मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम का किया समर्थन
लखनऊ, 09 मई (एजेंसियां)। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम का समर्थन किया है। बोर्ड ने मामले का हल द्विपक्षीय वार्ता और कूटनीतिक तरीकों से करने की जरूरत बताई। बोर्ड ने वक्फ बचाओ आंदोलन के तहत सभी सार्वजनिक कार्यक्रम 16 मई तक स्थगित कर दिए हैं।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने संकट के समय सरकार, विपक्ष, सेना और जनता से एकजुट होकर खतरों का सामना करने का आह्वान किया। मौजूदा हालात को देखते हुए बोर्ड ने अपने वक्फ बचाओ आंदोलन के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम 16 मई तक स्थगित रखने का निर्णय लिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. कासिम रसूल इलियास ने बताया कि बोर्ड के पदाधिकारियों की ऑनलाइन बैठक में प्रस्ताव पारित कर भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव पर चिंता जताई गई। देश की सुरक्षा के लिए सरकार और सेना की ओर से उठाए गए हर आवश्यक कदम का समर्थन किया।
उन्होंने बताया कि बोर्ड के पदाधिकारियों ने जोर देते हुए कहा कि संकट के समय में, जनता, राजनीतिक दलों, सशस्त्र बलों और सरकार को खतरों का सामना करने के लिए एक साथ आना चाहिए। बैठक में माना गया कि आतंकवाद और निर्दोष नागरिकों की हत्या गंभीर चिंता का विषय है। इस्लामी शिक्षाओं, विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त सिद्धांतों और मानवीय मूल्यों में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। बैठक में द्विपक्षीय वार्ता और चर्चा के माध्यम से मामलों को हल करने की जरूरत बताई गई। उन्होंने कहा कि बोर्ड का मानना है कि युद्ध किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं है, खासकर परमाणु हथियारों की मौजूदगी में। युद्ध से भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की जनता को तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा सभी मुद्दों को बातचीत और अन्य कूटनीतिक तरीकों से हल किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि बैठक में तय किया गया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपना वक्फ बचाओ अभियान जारी रखेगा। हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए बोर्ड की सार्वजनिक बैठकें और कार्यक्रम अगले 16 मई तक के लिए स्थगित रहेंगी। इनडोर कार्यक्रम तय समय के अनुसार जारी रहेंगे। ऑनलाइन बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी, उपाध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी, मौलाना उबैदुल्लाह खान आजमी, मौलाना असगर अली इमाम मेहंदी सलाफी, महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलुर्रहीम मुजद्दिदी, सचिव मौलाना सैयद बिलाल अब्दुल हई हसनी, डॉ. यासीन अली उस्मानी बदायूंनी सहित अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।

