अमरनाथ यात्रा को संभव बनाने में बीआरओ का योगदान

अमरनाथ यात्रा को संभव बनाने में बीआरओ का योगदान

जम्मू, 28 जून (ब्यूरो)। इस बार की वार्षिक अमरनाथ यात्रा की सकुशलता के लिए चाहे सुरक्षाबलों की भूमिका अहम मानी जा रही है पर यात्रा को सुखदायक बनाने में सीमा सड़क संगठन अर्थात बीआरओ की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता जिसने न सिर्फ 45 किमी लंबे यात्रा मार्ग की चौड़ाई को 5 फुट से 12 फुट तक कर दिया बल्कि गुफा के द्वार तक वाहनों के आने जाने का रास्ता भी तैयार कर दिया।

बीआरओ ने अपने प्रोजेक्ट बीकन के तहत इन दुर्गम स्थलों पर नाममुकिन कार्य को पूरा कर अपने उस कथन को सच जरूर साबित किया है जिसमें वे कहते हैं कि बीआरओ आसमान तक सड़क तैयार कर सकता है। याद रहे बीआरओ का बीकन प्रोजेक्ट लद्दाख सेक्टर में सीमा सीमा तक सड़कें बनाने में भी कामयाब रहा है। बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि कैसे कठिन परिस्थितियों में 17 सौ के लगभग स्थानीय श्रमिकों की मदद से बालटाल और पहलगाम के 45 किमी के अमरनाथ यात्रा मार्ग पर रेलिंग लगानेपुल और पुलियों के निर्माणसुरक्षा दीवारें बनने और टाइलें बिछाने के कार्य को अंजाम दिया गया। बीआरओ ने करीब 47 किमी के क्षेत्र से बर्फ भी हटाई और पहली बार बालटाल के रास्ते अमरनाथ गुफा तक वाहनों के चलने लायक मार्ग भी तैयार कर दिया।

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