पहलगाम में आतंकियों को शरण देने वाले दो गिरफ्तार
जम्मू, 22 जून (ब्यूरो)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को पनाह देने वाले दो स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों की पहचान पहलगाम के बटकोट के रहने वाले परवेज अहमद जोथर और पहलगाम के हिल पार्क के रहने वाले बशीर अहमद जोथर के रूप में हुई है। इन्होंने हमले में शामिल तीन आतंकियों की पहचान का खुलासा किया है और यह भी पुष्टि की है कि वे प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिक थे।
जांच में पाया गया कि परवेज और बशीर ने हमले से पहले हिल पार्क में एक मौसमी ढोक (झोपड़ी) में तीन हथियारबंद आतंकियों को शरण दी थी। दोनों लोगों ने आतंकियों को खाना, आश्रय और रसद की मदद की थी। उन्हीं आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों को चुन-चुन कर मार डाला था। आतंकियों को शरण देने वाले दोनों देशद्रोहियों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में आगे की जांच जारी है। पिछले महीने एनआईए ने सभी पर्यटकों और स्थानीय लोगों से अपील की थी कि अगर उनके पास पहलगाम आतंकी हमले से संबंधित कोई जानकारी, फोटो या वीडियो हो तो वे उसे तुरंत एजेंसी के साथ शेयर करें।
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को पहलगाम आतंकी हमले से निपटने के केंद्र सरकार के तरीके की आलोचना की। उन्होंने सवाल उठाया कि आतंकियों को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है। अब्दुल्ला ने कहा, वे पहलगाम में कैसे आए? जब हमारे पास हर जगह ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे हैं, तो वे अभी भी क्यों खुलेआम घूम रहे हैं। हमारे पास इतनी सेना, ड्रोन और सारी तकनीक है। वे कैसे आए? आज तक उनका पता नहीं चल पाया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा,यहां लेफ्टिनेंट गवर्नर का प्रभार है। उन्होंने उनके खिलाफ क्या किया? गृह मंत्री पहलगाम हमले से कुछ दिन पहले आए और कहा कि हमने आतंकी नेटवर्क को नष्ट कर दिया है। फिर हमला कैसे हुआ।
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