जैविक खेती को अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए: राज्यपाल

-कृषि क्षेत्र में नवाचार भविष्य में क्रांति लाएंगे

 जैविक खेती को अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए: राज्यपाल

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| केंद्र और राज्य सरकारों को कृषि उत्पादकता में सुधार और उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए| राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कृषि वैज्ञानिकों से पूरक अनुसंधान में संलग्न होने का आह्वान किया| बेंगलूरु कृषि विश्वविद्यालय के ५९वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग के कारण कृषि उत्पादन और जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं| भोजन भी एक रासायनिक मिश्रण है| प्राकृतिक कृषि प्रणाली इसका समाधान हो सकती है|

उन्होंने कहा कि युवा वैज्ञानिकों को कृषि शुद्धिकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए| कम भूमि से अधिक उत्पादन के लिए ड्रोन और उपग्रह आधारित प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कृषि को अधिक लाभदायक बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए| कृषि क्षेत्र में नवाचार भविष्य में क्रांति लाएंगे| लेकिन जैविक खेती को अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए| ग्लोबल वार्मिंग, जल समस्या, कीटनाशकों और किसानों की आर्थिक समस्याओं का समाधान ढूंढा जाना चाहिए| उन्होंने कहा कि टिकाऊ कृषि को लागू किया जाना चाहिए| कृषि मंत्री चेलुवरायस्वामी ने कहा कि राज्य सरकार एकीकृत कृषि-खाद्य पार्कों की स्थापना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ डिजिटल खेती प्रौद्योगिकियों पर जोर दे रही है| चालू वर्ष में किसानों को समय-आधारित सलाह उपलब्ध कराने के लिए कॉल सेंटर खोले गए हैं| जल के कुशल उपयोग तथा रोगों एवं कीटों के नियंत्रण के लिए आवश्यक उपाय किए गए हैं|

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं तिलहन, अनाज और दलहन के उत्पादन को बढ़ावा देना, पर्यावरण अनुकूल गतिविधियां सुनिश्चित करना, मृदा उर्वरता का संरक्षण और गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है| कृषि क्षेत्र के विकास के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि चालू कृषि वर्ष में अच्छी बारिश हुई है और बिना किसी सूखे की स्थिति के अच्छा उत्पादन दर्ज किया गया है| उन्होंने बताया कि जहां देश की कृषि वृद्धि दर ३.८ प्रतिशत है, वहीं राज्य में ४ प्रतिशत की उच्च वृद्धि हुई है| डॉ. यू.एस. अवस्थी ने कहा कि आधुनिक कृषि पद्धतियों को सुरक्षित बनाने की जिम्मेदारी युवा वैज्ञानिकों पर है|

रसायनों के अत्यधिक उपयोग के कारण भोजन जहरीला होता जा रहा है| अंतर्राष्ट्रीय मानकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए| फसल विफलता, बाजार की समस्याएं, सिंचाई की समस्याएं और कृषि श्रमिकों की कमी जैसी गंभीर समस्याओं का समाधान ढूंढा जाना चाहिए| उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने की जरूरत है| इफको ज्ञान और प्रौद्योगिकी के आधार पर ९ पर्यावरण अनुकूल उर्वरक पेश करेगा| मिट्टी और पानी की सुरक्षा के लिए अधिक सावधानी की आवश्यकता है|

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उन्होंने कहा कि किसानों को बहुफसली मॉडल के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए| उन्होंने कहा कि कृषि प्रौद्योगिकी महंगी है और कृषि वैज्ञानिकों को इस चुनौती से निपटने, खेती को किफायती बनाने तथा उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनुसंधान करना चाहिए| इस मौके पर ८७१ विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में स्नातक उपाधि, ३११ को स्नातकोत्तर उपाधि तथा ८९ को डॉक्टरेट उपाधि प्रदान की गयी| स्नातकोत्तर वर्ग में ६२ और स्नातक वर्ग में ५८ लोगों को स्वर्ण पदक प्राप्त हुए|

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सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुब्रमण्यम और इफको के सेवानिवृत्त प्रबंध निदेशक योगेन्द्र कुमार को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई|

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