सोने की तस्करी मामले में ईडी के साथ सहयोग करेंगे: गृह मंत्री जी परमेश्वर
रान्या राव क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान पर टिप्पणी नहीं करेंगे
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा कि वह सिद्धार्थ शैक्षणिक संस्थान द्वारा न्यायिक हिरासत में बंद और सोने की तस्करी के मामले में पकड़ी गई रान्या राव के ४० लाख रुपये के क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान करने के आरोपों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं करेंगे|
अपने स्वामित्व वाले शैक्षणिक संस्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी बुधवार को हमारे संस्थानों में आये थे| उन्होंने तीन शैक्षणिक संस्थानों - सिद्धार्थ टेक्निकल कॉलेज, तुमकुरु तथा सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, बेगुर के साथ-साथ सिद्धार्थ एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन नामक विश्वविद्यालय का दौरा किया| उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया है| शैक्षणिक संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि वे ईडी अधिकारी जो भी मांगें, उसे उपलब्ध कराएं|
उन्होंने कुछ जानकारी एकत्र की और हमारे लेखा विभाग से पूछताछ की| इस देश के कानून में विश्वास रखने वाले व्यक्ति के रूप में, मैं सहयोग करूंगा और जांच के दौरान जो भी सामने आएगा उसके लिए तैयार रहूंगा| उन्होंने कहा कि यहां कोई व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, सिद्धार्थ एक शैक्षणिक संस्थान है| मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार रात एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि संगठन द्वारा रान्या राव के ४० लाख रुपये के क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान के संबंध में यह जांच चल रही है| मैं इस समय इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा| पहले जांच पूरी हो जाए और रिपोर्ट आ जाए| उन्होंने कहा मैं उससे पहले कोई अनावश्यक बयान नहीं दूंगा| हम इस टिप्पणी का जवाब नहीं दे रहे हैं कि केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों ने दलित नेताओं को निशाना बनाकर छापे मारे हैं| उन्होंने दोहराया कि जांच रिपोर्ट आने से पहले कुछ भी कहना अनुचित होगा|
मुडा मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरामैया को निशाना बनाया गया| उन्होंने कहा कि वह इन आरोपों का जवाब नहीं देंगे कि परमेश्वर की संस्थाओं पर हमला इसलिए किया गया क्योंकि वह मुख्यमंत्री पद के आकांक्षी हैं| इसके लिए एक समय आएगा| पूर्व विधायक से एचएमएस शिक्षण संस्थान खरीदते समय जमीन की कीमत निर्धारित मूल्य से कम दर्शाए जाने के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि इन सब बातों की जांच के लिए अलग व्यवस्था है| राजस्व विभाग का उप-रजिस्ट्रार मूल्यांकन करेगा| उन्होंने कहा कि एचएमएस और सिद्धार्थ शैक्षणिक संस्थान के बीच निष्पक्ष लेनदेन हुआ| यदि कोई कमियां हैं तो उन्हें पहचाना जाए| उन्होंने कहा मैं अभी कुछ नहीं कहना चाहता|