पहलगाम में आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की मौत
जम्मू कश्मीर में फिर लौटा इस्लामिक आतंकवाद का दौर
गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे श्रीनगर
पीएम मोदी ने जताया हार्दिक शोक
सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 22 अप्रैल। अनंतनाग जिले में पहलगाम के पास बैसरन में आतंकियों ने पर्यटकों के नाम और धर्म पूछ-पूछ कर उन्हें गोली मार दी। इस तरह आतंकियों ने एक महिला समेत 28 पर्यटकों को मार डाला। अंधाधुंध गोलीबारी में दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या के बारे में अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं बताया गया है। आज हुए इस हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है, जिसके बाद अधिकारियों ने स्थिति को संभालने के लिए तत्काल कदम उठाए हैं। आतंकी हमले में मारे गए 28 लोगों में से अधिकांश पर्यटक थे जो कश्मीर घूमने आए थे। खबर लिखने तक मरने वालों में से 16 लोगों की पहचान हो पाई थी। 10 घायलों की भी पहचान हुई है।
आतंकी हमले में मरने वालों में तीन विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार दोपहर बाद पहलगाम के बैसरन मैदान में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें तीन विदेशी नागरिकों समेत 28 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। मरने वालों में इटली, इजराइल और नेपाल के नागरिक शामिल हैं।
दोपहर के इस हमले में घुड़सवारी और वसंत के नजारों का आनंद ले रहे परिवारों, महिलाओं और बुजुर्गों सहित पर्यटकों के एक मिश्रित समूह को निशाना बनाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सैन्य वर्दी पहने हुए आतंकियों ने लोगों से उनके नाम और धर्म पूछ-पूछ कर गोलियां मारनी शुरू कर दीं। मृतकों में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी, गुजरात के शालिंदर कल्पिया और कर्नाटक के शिवमोगा जिले के व्यवसायी मंजूनाथ राव शामिल हैं। पर्यटक महाराष्ट्र, गुजरात, ओड़ीशा और कर्नाटक सहित विभिन्न भारतीय राज्यों से आए थे। मृतकों में दो स्थानीय नागरिक भी शामिल हैं। मृतकों में एक महिला और 27 पुरुष हैं। इस हमले में एक उच्च पदस्थ अधिकारी के भी मारे जाने की आशंका है। अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। अगस्त 2019 के बाद बनाया गया द रेजिस्टेंस फ्रंट को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा व्यापक रूप से लश्कर-ए-तैयबा का एक नया रूप माना जाता है, जिसे कश्मीर आतंकवाद को एक स्वदेशी प्रतिरोध आंदोलन के रूप में चित्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। टीआरएफ के संदेश अक्सर एन्क्रिप्टेड प्लेटफार्म का उपयोग करते हैं और इसका उद्देश्य पाकिस्तान समर्थित आतंकी अभियानों के खिलाफ वैश्विक जांच और एफएटीएफ प्रतिबंधों से बचना है।
इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्षेत्र में प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपायों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करने के लिए थोड़ी देर में श्रीनगर पहुंचने वाले हैं। शाह स्थिति की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय चर्चा करेंगे कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए इसे निर्दोष नागरिकों पर कायरतापूर्ण हमला बताया। उन्होंने गृह मंत्री को घटना से निपटने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मोदी ने न्याय की आवश्यकता और क्षेत्र में सार्वजनिक सुरक्षा की बहाली पर भी जोर दिया।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गहरा दुख व्यक्त किया, पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा, निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाना एक अक्षम्य अपराध है। हम सुनिश्चित करेंगे कि जिम्मेदार लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिले। इस त्रासदी के जवाब में, सुरक्षा बलों ने आसपास के वन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है, जिसमें उच्च-स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी पहले से ही मौके पर मौजूद हैं। इस हमले की व्यापक निंदा हुई है और इसने कश्मीर के पर्यटन उद्योग पर भी असर डाला है, जहां हाल ही में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई थी।
एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने पर्यटकों पर नजदीक से गोलियां चलाईं, जिससे कई लोग घायल हो गए। हमले के समय घटनास्थल पर रही एक महिला ने एक समाचार एजेंसी को फोन पर बताया था कि उसके पति को सिर में गोली लगी है, जबकि सात अन्य लोग भी हमले में घायल हुए हैं। महिला ने अपनी पहचान नहीं बताई, लेकिन घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई थी। अधिकारियों ने बताया कि घायलों को निकालने के लिए एक हेलीकॉप्टर को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ घायलों को स्थानीय लोग अपने खच्चरों पर लादकर नीचे लाए। पहलगाम अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया कि 20 घायल पर्यटकों को वहां भर्ती कराया गया है और सभी की हालत स्थिर है।
लोगों का कहना है कि दो आतंकी सेना की वर्दी में आए, पहले उन लोगों ने टूरिस्ट से नाम और उनका धर्म पूछा, इसके बाद उसके सिर में गोली मार दी और फायरिंग करते हुए भाग निकले। अधिकारियों के मुताबिक घटना बैसरन घाटी में हुई, इसमें 20 लोग घायल हैं। इनमें कुछ स्थानीय भी हैं। घायलों में गुजरात, ओड़ीशा, कर्नाटक और महाराष्ट्र के पर्यटक भी शामिल हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में घायल हुए लोगों में विनो भट्ट निवासी गुजरात, माणिक पाटिल, रिनो पांडे, एस बालचंद्रू निवासी महाराष्ट्र, डॉ परमेश्वर, अभिजवन राव निवासी कर्नाटक, संतरू निवासी तमिलनाडु, साहसी कुमारी निवासी ओड़ीशा शामिल हैं।
अनंतनाग जिले के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन कश्मीर रेजिस्टेंस ने ली है। आतंकवादी संगठन कश्मीर रेजिस्टेंस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए कहा है कि गैर-स्थानीय लोगों को 85000 से ज्यादा निवास-पत्र जारी किए गए हैं, जिससे यहां जनसांख्यिकीय परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। ये गैर-स्थानीय लोग पर्यटक बनकर आते हैं, निवास-पत्र प्राप्त करते हैं और फिर ऐसा व्यवहार करने लगते हैं मानो जमीन के मालिक वे ही हैं। नतीजतन, अवैध रूप से बसने की कोशिश करने वालों के खिलाफ हिंसा की जाएगी।
पर्यटकों पर कश्मीर में यह पहला हमला नहीं है। पिछले साल राजस्थान के युगल पर फायरिंग हुई थी। 18 मई 2024 की रात में दो जगह आतंकी हमले हुए थे। पहली घटना अनंतनाग के पहलगाम के पास एक ओपन टूरिस्ट कैंप की थी। यहां आतंकियों ने राजस्थान के जयपुर (राजस्थान) के रहने वाले एक टूरिस्ट कपल को गोली मारी थी। कुछ देर बाद शोपियां के हीरपोरा में रात करीब 10.30 बजे आतंकियों ने लोकल भाजपा नेता ऐजाज अहमद शेख को गोली मारी थी। ऐजाज अहमद को अस्पताल ले जाया गया था और उनकी मौत हो गई थी। जम्मू-कश्मीर में दोनों हमले तब हुए थे, जब यहां आर्टिकल-370 हटने के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव हो रहे थे।
इस बीच जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज दोपहर पहलगाम के बैसरन इलाके में आतंकवादियों के एक समूह पर हुए आतंकी हमले की निंदा की। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा कि वे अविश्वसनीय रूप से स्तब्ध हैं। उमर अब्दुल्ला ने कहा, हमारे मेहमानों पर यह हमला एक घृणित कार्य है। इस हमले के अपराधी जानवर, अमानवीय और घृणा के पात्र हैं। निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी सहयोगी और मंत्री सकीना इटू से बात की है और वे घायलों के लिए व्यवस्थाओं की देखरेख करने के लिए अस्पताल चली गई हैं। उन्होंने कहा कि मैं तुरंत श्रीनगर वापस जा रहा हूं। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए जानलेवा हमले की कड़ी निंदा की है। मुफ्ती ने इसे कायरतापूर्ण हमला बताया और कहा कि इस तरह की हिंसा अस्वीकार्य है और इसकी सार्वभौमिक रूप से निंदा की जानी चाहिए।