जब राजगोपालचारी ने कन्नड़ को तमिल से विकसित कहने पर माफी मांगी थी, तो कमल हासन क्यों नहीं: कोर्ट
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अभिनेता कमल हासन से पूछा कि क्या वह अपने इस बयान के लिए माफी मांगना चाहते हैं कि कन्नड़ तमिल से पैदा हुआ है जबकि भारत के तत्कालीन गवर्नर-जनरल सी. राजगोपालचारी ने १९५० के दशक में इसी तरह का बयान देने के लिए माफी मांगी थी|
न्यायालय ने राजकमल फिल्म्स इंटरनेशनल का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता से पूछा जब राजगोपालचारी जैसे लोग माफी मांग सकते हैं, तो कमल हासन क्यों नहीं मांग सकते, जिसने हासन की तमिल फिल्म ठग लाइफ की सुचारू रिलीज के लिए कर्नाटक में पुलिस सुरक्षा मांगी है क्योंकि कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स और विभिन्न कन्नड़ समर्थक संगठनों ने अभिनेता द्वारा माफी मांगे जाने तक कर्नाटक में इसकी रिलीज का विरोध किया है| न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने वरिष्ठ अधिवक्ता ध्यान चिन्नप्पा से यह सवाल पूछा कि क्या यह हासन नहीं थे जिन्होंने अपने बयान से कर्नाटक में अशांति की स्थिति पैदा की| हासन याचिकाकर्ता-कंपनी के निदेशकों में से एक हैं| याचिकाकर्ता-कंपनी का प्रतिनिधित्व न्यायालय में एक अन्य निदेशक वी. नारायण ने किया| आप कमल हासन हो सकते हैं, लेकिन किसी भी नागरिक को जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है| तीन चीजें हैं जिनके प्रति लोग बहुत भावुक होते हैं, वे हैं भूमि, जल और भाषा, ये तीनों चीजें किसी भी नागरिक के लिए महत्वपूर्ण हैं|
आप जानते हैं कि इस देश का विभाजन भाषाई आधार पर हुआ है| राज्य भाषाई आधार पर बने हैं| इसलिए हासन भाषा के महत्व को जानते हैं| अदालत ने आगे कहा हासन जैसे सार्वजनिक व्यक्ति सार्वजनिक मंच पर यह बयान देते हैं कि एक भाषा दूसरी भाषा से पैदा होती है, जबकि किसी दूसरी भाषा से कोई भाषा पैदा नहीं हो सकती| इसे समर्थन देने के लिए सामग्री कहां है| उस बयान के कारण जो हुआ है, वह अशांति, वैमनस्य है| कर्नाटक के लोगों ने क्या मांगा? माफी| अब आप अपने द्वारा पैदा की गई परिस्थिति के लिए पुलिस सुरक्षा मांगने के लिए अदालत के सामने आए हैं| क्या कर्नाटक के लोगों ने यह परिस्थिति पैदा की है? जब अदालत ने अधिवक्ता से पूछा कि क्या हासन इतिहासकार हैं, तो अधिवक्ता ने कहा कि अभिनेता ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह इतिहासकार नहीं हैं और उनके बयान को संदर्भ से बाहर ले जाया गया है|
इस पर अदालत ने पूछा कि किस आधार पर हासन ने विवादास्पद बयान दिया था| न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने हासन के अधिवक्ता को बताया कि राजगोपालाचारी ने कन्नड़ लेखकों द्वारा लिखे गए पत्र के जवाब में, यह बयान देने के लिए लिखित रूप में माफी मांगी थी कि कन्नड़ तमिल से विकसित हुई है| न्यायालय ने कहा एक माफी से सब कुछ हल हो जाता, जबकि हासन अपने वाणिज्यिक हितों की रक्षा के लिए इस न्यायालय के समक्ष आए हैं|
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ठग लाइफ की रिलीज पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई
इसी बीच कर्नाटक और कन्नड़ लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोपों के बाद हाई कोर्ट ने बहुप्रतीक्षित तमिल अभिनेता कमल हासन की फिल्म ठग लाइफ की रिलीज पर रोक लगा दी है| याचिका की अगली सुनवाई १० जून को होगी और हाई कोर्ट की एकल सदस्यीय पीठ नागमूर्ति एच. नागप्रसन्ना ने कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स और कमल हासन के बीच विवाद सुलझने तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है| हाई कोर्ट ने अभिनेता कमल हासन को कड़ी फटकार लगाई है| इसके चलते ५ तारीख को देश-विदेश में रिलीज होने वाली कमल हासन की ठग लाइफ फिल्म कर्नाटक में रिलीज नहीं हो पा रही है| अगर उन्होंने माफी मांगी होती तो याचिका पर सुनवाई हो सकती थी| लेकिन उनका (कमल हासन का) अहंकार आड़े आ रहा है| चैंबर ऑफ कॉमर्स ने उनसे माफी मांगने का अनुरोध किया है| लेकिन कमल हासन का कहना है कि वह माफी नहीं मांगेंगे| एक सप्ताह के भीतर इस मुद्दे का समाधान हो जाना चाहिए| महाधिवक्ता ने तब तक फिल्म को रिलीज न करने का नोटिस जारी किया और याचिका की सुनवाई १० जून तक के लिए स्थगित कर दी| नागप्रसन्ना की बेंच ने कमल हासन के वकील ध्यान चिन्नप्पा को निर्देश दिया कि अभी भी अगर आप अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए माफी मांगते हैं तो समस्या का समाधान हो जाएगा| गंभीर परिस्थिति में विवेक का इस्तेमाल जरूरी है| अगर आप जिद्दी बने रहेंगे तो समस्या और बढ़ेगी| आपके मुवक्किलों के लिए समय अभी भी खत्म हो रहा है| अपना सही दिमाग दिखाएं|

