अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे शुभांशु को  मां ने वीडियो कॉल पर खिलाया पेड़ा

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के इतिहास रचने पर पूरा परिवार अभीभूत

अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे शुभांशु को  मां ने वीडियो कॉल पर खिलाया पेड़ा

लखनऊ, 25 जून (एजेंसियां)। भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में इतिहास रच दिया है। लखनऊ के रहने वाले शुभांशु शुक्ला ने बुधवार को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की ओर उड़ान भरकर भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम में 41 साल बाद वापसी कराई। वह अमेरिका की प्राइवेट कंपनी एक्सिओम मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए हैं। इस मिशन में भारत के अलावा हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं।

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राजधानी लखनऊ के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला दोपहर ठीक 12.01 पर इस रॉकेट में सवार होकर करोड़ों दिलों की उम्मीदें और सपने लेकर आसमान को चीरते हुए अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे। लखनऊ के गौरवशाली इतिहास में बुधवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। कानपुर रोड के सिटी मांटेसरी स्कूल में इस लॉन्चिग का लाइव प्रसारण के दौरान जैसे ही यान के सुरक्षित लॉन्चिंग की घोषणा हुईवहां मौजूद शुभांशु की मां की आंखें डबडबा आईं। पिता की आंखें गर्व से चमक उठीं। माहौल जश्न में बदल गया। हजारों की संख्या में विद्यार्थीशिक्षकयुवा और बुजुर्ग खड़े होकर हूटिंग करते हुए तालियां बजाने लगे। हर कोई इतिहास रचने वाले इस गर्व के पल को सहेज लेना चाहता था। जोश और उत्साह और तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गूंज उठा।

रॉकेट की सुरक्षित लॉन्चिंग होते ही शुभांशु की मां आशा देवी की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा, ये खुशी और गर्व के आंसू हैं। शुभांशु की कठोर मेहनततपस्या और कामयाबी ने आज हमें भी सेलिब्रिटी बना दिया। सुबह चार बजे शुभांशु से व्हाट्सअप पर बात हुई। बेटे ने कहा कि मां आप अपनापापा का और सबका खयाल रखना। मां ने वीडियो कॉल पर सांकेतिक तौर पर दही-पेड़ा खिलायातिलक लगाते हुए मिशन की कामयाबी के लिए जी भर कर आशीष दिया। पिता शंभु दयाल शुक्ला चमकती हुई आंखों से कहते हैं कि उन्हें बेटे के मिशन की कामयाबी पर अटूट विश्वास है। वह शुभांशु को ईश्वर का दिया उपहार मानते हैं। शुभांशु की कामयाबी का श्रेय उनकी दृढ़तासादगी और कठोर मेहनत को देते हैं।

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शुभांशु की बड़ी बहन निधि की आंखें भी खुशी से भीग गई थीं। निधि ने कहा कि किसी बहन की जिंदगी में इससे बड़ा खुशी का दिन क्या होगा कि उसका भाई जल्द ही चांद-सितारों को छू कर लौटेगा। शुभांशु ने कभी दुनिया की परवाह नहीं की कोई क्या कहेगा। सिर झुका कर बस मेहतन की। मेहनत को इंज्वाय कियाजिसका परिणाम सबके सामने है। बड़ी बहन शुचि भी इस मौके पर खुशी और गर्व से चहकती नजर आईं।

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