अधिकारियों को श्रेय दिया जा रहा, विधायकों की अनदेखी की जा रही: विधायक राजू कागे
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कागवाड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजू कागे ने एक बार फिर दोहराया कि अधिकारियों को श्रेय दिया जा रहा है| विधायकों की अनदेखी की जा रही है, सीएम, डीसीएम और मंत्रियों से अपील करने पर भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है| इसलिए मैं किस उद्देश्य से विधायक रहूं, मैंने इस्तीफा देने का सोच लिया है|
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र ऐनापुर टाउन पंचायत में सीसी रोड की गुडली पूजा में गए थे| वहां एक और सड़क मंजूर हुए एक साल हो गया है| कोई काम नहीं हुआ| जब उन्होंने ठेकेदार से पूछा तो उसने कहा कि पैसे नहीं हैं| मुख्यमंत्री के २५ करोड़ रुपये के विशेष अनुदान में से सड़क निर्माण के लिए १२ करोड़ रुपये तय किए गए| वहां भी अधिकारियों ने विवाद खड़ा कर दिया|
उन्होंने कहा कि वे जेली रोड के लिए पैसे नहीं देंगे, लेकिन मटलिंग अस्पताल बनाया जाना चाहिए| नियम कहता है कि विधायकों द्वारा प्रस्तावित सामुदायिक घरों को बिना किसी शर्त के मंजूर किया जाना चाहिए| मुख्यमंत्री ने इसका आदेश भी दिया है| १ अप्रैल २०२४ को ग्रामीण क्षेत्रों में १३ करोड़ रुपये की लागत से ७२ सामुदायिक भवन बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया था| अभी तक इसके लिए कोई कार्य कार्ड नहीं दिया गया है| उन्होंने जोरदार सवाल किया कि क्या हमारे विधायक का कार्यकाल समाप्त होने के बाद कार्य आदेश दिया जाएगा|
बसवेश्वर एल्टा सिंचाई को २०० करोड़ रुपये की आवश्यकता है| ठेकेदारों को १०० करोड़ रुपये जारी करने की जरूरत है| मैंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से सौ बार पूछा है| कोई फायदा नहीं हुआ| अधिकारी वेतन पर कार्यालय में बैठते हैं| वे निर्वाचन क्षेत्रों में काम नहीं करते हैं| उन्होंने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो गई है| ऐसी गंदी व्यवस्था में विधायक क्या करें? मैंने कहा था कि इस्तीफा देना बेहतर होगा| उस पर मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने जवाब दिया और कहा कि आपको इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है| हम १० हजार लोगों के साथ आएंगे|
चलो विधानसभा के सामने जाकर विरोध करते हैं| लेकिन लोगों को आने की जरूरत नहीं है, मैं सक्षम हूं| मैं समस्या का समाधान करूंगा और उन्हें आश्वस्त करूंगा| प्रशासनिक व्यवस्था को और तेज किया जाना चाहिए| विधायकों के साथ ही आम लोगों के काम भी तेजी से होने चाहिए| निजी स्कूलों में अग्नि सुरक्षा उपकरण लगाने का सुझाव दिया गया है| एक-दो साल काम पूरा होने के बाद भी एनओसी नहीं दी जा रही है| राजू कागे ने मांग की कि ऐसा प्रशासन लागू किया जाना चाहिए, जहां कोई भी काम तीन से चार दिन में पूरा हो सके|
जिला मंत्री विधायकों के साथ चपरासी जैसा व्यवहार कर रहे हैं| आप कोई आवेदन देते हैं, तो उन्हें यह शिष्टाचार नहीं है कि वे उसे पढ़कर बताएं कि उस पर काम होगा या नहीं| वे किसी और से बात करते हैं, कागज हाथ में लेकर अपने घर चले जाते हैं| हमें उनके पीछे सर-सर कहकर जाना चाहिए| क्या हमारा कोई सम्मान नहीं है? मैंने ग्राम पंचायत सदस्य, अध्यक्ष और विधायक के रूप में काम किया है|
मैंने ८ चुनाव लड़े हैं और ५ जीते हैं| मेरे पिता देवेगौड़ा के करीबी मित्र थे| हम गांव में भिखारी को भी सम्मान देते हैं| कई लोग कह रहे हैं कि अगर मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री से शिकायत करनी है तो खुलकर नहीं बोलना चाहिए| राजस्व विभाग के सचिव राजेंद्र कटारिया ने मेरा अपमान किया| मैंने विधानसभा में उनके खिलाफ शिकायत की थी| इस पर चर्चा भी हुई| ६० विधायकों ने मुख्यमंत्री को उक्त अधिकारी का तबादला करने के लिए पत्र लिखा था| लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई| यहां सवाल उठता है कि अधिकारी मुखिया है या विधायक| क्या हमारा कोई मान-सम्मान नहीं है|