कंस्ट्रक्शन ऑफिस की आईडी में सट्टेबाजी का खेल, 8 गिरफ्तार
गुजरात में 963 करोड़ के ऑनलाइन गेमिंग रैकेट का पर्दाफाश
सूरत, 1 जुलाई, (एजेंसी)। गुजरात के सुरत जिले के वराछा इलाके में स्थित एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के ऑफिस को सट्टेबाज़ी सेंटर में परिवर्तित करने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। 1 जुलाई को विशेष ऑपरेशन ग्रुप (SOG) द्वारा अचानक छापे खोलकर पुलिस की टीम ने वहां चल रहे अवैध ऑनलाइन डब्ल्यू ट्रेडिंग और सट्टेबाज़ी रैकेट का पर्दाफ़ाश किया। इस छापेमारी में करीब 963.37 करोड़ रुपए के लेन-देन का तथ्य भी सामने आया है, जो इस रैकेट की विशालता को दर्शाता है।
पुलिस के अनुसार, इस कंस्ट्रक्शन कंपनी का कार्यालय सिर्फ नाम मात्र का था। दरअसल, असली काम ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से लगातार सट्टेबाज़ी पर सेंट्रलाइज्ड ओपरेशन चलाने का था। इन्वेस्टर्स और खिलाड़ियों द्वारा मोबाइल और लैपटॉप के माध्यम से साइट/ऐप पर दांव लगाए जाते थे। इस हाई‑प्रोफाइल गेमिंग रैकेट को चलाने हेतु 8 प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें ऑपरेटर्स, अकाउंट मैनेजर और टेक्निकल सपोर्ट स्टाफ शामिल हैं।
आरंभ में SOG की टीम ने रेड प्लान के तहत कंपनी के वित्तीय दस्तावेज, कंप्यूटर सिस्टम, मोबाइल फोन और यूएसबी ड्राइव जब्त किए। इन सबूतों से पता चला कि पिछले 6–8 महीनों में लेन‑देन की राशि करोड़ों में थी। राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र जैसी दूर‑दराज की राज्य सरकारों से भी यह रैकेट जुड़ा हुआ था। गिरफ़्तार आरोपियों के बयान से पता चला कि उन्होंने कई फ्लैट, गाड़ियों और नकद में भी जमा‑पूंजी की थी।
पुलिस ने बताया कि यह रैकेट ‘डब्ल्यू ट्रेडिंग पोर्टल’ नाम से संचालित था, जिसमें युवा वर्ग विशेष रूप से शामिल था। आरोपियों ने सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और कॉल सेंटर के ज़रिये निवेशकों को सट्टेबाज़ी में पुकार कर आकर्षित किया। हाल ही में कई लोग भारी हानि का शिकार बने हैं, जिनकी शिकायतें भी SOG के पास दर्ज हैं।
गिरफ़्तार आरोपियों की पहचान अलग‑अलग राज्यों से की गई है। उन्हें आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और साइबर अपराध शाखा की जांच के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है। शुरुआती पूछताछ में अधिकारी यह पता लगा रहे हैं कि क्या यह रैकेट किसी बड़े अपराध नेटवर्क से जुड़ा था, जिसने पैसे की वॉशिंग, टैक्स चोरी या साइबर अपराध में भूमिका निभाई हो।
इसके साथ-साथ पुलिस अब उस फाइनेंसिंग चैनल को भी ट्रेस कर रही है, जिसके ज़रिये इस रैकेट को ऑपरेट किया गया था। आश्चर्यजनक रूप से, इनमें से कुछ पैसे ब्लैक मनी के रूप में विदेशी चैनलों तक पहुंचे थे। आगे की जांच में पता लगाया जा रहा है कि कहीं इस रैकेट का संबंध पाक, बांग्लादेश या अफग़ानिस्तान में संचालित किसी और गिरोह से तो नहीं।
इस ऑपरेशन से स्पष्ट होता है कि कैसे एक सामान्य कंस्ट्रक्शन ऑफिस के नाम पर बड़े पैमाने पर सट्टेबाज़ी और धन शोधन का खतरनाक खेल चल रहा था। समुचित कार्रवाई के तहत गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा और जब्त की गई सामग्री को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस इस पूरे मामले में लगातार नई जानकारियाँ हासिल कर रही है और जल्द ही और खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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