लोकायुक्त न्यायमूर्ति वीरप्पा ने भ्रष्ट अधिकारियों पर तकनीक आधारित कार्रवाई तेज की
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| तकनीक की मदद से भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित कर्नाटक के उप लोकायुक्त न्यायमूर्ति बी वीरप्पा ने डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म के माध्यम से रिश्वत लेने वाले भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों पर नजर रखने और उन्हें पकड़ने के लिए एक नई और अभिनव रणनीति शुरू की है|
विभिन्न जिलों में अपने औचक दौरे के दौरान न्यायमूर्ति वीरप्पा को कई अधिकारी गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसे ऐप के माध्यम से मोटी रिश्वत लेते हुए मिले हैं| छापे की आशंका के चलते कई अधिकारी कथित तौर पर जल्दबाजी में अपने फोन से इन ऐप को हटा रहे हैं| हालांकि, न्यायमूर्ति वीरप्पा इन चालों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और अब उन्होंने अपने साथ तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम ले जाना शुरू कर दिया है|
इन विशेषज्ञों को निर्देश दिया गया है कि वे हटाए गए ऐप को तुरंत फिर से इंस्टॉल करें और किसी भी संदिग्ध लेनदेन की जांच करें जो रिश्वत के भुगतान का संकेत दे सकता है| उनके सचिव अरविंद एन वी इस ऑपरेशन में उनकी सहायता करते हैं| हाल ही में मांड्या जिले में एक अघोषित निरीक्षण के दौरान, लगभग ५०० अधिकारियों को जल्दबाजी में डिजिटल भुगतान ऐप अनइंस्टॉल करते हुए पाया गया|
तकनीकी टीम ने उन्हें जल्दी से बहाल कर दिया और आरोपी अधिकारियों के मित्रों और रिश्तेदारों के खातों में बड़ी मात्रा में धन के लेन-देन के सबूतों को उजागर किया| तकनीक के क्षेत्र में उठाया गया यह कदम लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और सार्वजनिक सेवा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है|
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