अंडमान सागर में मिला तेल का विशाल खजाना

तेल संकट की वैश्विक आशंका के बीच भारत को मिला अवसर

अंडमान सागर में मिला तेल का विशाल खजाना

भारत की अर्थव्यवस्था में 5 गुना वृद्धि की संभावना

दो लाख करोड़ लीटर कच्चा तेल मिलने की उम्मीद

नई दिल्ली, 17 जून (एजेंसियां)। अंडमान सागर में तेल के विशाल भंडार का पता चला है। यह खोज ऐसे नाजुक और महत्वपूर्ण समय में हुई जब मध्य-पूर्व के तनावपूर्ण माहौल में तेल का संकट संभावित दिख रहा है। इसे भारत के लिए बड़ा अवसर माना जा रहा है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अंडमान सागर में गयाना जैसे विशाल तेल भंडार की खोज होने अब पूर्ण होने पर है। इस खोज में लगभग 2 लाख करोड़ लीटर (लगभग 22 बिलियन बैरल) कच्चे तेल के भंडार की संभावना हैजो भारत की अर्थव्यवस्था को 3.7 ट्रिलियन डॉलर से 20 ट्रिलियन डॉलर तक ले जा सकता है। यह खोज न केवल भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकती हैबल्कि देश को वैश्विक तेल बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकती है।

केंद्रीय मंत्री ने एक बयान में कहा है कि 2016 के बाद से सरकार ने तेल और गैस की खोज को गति दी है। इसके तहत ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपीके तहत 3.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर के सेडिमेंट्री बेसिन में से करीब 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अन्वेषण के लिए खोल दिया गया है। ओएएलपी के 9वें दौर में 38 प्रतिशत बिड्स इन नए क्षेत्रों के लिए थेऔर अगले दौर में यह हिस्सा 80 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। इसके अलावा1948 के पुराने नियमों को बदलकर नए ऑयल फील्ड्स रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट अमेंडमेंट बिल ने नियामक स्पष्टता प्रदान की है।

तेल खोज के क्षेत्र में भारत सरकार बहुत ही गंभीर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसीने वित्तीय वर्ष 2024 में ओएनजीसी ने 541 कुएं खोदेजिनमें 103 अन्वेषण और 438 डेवलपमेंट कुएं शामिल हैं। यह 37 वर्षों में सबसे अधिक है। कंपनी ने इस दौरान 37,000 करोड़ का रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय भी किया। पुरी ने कहागयाना में 41वें कुएं पर तेल मिला थाप्रत्येक की लागत 100 मिलियन डॉलर थी। भारत में भी अब ऐसा ही कुछ होने वाला है।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा वक्त की बात करें तो भारत फिलहाल अपनी कुल जरूररत का करीब 85 फीसदी आयात करता है। इसी के साथ हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े आय़ातक देश हैं। फिलहालअसमगुजरातराजस्थान, मुंबई हाई और कृष्णा गोदावरी बेसिन में भी तेल का उत्पादन करता है। इसके अलावा भी कई राज्यों में भी तेल का भंडार पाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह खोज भारत की अर्थव्यवस्था में 20 ट्रिलियन डॉलर तक का योगदान दे सकती हैजिससे जीडीपी 5 गुना बढ़ सकती है।

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ऑयल इंडिया लिमिटेड के सीएमडी रंजीत राठ ने कहा कि तेल की कीमतों में स्थिरता अन्वेषण प्रयासों की योजना बनाने में मदद करती है। कंपनी ने 2023-24 में रिकॉर्ड ड्रिलिंग और उत्पादन हासिल कियाऔर अब अंडमान में ड्रिलिंग शुरू करने की तैयारी है। भारत का लक्ष्य 2030 तक 4 मिलियन मेट्रिक टन कच्चा तेल और 5 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन करना है।  

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