रात भर हुई १०० मिमी से अधिक बारिश से जनजीवन प्रभावित

-शहर के विभिन्न इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति

रात भर हुई १०० मिमी से अधिक बारिश से जनजीवन प्रभावित

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| रविवार और सोमवार के दरम्यान रात को शहर में हुई भारी बारिश ने बेंगलूरु को पूरी तरह से तबाह कर दिया, क्योंकि सड़कें, बस स्टैंड, लेआउट पानी से भर गए, जिससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा| कुछ इलाकों में लोगों को नावों और ट्रैक्टरों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया|


प्री मानसून बारिश और बृहत बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) द्वारा बाढ़ से निपटने के उपायों में कमी के कारण पिछले तीन दिनों से शहर जलमग्न है| बाढ़ के लिए बदनाम लेआउट - साई लेआउट, ट्रिनिटी फॉर्च्यून लेआउट, रेनबो ड्राइव लेआउट - में पानी घरों में घुस गया, जिससे बीबीएमपी को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा| सोमवार की सुबह शहर के कुछ हिस्सों में सड़कों पर पानी भर गया, जबकि रविवार रात हुई मध्यम से भारी बारिश के कारण सवारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा| कोरमंगला, इंदिरानगर, सिल्क बोर्ड जंक्शन, इलेक्ट्रॉनिक सिटी फ्लाईओवर और अन्य इलाकों में सुबह-सुबह यातायात जाम हो गया, क्योंकि पानी जमा होने से वाहनों की आवाजाही धीमी हो गई| कुमार नामक एक यात्री ने कहा कि उनके घर और कार्यालय के बीच की अधिकांश सड़कें जलमग्न थीं और यातायात जाम के कारण उनकी यात्रा में लगभग एक घंटे की देरी हुई| कुमार ने कहा कि मानसून आने से पहले ही शहर में यही स्थिति है और बारिश के मौसम में उड़ानों का क्या हाल होगा| एक अन्य यात्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सिटी फ्लाईओवर को सुबह के समय यातायात के लिए बंद कर दिया गया था, क्योंकि फ्लाईओवर के बीच में पानी जमा हो गया था| हर बार जब बारिश होती है तो फ्लाईओवर यातायात के लिए बंद हो जाता है|

 बन्नेरघट्टा रोड और अन्य जगहों पर भी जलभराव के कारण यातायात जाम हो गया| शांतिनगर बस स्टैंड का एक हिस्सा भी जलमग्न हो गया| कई जगहों पर हवा के कारण शाखाएं और पेड़ भी गिर गए, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गईं और कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए| खास तौर पर होरमावु में श्री साई लेआउट में बीबीएमपी ने निवासियों को बचाने के लिए आपदा प्रबंधन दल भेजा| नीलूफर अहमद नामक एक निवासी ने कहा कि पानी कमर के स्तर तक बढ़ गया है और सौ से ज्यादा घरों में घुस गया है, इसलिए बीबीएमपी ने लोगों को निकालने के लिए नावों और ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया है| बाढ़ के पानी के कारण निवासियों को रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीदने में काफी संघर्ष करना पड़ा| इस लेआउट में कई सालों से बाढ़ आ रही है| गेड्डालाहल्ली के ट्रिनिटी फॉर्च्यून लेआउट की स्थिति भी अलग नहीं है| राजकालुवे में ओवरफ्लो के कारण पानी १० से ज्यादा घरों में घुस गया है| रेनबो ड्राइव लेआउट के अंदर भी पानी सड़कों पर घुस गया है| शहर के कई इलाकों में बिजली भी गुल हो गई क्योंकि खंभे उखड़ गए और ट्रांसमिशन केबल टूट गए|

कई निवासियों ने बिजली आने तक घंटों अंधेरे में बिताए| १९ मई को सुबह ८:३० बजे दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले २४ घंटों में बेंगलूरु शहर में १०५.५ मिमी बारिश हुई| एचएएल एयरपोर्ट पर ७८.३ मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर १०५.५ मिमी बारिश हुई| इसकी तुलना में, मई २०२२ में ११४.६ मिमी बारिश हुई, जबकि मई का अब तक का रिकॉर्ड १५३.९ मिमी है, जो ६ मई, १९०९ को बना था|

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शहर के कई हिस्सों में बिजली कटौती


कर्नाटक राज्य प्राकृतिक आपदा निगरानी केंद्र (केएसएनडीएमसी) के आंकड़ों के अनुसार, १८ मई को सुबह ८:३० बजे से १९ मई को सुबह ७ बजे के बीच बेंगलूरु के कई स्थानों पर १०० मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई| इनमें केंगेरी (१३२ मिमी), केएसएनडीएमसी जीईओ कैंपस (१२५.८ मिमी), सोमाशेट्टीहल्ली (११९.५ मिमी), मदनायकनहल्ली (११६.५ मिमी) और येलहंका चौडेश्वरी (१०३.५ मिमी) शामिल हैं| शहर के कई हिस्सों में बिजली कटौती भी देखी गई, क्योंकि खंभे उखड़ गए और ट्रांसमिशन केबल टूट गए| कई निवासियों को बिजली आपूर्ति बहाल होने तक घंटों अंधेरे में रहना पड़ा| येलहंका, हेनूर, सिंगसंद्रा, शिवाजीनगर, कस्तूरी नगर, बानसवाड़ी, बीटीएम लेआउट, मुन्नेकोलाल और मत्तीकेरे जैसे कई इलाकों में नागरिकों ने शिकायत की है कि रविवार रात या सोमवार सुबह से ही बिजली आपूर्ति बाधित है| येलहंका के पास रामंगोंडानहल्ली की निवासी मंजुला आर. ने कहा सुबह से बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है और इस वजह से हम टैंक में पानी भी नहीं भर पा रहे हैं| सप्ताह के दिनों में सुबह के समय हमारे पास खाना पकाने के लिए भी बिजली या पानी नहीं होता है|

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