16 विशेष विद्यालयों में 1680 दिव्यांग बच्चों को मिल रही मुफ्त शिक्षा

16 विशेष विद्यालयों में 1680 दिव्यांग बच्चों को मिल रही मुफ्त शिक्षा

लखनऊ11 जून (एजेंसियां)। प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के शैक्षिक पुनर्वास को एक नई दिशा दे रही है। योगी सरकार विशेष विद्यालयों के संचालन की योजना के तहत राज्य में 16  विशेष विद्यालय संचालित किए जा रही हैंजिनकी कुल छात्र क्षमता 2040 है। इन विद्यालयों में वर्तमान में 1680 दिव्यांग बच्चे पढ़ाई कर रहे हैंजो शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। योगी सरकार की यह पहल न केवल दिव्यांग बच्चों को सशक्त बना रही हैबल्कि समाज में समावेशिता को भी बढ़ावा दे रही है।

योजना के तहत दिव्यांगता की विभिन्न श्रेणियों के अनुरूप अलग-अलग विद्यालय स्थापित किए गए हैं। प्रयास विद्यालय चलन-बाधित दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए प्रतापगढ़ और लखनऊ में हाई स्कूल स्तर तक संचालित किए जा रहे हैंजिनकी कुल छात्र क्षमता 100 है। वहीं मानसिक मंदता से प्रभावित बच्चों के लिए ममता विद्यालय प्रयागराज में बालकों और लखनऊ में बालिकाओं के लिए जूनियर हाई स्कूल स्तर तक चल रहे हैंजिनकी क्षमता भी 100 है। मूक-बधिर बच्चों के लिए योगी सरकार संकेत विद्यालय का संचालन कर रही है जो आगरालखनऊबरेलीफर्रुखाबाद और गोरखपुर में संचालित हैंजहां आगरा में हाईस्कूल और बाकी जगह जूनियर हाई स्कूल स्तर की पढ़ाई होती है। इनकी कुल क्षमता 790 है।

दृष्टिबाधित बच्चों के लिए स्पर्श विद्यालय लखनऊ और गोरखपुर में बालक-बालिकाओं के लिए एक-एकमेरठ और बांदा में बालकों के लिए और सहारनपुर में बालिकाओं के लिए संचालित हैं। इनकी कुल छात्र क्षमता 1050 है। इन सभी विद्यालयों में विशेष शिक्षकों और संसाधनों के जरिए बच्चों को उनकी जरूरत के अनुरूप शिक्षा दी जा रही हैताकि वे अपनी क्षमताओं को पहचान सकें और समाज में अपनी जगह बना सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के संकल्प के साथ लगातार काम कर रहे हैं। सीएम योगी का मानना है कि दिव्यांग बच्चों की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण के जरिए एक समावेशी समाज का निर्माण कर सकते हैं। यही वजह है कि इन विशेष विद्यालयों के माध्यम से दिव्यांग बच्चों के न केवल शिक्षा बल्कि समग्र विकास पर जोर दिया जा रहा है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले 1680 बच्चों के लिए विशेष प्रशिक्षणसहायक उपकरण और अनुकूल माहौल भी उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना न केवल शिक्षा तक सीमित हैबल्कि इन बच्चों के भविष्य को संवारने में भी मदद कर रही है। विशेष विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को साकार कर रहे हैं।

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