेकिन उनमें से एक भी हमला कामयाब नहीं हुआ। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एनएसई ने एक दिन में ही रिकॉर्ड 40 करोड़ से ज्यादा साइबर हमले झेले। हालांकि, हमलावर एनएसई को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सके। एक्सचेंज के तकनीकी ढांचे, मशीनों और विशेषज्ञों की टीम ने सभी हमलों को निष्क्रिय कर दिया।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर हर दिन करीब 17 करोड़ साइबर हमले किए जाते हैं, लेकिन इनसे सुरक्षा के लिए एक खास टीम दिन-रात निगरानी करती है। इनसे निपटने के लिए एक्सचेंज में 24 घंटे सक्रिय साइबर वॉरियर्स की टीम तैनात है जो हमलों को तुरंत पहचानकर रोक देती है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एनएसई ने एक दिन में रिकॉर्ड 40 करोड़ हमले झेले थे। एनएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनएसई पर हर दिन लाखों साइबर हमले होते हैं, लेकिन हमारी टेक्निकल टीम और उन्नत सिस्टम चौबीसों घंटे सक्रिय रहते हैं। विशेष सॉफ्टवेयर और मशीन इंटेलिजेंस की मदद से ये हमलों को नाकाम किया जाता है।
एनएसई में दो साइबर डिफेंस सेंटर हैं जो लगातार निगरानी करते रहते हैं। यहां हर ट्रांजेक्शन और डिजिटल चैनल को सॉफ्टवेयर से स्कैन किया जाता है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रोका जा सके। सुरक्षा सेटअप में ईमेल, पेन ड्राइव, एक्सटर्नल डेटा और डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) हमले से बचाव के लिए सख्त प्रोटोकॉल लागू हैं। जैसे ही कोई संदिग्ध ट्रैफिक दिखता है, सिस्टम ऑटोमैटिक पॉप-अप और अलर्ट जारी कर देता है। डीडीओएस हमला किसी सर्वर पर हजारों स्रोतों से एक साथ ट्रैफिक भेजकर उसे ठप्प कर देता है। अगर ऐसा हमला एनएसई जैसे वित्तीय संस्थान पर कामयाब हो जाए, तो देशभर के लाखों निवेशकों के लिए सिस्टम ठप्प हो सकता है। इसी खतरे को देखते हुए एनएसई ने वल्नेरेबिलिटी असेसमेंट और पेनिट्रेशन टेस्टिंग (वीएपीटी) जैसे सख्त सुरक्षा ऑडिट को सभी ट्रेडिंग मेंबर्स और स्टाफ के लिए अनिवार्य कर दिया है।
एनएसई के पास स्वचालित बैकअप सिस्टम है, जो जरूरत पड़ने पर चेन्नई से रिमोटली एक्टिवेट किया जा सकता है। अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि अगर किसी कारण सिस्टम में गड़बड़ी होती है, तो चेन्नई वाला बैकअप तुरंत काम संभाल लेता है। हालांकि, एनएसई को अब तक ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा है। एनएसई अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते डिजिटल नेटवर्क और ग्लोबल कनेक्टिविटी के कारण साइबर हमलों का जोखिम पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है, लेकिन भारत का स्टॉक एक्सचेंज हर चुनौती के लिए तैयार है।
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