आतंकवादियों को छूट नहीं दी जाएगी
संयुक्त राष्ट्र में एस जयशंकर ने पाकिस्तान को किया बेनकाब, बोले
नई दिल्ली, 1 जुलाई (एजेंसियां)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्वाड की बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र हेडक्वार्टर में पाकिस्तान को आतंकवाद के मामले में एक्सपोज कर दिया है। दरअसल यूएन हेडक्वार्टर में आतंकवाद के मुद्दे पर एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एस जयशंकर ने कहा, 'आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।' संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित प्रदर्शनी ‘द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म' के उद्घाटन के दौरान विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि जब एक देश अपने पड़ोसी के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करे, तो उसके खिलाफ सार्वजनिक रूप से आवाज उठाना जरुरी हो जाता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह संयुक्त राष्ट्र की सभी बातों के विपरीत है, मानवाधिकार, नियम और मानदंड तथा राष्ट्रों को एक-दूसरे के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए। जब आतंकवाद को पड़ोसी देश के खिलाफ समर्थन दिया जाता है, तब यह आतंकवाद की कट्टरता को बढ़ावा देता है। जब यह इस तरह के अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता है, तो इसे सार्वजनिक रूप से शामिल करना जरूरी है और ऐसा करने का एक तरीका यह है कि वैश्विक समाज द्वारा निर्मित कट्टरता को चित्रित किया जाए।'
एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर UNSC से कहा कि आतंकवाद को समर्थन देने वालों को कोई छूट नहीं देनी चाहिए। जयशंकर ने कहा, 'कोई परमाणु ब्लैकमेल नहीं चलने वाला।' बता दें कि यह साफ-साफ डोनाल्ड ट्रंप को इशारा था। जो बार बार कह रहे थे कि एटामिक वॉर के खतरे की वजह सीजफायर हुआ। एस जयशंकर ने आगे कहा, '5 हफ्ते पहले UNSC ने पहलगाम में आतंकी हमले की निंदा की थी। UNSC ने मांग की थी कि इसके अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाए। दुनिया को कुछ बुनियादी अवधारणाओं पर एक साथ आना चाहिए। आतंकवादियों को कोई छूट नहीं दी जाएगी। परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकना चाहिए। राज्य प्रायोजित आतंकवाद को उजागर किया जाना चाहिए और उसकी गिनती की जानी चाहिए।'
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना पाकिस्तान
पाकिस्तान ने 1 जुलाई 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता ग्रहण की, यह उनके गैर‑स्थायी सदस्य कार्यकाल (जनवरी 2025–दिसंबर 2026) में आठवीं बार है ।
उनके स्थायी प्रतिनिधि असिम इफ्तिखार अहमद ने नेतृत्व संभाला और वैश्विक बहुपक्षवाद, अंतर्राष्ट्रीय कानून एवं शांतिपूर्ण विवाद समाधान के प्रति प्रतिबद्धता जताई।
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