सुहास शेट्टी मामले को एनआईए को सौंपने से सरकार का इनकार गंभीर सवाल खड़े करता है: कैप्टन चौटा
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| दक्षिण कन्नड़ सांसद कैप्टन बृजेश चौटा ने भाजपा कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने से इनकार करने पर कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला किया है| उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की निगरानी में काम कर रहे कट्टरपंथी तत्वों को बचाने की जानबूझकर कोशिश की जा रही है|
यहां पत्रकारों से बात करते हुए कैप्टन चौटा ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कांग्रेस किस बात से डरती है? मामले को एनआईए को सौंपने में हिचकिचाहट क्यों है, खासकर तब जब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता नहीं बल्कि एक बड़ा वैचारिक हमला है? कैप्टन चौटा ने कहा कि कांग्रेस सरकार, स्पीकर से लेकर गृह मंत्री तक, शुरू से ही हत्या की वैचारिक प्रकृति को कमतर आंकने पर आमादा थी| उन्होंने पूछा उचित जांच शुरू होने से पहले ही, स्पीकर ने अब आरोपी के रूप में नामित व्यक्तियों को दोषमुक्त करने की कोशिश की| इनकार करने और मामले को टालने की इस जल्दबाजी का क्या मतलब है?
चौटा ने गृह मंत्री जी परमेश्वर को क्लीन चिट मंत्री बताया और कहा कि कांग्रेस ने खुद को राउडीशीटर पार्टी बना लिया है| उन्होंने राज्य नेतृत्व पर सीधा कटाक्ष करते हुए पूछा अगर १९ आपराधिक मामलों का सामना कर रहे डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनने दिया जाता है, तो क्या गृह मंत्री उन्हें भी राउडीशीटर कहेंगे? उन्होंने कहा कि २०२३ के चुनावों में लड़ने वाले ५८ प्रतिशत कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं| उन्होंने कहा कि यह पार्टी के नैतिक पतन का पर्याप्त सबूत है| कैप्टन चौटा ने कांग्रेस, एसडीपीआई और प्रतिबंधित पीएफआई के बीच गहरी और खतरनाक सांठगांठ का आरोप लगाया| उन्होंने कहा २०२२ में पीएफआई पर प्रतिबंध के बावजूद, जांच - जिसमें २०२३ का इंडिया टुडे एक्सपोज भी शामिल है - से पता चला है कि पीएफआई के सदस्य एसडीपीआई के बैनर तले फिर से संगठित हो गए हैं| एसडीपीआई नेताओं ने खुद स्वीकार किया कि पीएफआई कैडर अब एसडीपीआई की रीढ़ है| इन तत्वों ने गुमनामी, धन प्रेषण और कांग्रेस शासन द्वारा प्रदान की गई सुरक्षित पनाहगाहों के माध्यम से अपने कार्यों को जारी रखा है|
प्रवीण नेट्टारू मामले का जिक्र करते हुए चौटा ने बताया कि हासन में मुस्तफा पैचर, दिल्ली हवाई अड्डे पर कोडाजे मोहम्मद शेरिफ और अतीक अहमद जैसी प्रमुख गिरफ्तारियाँ एनआईए द्वारा की गई थीं, न कि राज्य पुलिस द्वारा| उन्होंने कहा यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि कांग्रेस के सत्ता में आने के वर्षों बाद भी कर्नाटक में पीएफआई से जुड़े तत्व फल-फूल रहे थे| उन्होंने सार्वजनिक धारणा को पटरी से उतारने के लिए वैचारिक रूप से प्रेरित अपराधों को व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता के रूप में पेश करने की कांग्रेस पार्टी की रणनीति की आलोचना की| चौटा ने कहा वही लोग जो फासिल के परिवार को क्लीन चिट देने के लिए खुद को आगे कर रहे थे, अब सुहास शेट्टी को उपद्रवी बता रहे हैं - सच्चाई को मिटाने का एक क्रूर प्रयास|