तीन नाबालिग पाकिस्तानी नागरिकों ने १५ मई तक मैसूरु में रहने की अनुमति के लिए कोर्ट का रुख किया

तीन नाबालिग पाकिस्तानी नागरिकों ने १५ मई तक मैसूरु में रहने की अनुमति के लिए कोर्ट का रुख किया

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तीन नाबालिग पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया, जिसमें अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी कि उन्हें १५ मई तक मैसूरु में रहने की अनुमति दी जाए और तब तक उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न की जाए, क्योंकि वे १२ मई को होने वाले विवाह समारोह में भाग लेने के बाद भारत छोड़ देंगे|

न्यायमूर्ति एम.जी. उमा की अवकाश पीठ ने बीबी यामिना (८), मुहम्मद मुदस्सिर (४) और मुहम्मद यूसुफ (३) द्वारा दायर याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया, जो सभी बलूचिस्तान, पाकिस्तान के स्थायी निवासी हैं| याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व उनकी भारतीय मां रमशा जहान कर रही हैं, जो मैसूरु की मूल निवासी हैं और २०१५ में अपनी शादी के बाद से अपने पति मुहम्मद फारूक के साथ रह रही हैं, जो पाकिस्तानी नागरिक हैं|  नाबालिग बच्चे अपनी मां के साथ ४ जनवरी, २०२५ को १७ फरवरी, २०२५ तक वैध वीजा पर मैसूरु आए थे| बाद में उनका वीजा १८ जून, २०२५ तक बढ़ा दिया गया|

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता अपनी मां के साथ २८ अप्रैल को अटारी सीमा पर पहुंचे थे, क्योंकि पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के मद्देनजर सभी पाकिस्तानी नागरिकों को ३० अप्रैल तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया था| हालांकि, चूंकि उनके पिता उन्हें सीमा पर लेने नहीं आए और पाकिस्तान ने अपने नागरिकों के लिए भी अपनी सीमा बंद कर दी थी, इसलिए याचिकाकर्ता-बच्चे मैसूरु लौट आए| इसके बाद याचिकाकर्ता की मां ने मैसूरु शहर के पुलिस आयुक्त के माध्यम से अधिकारियों को पत्र लिखकर बच्चों का वीजा १५ मई तक बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसके बाद वे ११/१२ मई को मैसूरु में होने वाली अपनी मौसी की शादी के लिए भारत छोड़ देंगे, जिसके लिए वे मूल रूप से पाकिस्तान से भारत आए थे| याचिका में बताया गया है कि मैसूरु शहर की पुलिस उन्हें चेतावनी दे रही है कि अगर वे तुरंत भारत नहीं छोड़ते हैं तो उनके खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी| याचिका पर आगे की सुनवाई ८ मई तक के लिए स्थगित कर दी गई है|

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