"भारत बोलेगा, वामपंथी जलेंगे!"
भारत बोलेगा, दुनिया सुनेगी: 30 साल तक हिंदुस्तान करेगा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर राज!
नई दिल्ली, 30मई (एजेंसी): जो भारत कभी IMF की दया पर जिंदा रहता था, आज वही भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है — वो भी सिर्फ 1-2 साल नहीं, पूरे 30 साल तक! केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जब ये एलान किया, तो कुछ लोगों की नींद उड़ गई। खासकर उन बुद्धिजीवियों की जो भारत की हर उपलब्धि को शक की नजर से देखते हैं, और हर आर्थिक आकंड़े को 'जुमला' कहकर खारिज करते हैं।
CIआई सम्मेलन में गोयल ने साफ कहा — "भारत अब रुकने वाला नहीं है।"
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₹690 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार
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महज 4% से नीचे नियंत्रित महंगाई
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8% तक ले जाई जा सकने वाली स्थिर विकास दर
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रिकॉर्डतोड़ FDI
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वैश्विक अस्थिरता के बीच सबसे मजबूत उभरती अर्थव्यवस्था
लेकिन सवाल ये है कि क्या ये बातें देश के वामपंथी मीडिया की सुर्खियां बनेंगी? बिल्कुल नहीं।
क्योंकि उन्हें सिर्फ नकारात्मकता बेचनी है। लेकिन अब भारत बिकाऊ नहीं रहा।
गोयल ने अमेरिका, यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड समेत कई देशों से हो रही व्यापारिक बातचीत की भी जानकारी दी। भारत अब व्यापार का मोहताज नहीं, नायक बन रहा है। अब FTA में निवेश की शर्तें भारत तय करता है, और नॉर्वे जैसे देशों के निवेश आंकड़े भी हमारी आर्थिक मजबूती का प्रमाण हैं।
भारत अब नंबर तीन नहीं, नंबर एक की दौड़ में है
IMF तक को मानना पड़ा है कि 2027 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। लेकिन असल सवाल ये है कि क्या हम सिर्फ नंबर गिनने के लिए दौड़ रहे हैं? नहीं।
भारत अब केवल GDP की नहीं, गरीब की बात करता है।
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मुफ्त स्वास्थ्य
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गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
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रोजगार
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कौशल विकास
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सम्मानजनक जीवन
ये सब बातें महज घोषणाएं नहीं, जमीन पर साकार हो रही हैं।
मीडिया क्यों चुप है? क्योंकि एजेंडा बिकता है, देशहित नहीं!
जब कोई बच्चा भुखमरी से मरता है तो ब्रेकिंग न्यूज बनती है। लेकिन जब 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को दिशा देने वाली नीति बनती है, तो चैनल 'बुलेट ट्रेन बनाम बेरोजगारी' जैसे प्रोपेगंडा दिखाते हैं।