कैबिनेट बैठक में कोलार, चिक्कबल्लापुर और बेंगलूरु ग्रामीण जिलों की जल समस्या को शामिल करने का आग्रह
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कोलार, चिक्कबल्लापुर और बेंगलूरु ग्रामीण जिलों की जल समस्या के समाधान की मांग करने वाली समिति शाश्वत नीरावरी होराता समिति ने कर्नाटक सरकार से गुरुवार को चिक्कबल्लापुर जिले के नंदी हिल्स में होने वाली राज्य कैबिनेट की विशेष बैठक के एजेंडे में इस मुद्दे को शामिल करने का आग्रह किया है| समिति के अध्यक्ष आर. अंजनेया रेड्डी ने मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा|
उन्होंने कहा कि समिति इन जिलों में जल संकट की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रही है, जहां कई क्षेत्रों में भूजल फ्लोराइड, नाइट्रेट, यूरेनियम और आर्सेनिक से दूषित है|
उन्होंने कहा कि यह उचित होगा कि कैबिनेट इस क्षेत्र में विशेष बैठक में अन्य मुद्दों के साथ-साथ इस मुद्दे पर भी चर्चा करे| एत्तिनाहोल लिफ्ट सिंचाई परियोजना को इस क्षेत्र के लिए आशा की किरण के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन कर्नाटक सरकार लोगों को यह आश्वासन क्यों दे रही है कि इस परियोजना से २४ टीएमसीएफटी पानी मिलेगा, जबकि आईआईएससी ने २०१५ में अपनी अध्ययन रिपोर्ट में वास्तविक उत्पादन ८ टीएमसीएफटी से कम होने की उम्मीद जताई थी|
उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि केसी घाटी और एचएन घाटी से इस क्षेत्र में आने वाले पानी को तृतीयक उपचार के अधीन करने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं, जबकि केंद्रीय संस्थानों, कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राष्ट्रीय हरित अधिकरण की निगरानी समिति ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं|
रेड्डी ने कृष्णा और पेन्नार नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी की सिफारिश पर सरकार के विचार जानना चाहा, ताकि कृष्णा का पानी तीनों जिलों में लाया जा सके|