जय श्रीराम बोलने पर कट्टरपंथी मुस्लिमों ने मचाया तांडव

 आजमगढ़ के मुस्लिम बहुल गांव में 40 दलित परिवार संकट में

 जय श्रीराम बोलने पर कट्टरपंथी मुस्लिमों ने मचाया तांडव

आजमगढ़, 17 जून (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के छोटा पुरा के मुस्लिम बहुल इलाके में लगभग 40 हिंदू दलित परिवारों ने अपने घरों पर घर बिकाऊ है के पोस्टर लगा दिए हैं। इनलोगों ने मुस्लिम समुदाय द्वारा लगातार उत्पीड़नदुर्व्यवहार और रेप की धमकी देने का आरोप लगाया है। यूपी के आजमगढ़ के मुस्लिम बहुल छोटा पुरा में करीब 40 दलित परिवारों ने अपने मकानों पर घर बिकाऊ है के बोर्ड लगा दिए हैं। इन लोगों ने खुद को असुरक्षित बताया है। बार-बार हो रहे उत्पीड़नरेप की धमकी से ये लोग परेशान हैं और पुलिस पर उदासीनता का आरोप लगा रहे हैं। 3 जून को स्थानीय मुस्लिम युवकों ने एक शादी समारोह के दौरान महिलाओं को परेशान किया था। इस दौरान मुस्लिम और दलित समुदाय के बीच मारपीट हुई है। इससे गांव का माहौल तनावपूर्ण हो गया है।

दरअसल 3 जून 2025 को बम्हौर गांव के युवक राकेश कन्नौजिया की शादी थी। इस मौके पर दलित समुदाय की महिलाएं और लड़कियां पारंपरिक विवाह-पूर्व की रस्में निभा रही थीं। उत्सव का माहौल तब तनावपूर्ण हो गया जब मुस्लिम समुदाय के कई युवक वहां पहुंच गए और महिलाओं की सहमति के बिना उनका वीडियो बनाने लगे। इस पर आपत्ति जताने पर मुस्लिम युवकों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए महिलाओं से छेड़छाड़ किया। घबराकर महिलाओं ने मदद के लिए शोर मचायाजिससे पुरुष रिश्तेदारों को बीच-बचाव करना पड़ा। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गईजिसमें करीब 20 लोग घायल हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

गांव के राकेश कन्नौजियाबृजेश गोंड और रामअवध समेत कई दलित परिवारों का आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोग घूम-घूमकर धमकी दे रहे हैं। उन्होंने दावा है कि 3 जून की झड़प कोई अकेली घटना नहीं थीबल्कि उत्पीड़न का सिलसिला बहुत दिनों से जारी है। दलित परिवारों का आरोप है कि महीनों से उन्हें भक्ति गीत बजानेशादियों में डीजे बजाने या सांस्कृतिक उत्सवों में भाग लेने पर दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि जय श्रीराम के नारे लगाने और त्यौहार मनाने में भी इन्हें दिक्कतों ता सामना करना पड़ता है।

दलित परिवारों का कहना है कि महिलाएं और लड़कियां घर से बाहर नहीं निकल पाती हैं। उनके साथ छेड़छाड़ की जाती है और धमकियां दी जाती है। उन्होने चेतावनी दी है कि अगर सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई तो वे लोग पलायन कर जाएंगे। एक दलित व्यक्ति ने कहाहमारी बेटियां और पत्नियां घर से बाहर नहीं निकल पाती हैं। त्यौहार खुशियों के बजाय तनावपूर्ण हो गए हैं। और जब हम शिकायत करते हैंतो कुछ नहीं होता। एक अन्य दलित व्यक्ति ने कहाहम कई बार पुलिस के पास गए। हमने बेहतर सुरक्षा और सख्त कार्रवाई का अनुरोध कियालेकिन कुछ नहीं बदला। इसलिए हमने अपने घर बेचने का फैसला किया है। कम से कम हम कहीं और शांति से रह सकते हैं।

Read More खामनेई के खात्मे के बाद ही क्षेत्र में शांति आएगी : नेतन्याहू

आजमगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मधुवन कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस ऐसे परिवारों से सम्पर्क कर उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दे रही है। उन्होंने कहाहमने ऐसी रिपोर्ट देखी है कि कुछ परिवार पलायन करने की योजना बना रहे हैं। हम उनसे सम्पर्क कर रहे हैं और उन्हें सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन भी दे रहे हैं। मुबारकपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी निहान नंदन ने भी कहा कि शांति बहाल करने के लिए 3 जून की घटना के बाद इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। हालांकि पुलिस के आश्वासन के बावजूद अधिकांश परिवार आश्वस्त नहीं दिखते। दलित परिवारों का कहना है कि पहले यह सुरक्षा कहां थीप्रशासन को जागने के लिए सुर्खियों और विरोध प्रदर्शनों की क्या जरूरत है?

Read More भारी बारिश के कारण तनीकोड़-एस.के. बॉर्डर के बीच भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक

Tags: