ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन में बेंगलूरु में कांग्रेस ने निकाली तिरंगा यात्रा
-सीएम समेत अन्य नेताओं ने लिया हिस्सा
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ अन्य उपायों के समर्थन में शुक्रवार को बेंगलूरु में तिरंगा यात्रा निकाली गई| तिरंगा यात्रा में हजारों लोगों ने भाग लिया| विधान सौधा और उच्च न्यायालय के बीच मुख्य सड़क के किनारे चिन्नास्वामी स्टेडियम के गोल चक्कर लगाए गए| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया, केपीसीसी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार, मंत्री एच.के. पाटिल, डॉ. जी. परमेश्वर, एन.एस. बोसाराजू, डॉ. एम.सी. सुधाकर, प्रियांक खड़गे, दिनेश गुंडूराव, एच.सी. महादेवप्पा, कई विधायकों के साथ-साथ कांग्रेस कार्यकर्ता, नेता और गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए| सभी लोग अपने हाथों में तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज थामे हुए थे| सड़क पर पदयात्रा में भाग लिया| तिरंगा यात्रा लोगों से खचाखच भरी थी| तिरंगे झंडे फहराने से बेंगलूरु में एक नई चमक आ गई|
तिरंगा झंडा लहराने से नेताओं के चेहरे छिप गए| यह एक अद्भुत दृश्य था जब हजारों लोग तिरंगे के साथ मार्च कर रहे थे और समुद्र की लहरों की तरह अपने झंडे लहरा रहे थे| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया सहित गणमान्य व्यक्ति मार्च कर रहे कार्यकर्ताओं की भीड़ के बीच चले और पुलिस को सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ा| एक समय तो पुलिस ने रस्सियों का प्रयोग कर मुख्यमंत्री और गणमान्य व्यक्तियों को विशेष सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास किया| लेकिन मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने अनुमति देने से इनकार कर दिया| कांग्रेस नेताओं ने भी लोगों के बीच तिरंगा यात्रा में हिस्सा लिया| वंदे मातरम और भारत माता की जय के नारे लगे| ऑपरेशन सिंदूर को समर्थन देने के लिए सेना की प्रशंसा करते हुए पोस्टर दिखाए गए| तिरंगा यात्रा में ३ किमी लंबी सड़क पर एकतरफा यातायात भी प्रतिबंधित कर दिया गया| बेंगलूरु के प्रभारी मंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार दोपहर को अचानक तिरंगा यात्रा निकालने का फैसला किया था| अचानक घोषित किया गया यह कार्यक्रम सरकार द्वारा प्रायोजित था और इसमें सभी को भाग लेने का आह्वान किया गया था, चाहे वे किसी भी पार्टी से संबद्ध हों| लेकिन कांग्रेस के अलावा किसी अन्य पार्टी के नेता ने तिरंगा यात्रा में भाग नहीं लिया|