शिक्षा ही सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यमः राष्ट्रपति

शिक्षा ही सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यमः राष्ट्रपति

गोरखपुर01 जुलाई (ब्यूरो)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के अकादमिक भवनप्रेक्षागृह व पंचकर्म सेंटर का लोकार्पण तथा महिला छात्रावास का शिलान्यास किया। राष्ट्रपति ने वन महोत्सव के अंतर्गत यहां भी रुद्राक्ष का पौधा रोपाफिर प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि नए महिला छात्रावास का शिलान्यास कर सबसे अधिक खुशी हो रही है। शिक्षा ही सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम हैइसलिए यह कदम नारी सशक्तिकरण की दिशा में अमूल्य पहल है। 

Rashtrapati in Gorakhpur - 4

राष्ट्रपति ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सराहना की। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के आदर्शों से प्रेरित सभी संस्थानों में राष्ट्र सर्वोपरि की भावना प्रसारित होती है। लगभग 700 वर्ष पहले महाराणा प्रताप ने राष्ट्र गौरव के लिए त्याग और पराक्रम का जो आदर्श प्रस्तुत किया थावह देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। महामहिम ने आशा जताई कि इस विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी प्रोफेशनल एजुकेशन पर आधारित उत्कृष्टता प्राप्त करने के साथ-साथ आध्यात्मिकता तथा राष्ट्र प्रेम के आदर्शों को अपने आचरण में ढालेंगे। यह संस्थान महंत दिग्विजयनाथ एवं महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की परंपरा से जुड़ा हुआ है। उनकी परंपरा के अनुरूप गोरक्षपीठ व महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद से जुड़े सभी संस्थानोंव्यक्तियों (विशेषकर युवाओं) को जनसेवाशिक्षा तथा भारत के सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति अगाध श्रद्धा के साथ कार्य करना चाहिए।

गोरखनाथ मंदिर से निकली गौरवशाली शाखाओं में से महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय भी शोभायमान है। विश्वविद्यालय के नए एकेडमिक भवन में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होने से विद्यार्थीशिक्षक और अधिक निष्ठा के साथ आगे बढ़ेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि मानव शरीर को दोषमुक्त बनाने में पंचकर्म की प्रक्रिया बहुत प्रभावी सिद्ध हुई है। इस क्रिया की सहायता से असाध्य रोगों के सफल उपचार के उदाहरण देखने को मिलते हैं। आशा है कि नए पंचकर्म केंद्र से अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो पाएंगे।

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राष्ट्रपति ने कहा कि कक्षा सात की पढ़ाई पूरी करके मैं सत्र 1970-71 में आठवीं व उसके आगे की पढ़ाई करने के लिए अपने गांव से 300 किमी दूर भुवनेश्वर गई। 55 वर्ष पहले वह दूरी भी बहुत अधिक थीक्योंकि तब आवागमन के साधन बहुत सीमित हुआ करते थे। मुझसे पहले मेरे गांव की कोई बालिका बाहर पढ़ने नहीं गई थी। भुवनेश्वर में मुझे महिला छात्रावास में रहने की सुविधा मिली। अब तो बहुत बदलाव आ चुका है। हमारी बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित कर रही हैंलेकिन आज भी अनेक बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बेटियों के लिए सुरक्षित आवास न होने से उनकी उच्च शिक्षा की यात्रा में अवरुद्ध होता है। कभी-कभी शिक्षा रुक भी सकती हैइसीलिए विश्वविद्यालय में नए बालिका छात्रावास की स्थापना का निर्णय महिलाओं की उच्च शिक्षा में बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम हैइसलिए यह कदम नारी सशक्तिकरण की दिशा में अमूल्य पहल है। राष्ट्रपति ने इस कदम की सराहना की।

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राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत परोपकार व जनहितैषी लक्ष्यों के लिए कार्य करने में निजी उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गोरखपुर व आसपास के क्षेत्र में उच्च शिक्षा में योगदान देने वाला यह पहला निजी विश्वविद्यालय है। उच्च शिक्षा में अग्रणी योगदान के लिए मैं गोरक्षपीठ व महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की सराहना करती हैं।

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श्रीमती मुर्मू ने कहा कि पूर्ववर्ती राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था। केवल चार वर्ष में विश्वविद्यालय ने विकास यात्रा में प्रभावशाली उपलब्धियां हासिल की हैं। यह संस्थान पूर्वी उप्र में उच्च शिक्षा एवं रोजगारपरक शिक्षा का प्रमुख केंद्र बन गया है। इस विकास यात्रा में मुख्यमंत्रीविश्वविद्यालय के संस्थापककुलाधिपति योगी आदित्यनाथ का अमूल्य दिशा निर्देश व संबल उपलब्ध रहा है। विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के लिए राष्ट्रपति ने योगी जी व पूरी टीम को बधाई दी।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस विवि के अंतर्गत संचालित मेडिकल कॉलेजआयुर्वेद कॉलेज व चिकित्सालयों के जरिए एलोपैथी-आयुर्वेद की शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था की गई है। इसने चिकित्सा पद्धति की समग्रता को रेखांकित किया है। 650 बेड की सुविधाओं से युक्त श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर द्वारा निकट भविष्य में 1800 बेड का नया चिकित्सालय स्थापित किया जाएगा। यहां के आयुर्वेद चिकित्सालय में 200 बेड की सुविधा उपलब्ध है। इस विवि ने प्रोफेशनल एजुकेशन एवं चिकित्सा के अलावा कृषि अनुसंधानग्राम्य विकासउद्यमिता प्रोत्साहनवनस्पति अनुसंधान जैसे क्षेत्र में अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। आशा है कि इन प्रयासों के ठोस परिणाम निकट भविष्य में ही दिखाई देने लगेंगे। 

राष्ट्रपति ने कहा कि जब पूर्वांचल और अधिक स्वस्थ-सुरक्षित होगातब पूरा यूपी और तेजी से समग्र प्रगति के मार्ग पर बढ़ेगा। जब देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य  तेजी से विकास पथ पर आगे बढ़ेगा तो तब पूरा भारत प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित करेगा। राष्ट्रपति ने अपील की कि दृढ़ संकल्प के साथ हम सभी विकसित भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ते रहें।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली से सात जुलाई तक चलने वाले वन महोत्सव-2025 का सोमवार को शुभारंभ किया। उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत रुद्राक्ष का पौधा लगाया। राष्ट्रपति ने पौधों के संरक्षण पर भी जोर दिया। राष्ट्रपति ने यहां जनप्रतिनिधियों से परिचय प्राप्त कियाफिर प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान राज्यपाल आनंदी बेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। वन महोत्सव के अंतर्गत ही वनपर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कुकरैल में त्रिवेणी वन (बरगदनीम और पीपल) की स्थापना की। उन्होंने यहां ओपन जिम का उद्घाटनयोग मेडिटेशन सेंटर का शुभारंभ व बुद्ध प्रतिमा का अनावरण किया। इसके पश्चात वन मंत्री ने महिला वीरांगना अवंतीबाई चिकित्सालय में 8 नवजात को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट व परिजनों को सहजन का पौधा भेंट किया।

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