ईरान पर अमेरिकी हमले से बढ़ी 150 परिवारों की चिंता
मुरादाबाद, 23 जून (एजेंसियां)। ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद मुरादाबाद मंडल के 150 परिवारों की चिंता बढ़ गई है। इसमें 100 के करीब छात्र और 50 लोग धार्मिक यात्रा पर गए हुए हैं। परिजनों का कहना है कि उसने बमुश्किल बात हो पा रही है। अमरोहा और संभल के सैकड़ों परिवारों के बच्चे या बुजुर्ग ईरान में फंसे हैं।
रविवार को ईरान पर अमेरिका ने हमला किया, जिससे इन परिजनों की रातों की नींद और दिन का चैन छीन लिया। मंडल के कई बच्चे ईरान के तेहरान, मशहद और कुम शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। ईरान में व्हाट्सएप न चल पाने की वजह से इन परिजनों की उनके बच्चों से बातचीत भी ठीक तरह से नहीं हो पा रही है। ईरान में फंसे करीब 150 लोगों के परिवारजन पूरे दिन अपनों की खैरियत जानने के लिए परेशान रहे। मंडल से अधिकतर लोग तीर्थयात्रा और पढ़ाई के सिलसिले में ईरान गए हुए हैं। ईरान में हवाई सेवा बंद होने की वजह से उनकी वापसी नहीं हो पा रही है।
डिप्टीगंज के रहने वाले मो. महताब ने बताया कि उनका बेटा ईरान में पढ़ाई कर रहा है। रविवार की सुबह जब अमेरिकी हमले की खबर सुनी तो दिल दहल गया। काफी देर तक बेटे से संपर्क करने की कोशिश करते रहे। नेटवर्क की दिक्कत के चलते बात नहीं हो पाई। हालांकि, दोपहर में बेटे का फोन आया तो उसकी खैरियत मिली। बेटे ने बताया कि वह कुम में है और वहां के हालात सामान्य हैं। सिरसी के मौलाना इजहार ने बताया कि तीर्थयात्री और छात्र भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। उन्हें ऑपरेशन सिंधू की मदद से वहां से निकालने की तैयारी है। फिलहाल दूतावास ने सभी को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया है। भारत सरकार की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है।
परिजनों ने रविवार को ईरान और शहर के लोगों की सलामती की दुआएं मांगीं और सरकार से अपील की कि फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित भारत लाया जाए। लोगों का कहना है कि ईरान में मुरादाबाद, अमरोहा और संभल से करीब 150 लोग मौजूद हैं, जिनमें 40 से अधिक तीर्थयात्री और लगभग 100 छात्र-छात्राएं हैं। अमरोहा के नौगांवा सादात के रहने वाले रजा की पत्नी और उनकी साली तीर्थयात्रा पर ईरान गई हुई हैं। उन्हें जिस दिन भारत वापस लौटना था, उसी रात इजराइल ने ईरान पर हमला कर दिया था। इसके बाद ईरान ने अपनी हवाई सेवा बंद कर दी। दोनों बहनें मशहद शहर में ही फंस गई।
रजा ने बताया कि अमेरिकी हमले की जानकारी सुबह साढ़े पांच बजे ही मिल गई थी। इसके बाद से पूरे दिन पत्नी का हाल जानने के लिए परेशान रहे। लगातार सब खैरियत होने की दुआएं भी करते रहे। शाम के करीब चार बजे पत्नी का फोन आया, तब जाकर राहत मिली। उनकी पत्नी ने जानकारी दी कि मशहद में पूरी तरह से शांति है। घबराने की बात नहीं है। इसी तरह संभल की रहने वाली नाजिया, जो तेहरान यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रही हैं उन्होंने भी मैसेज कर अपने घरवालों को आश्वस्त किया कि वह लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं और स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा के सभी बंदोबस्त किए जा रहे हैं।