युद्ध से बचाव के लिए देशभर में मॉक ड्रिल की तैयारी
केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों से बात की
आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा का अभ्यास आज
नई दिल्ली, 06 मई (एजेंसियां)। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) के लिए देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को मॉक ड्रिल कराने को कहा है, ताकि किसी आपात स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले के सायरन, आम जनता को सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) से जुड़ी ट्रेनिंग देना, ब्लैकआउट उपाय, जरूरी ठिकानों की कैमोफ्लाज (छिपाने की व्यवस्था) और इवैक्यूएशन (निकासी) प्लान का अभ्यास किया जाएगा।
7 मई को देशभर में होने वाली सुरक्षा मॉक ड्रिल को लेकर केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने अहम बैठक की। बैठक में डीजी, सिविल डिफेंस और डीजी, एनडीआरएफ समेत कई उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हुए। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के बीच हुई इस बैठक में गृह मंत्रालय के सबसे वरिष्ठ अधिकारी से सिविल डिफेंस तंत्र को मजबूत करने की तैयारियों की समीक्षा की गई। देशभर के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस के प्रमुख वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।
देशभर में कल राष्ट्रव्यापी सुरक्षा तैयारी अभ्यास किया जाएगा। अभ्यास मुख्य रूप से हवाई हमले के सायरन और ब्लैकआउट जैसी स्थितियों की तैयारी पर केंद्रित होगा। मंगलवार को गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2010 में अधिसूचित 259 नामित नागरिक सुरक्षा जिलों पर विशेष ध्यान दिया गया। राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर जैसे सीमावर्ती राज्यों में स्थित इन जिलों को अभ्यास करने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक सक्रिय हैं। ये नियमित रूप से यातायात और भीड़ प्रबंधन सहित नागरिक कर्तव्यों में लगे रहते हैं। भारत की नागरिक सुरक्षा प्रणाली मुख्य रूप से स्वैच्छिक आधार पर संचालित होती है, जिसे वेतनभोगी कर्मियों के एक छोटे से समूह की ओर से नियंत्रित किया जाता है। आपात स्थिति के दौरान इसे बढ़ाया जाता है।
2010 में गृह मंत्रालय की ओर से संशोधित की गई मॉक ड्रिल वाले जिलों की सूची में राज्यवार संवेदनशीलता के आधार पर जिलों को बांटा गया है। देश के 25 राज्यों के कुल 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को एक से तीन श्रेणी के बीच रखा गया है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने देश के कुल 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट की सूची तैयार की थी। हालांकि, सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को सामान्य प्रशासनिक जिले नहीं कहा जा सकता। उत्तर प्रदेश में ऐसे कुल 19 जिले हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे प्रशासनिक जिले और बख्शी का तालाब, सरवासा जैसे स्थान भी हैं, जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं। यहां एयरफोर्स स्टेशन हैं।
गृह मंत्रालय में हुई बैठक में देशभर के 244 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थिति की समीक्षा की जा रही है। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। यह भी देखा जा रहा है कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।