वन विभाग ने सड़कों के किनारे और खुले स्थानों पर ९,००० पेड़ लगाकर हरित अभियान किया शुरू
मेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| क्षेत्र के खोए हुए हरित आवरण को बहाल करने के दृढ़ प्रयास में, वन विभाग ने मेंगलूरु शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान शुरू किया है| अभियान के तहत, सड़कों के किनारे और खाली भूखंडों पर लगभग ९,००० पौधे लगाए जाएंगे, जिसका उद्देश्य न केवल आम लोगों को बल्कि पक्षियों और छोटे जानवरों सहित स्थानीय वन्यजीवों को भी लाभ पहुंचाना है|
जिले भर में मानसून की बारिश शुरू होने के साथ, वृक्षारोपण के लिए परिस्थितियाँ आदर्श हैं| पहला चरण पहले ही शुरू हो चुका है, जिसमें बाजपे, बडागा एक्कारू, उल्लाल, मुदिपु और मेंगलूरु शहर के कई हिस्सों में लगभग ४,००० पौधे लगाए जा रहे हैं|
दिलचस्प बात यह है कि इस बार विभाग ने फलदार और फूलदार पौधों पर विशेष जोर दिया है| जैव विविधता को बढ़ाने और पक्षियों और जानवरों को पोषण प्रदान करने के लिए कटहल, आम, बैंगनी, आंवला (नेली), पुनरपुली, उंडे हुली और मंटू हुली के पौधे लगाए जा रहे हैं| शहरीकरण और विकास परियोजनाओं के कारण मेंगलूरु में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई है, जिससे हरित आवरण में उल्लेखनीय कमी आई है|
पिछले अध्ययन के अनुसार, शहर को आदर्श रूप से ३३ प्रतिशत हरित आवरण की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में केवल ६.२४ प्रतिशत ही बचा है| वन अधिकारी मानते हैं कि "शहरी क्षेत्रों में खुली जगह की अनुपलब्धता एक बड़ी चुनौती है, जो अब स्थानीय वार्ड कार्यालयों के साथ समन्वय करके रोपण के लिए उपयुक्त क्षेत्रों की पहचान कर रहे हैं| शहर के प्राकृतिक आकर्षण को बढ़ाने के लिए, बसवनपाड़ा, होल दासवाला, होंगे, काक्के और संपीगे जैसे फूल वाले पौधों को भी रोपण मिश्रण में शामिल किया जा रहा है|
अभियान सड़क किनारे वृक्षारोपण के साथ समाप्त नहीं होता है| शहरी और ग्रामीण दोनों सीमाओं में मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों, स्कूलों, कॉलेजों, सामुदायिक हॉल और स्थानीय संगठनों में ३५,००० पौधे वितरित करने और लगाने की एक व्यापक योजना बनाई गई है| वन विभाग ने पहले ही इन पौधों को उगाया है और वितरण का काम चल रहा है|
मेंगलूरु के क्षेत्रीय वन अधिकारी राजेश बलेगर ने कहा हम न केवल पौधे लगा रहे हैं, बल्कि उनके रखरखाव को भी उच्च प्राथमिकता दे रहे हैं| हमारा लक्ष्य इन पेड़ों का दीर्घकालिक अस्तित्व सुनिश्चित करना है ताकि शहर अपनी खोई हुई हरियाली वापस पा सके| यह पहल मेंगलूरु के लिए एक आशाजनक हरियाली पुनरुद्धार के रूप में खड़ी है, जहाँ अब सामूहिक कार्रवाई और विचारशील योजना के माध्यम से पर्यावरण चेतना जड़ जमा रही है|