अमेरिकी हमलों के बाद दुनियाभर में चिंता
नई दिल्ली, 22 जून (एजेंसियां)। ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों के बाद पूरी दुनिया की चिंता बढ़ गई है। तमाम देश इस बात को लेकर चिंतित हैं कि इससे क्षेत्रीय संघर्ष बढ़ेगा। सभी देशों ने अमेरिका, ईरान और इजराइल से सावधानी बरतने और कूटनीति से काम करने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका के हमलों से गंभीर रूप से चिंतित हैं। अब इस बात का खतरा बढ़ रहा है कि इजराइल-ईरान संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है। इसके नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए भयावह परिणाम होंगे। मैं सदस्य देशों से तनाव कम करने का आह्वान करता हूं। कोई सैन्य समाधान नहीं है। आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता कूटनीति है। न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने सभी पक्षों से बातचीत पर लौटने की अपील की है। विदेश मंत्री ने कहा कि हमले तो अभी-अभी हुए हैं। विदेश मंत्री पीटर्स ने कहा कि यह संकट सबसे गंभीर है जिसका मैंने कभी सामना किया है। इसे बढ़ाने से बचा जा सकता है। कूटनीति से सैन्य कार्रवाई की तुलना में अधिक स्थायी समाधान प्राप्त होगा।
चीन की सरकारी मीडिया ने कहा कि अमेरिकी हमले एक खतरनाक मोड़ हैं। 2003 में इराक पर अमेरिकी आक्रमण का हवाला देते हुए सीजीटीएन के लेख में कहा गया है कि इतिहास ने बार-बार दिखाया है कि मध्य पूर्व में सैन्य हस्तक्षेप अक्सर अनपेक्षित परिणाम उत्पन्न करते हैं। इनमें लंबे समय तक संघर्ष और क्षेत्रीय अस्थिरता शामिल है। इसलिए जरूरी है कि बातचीत को प्राथमिकता देते हुए संतुलित, कूटनीतिक दृष्टिकोण अपनाया जाए।
जापान के एनएचके टेलीविजन के अनुसार जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा रविवार दोपहर को ईरानी परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले को लेकर प्रमुख मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि वह रविवार को एक आपातकालीन बैठक करेगा। इसमें अमेरिकी हमलों और दक्षिण कोरिया की संभावित प्रतिक्रिया के सुरक्षा और आर्थिक परिणामों पर चर्चा की जाएगी। ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को तेहरान में अपना दूतावास बंद कर दिया। कर्मचारियों को निकाल लिया, संघर्ष के कूटनीतिक अंत के लिए दबाव बनाया है। ऑस्ट्रेलिया के अधिकारी ने कहा कि ईरान का परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। हम अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान पर गौर करते हैं कि अब शांति का समय आ गया है। क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति अत्यधिक अस्थिर है। हम तनाव कम करने, संवाद और कूटनीति का आह्वान करते हैं।