पिछड़े वर्गों की अनदेखी के कारण कांग्रेस ने सत्ता खोई: भूपेंद्र यादव

-जाति जनगणना पूर्वव्यापी-संभावित सेमिनार

पिछड़े वर्गों की अनदेखी के कारण कांग्रेस ने सत्ता खोई: भूपेंद्र यादव

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के संविधान में कहा गया था कि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों की पहचान की जानी चाहिए| इसके लिए काका कालेकर आयोग का गठन किया गया था|

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी ने काका कालेकर आयोग की रिपोर्ट को नजरअंदाज किया, ताकि पिछड़े लोग सामाजिक और शैक्षणिक रूप से शीर्ष पर न आ सकें|

उन्होंने शनिवार को रेसकोर्स रोड स्थित भारतीय विद्या भवन में सामाजिक न्याय जागरूकता मंच, कर्नाटक द्वारा आयोजित ‘जाति जनगणना, पूर्वव्यापी-संभावित’ सेमिनार में मुख्य भाषण दिया| उन्होंने सवाल किया कि संविधान को जेब में रखने वालों ने काका कालेकर आयोग की रिपोर्ट को लागू क्यों नहीं किया| देश के आपातकाल से आजाद होने और परिवारवाद से मुक्त होने के बाद केंद्र में जनता पार्टी सत्ता में आई| इसने मंडल आयोग का गठन भी किया| उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सत्ता से जाने के बाद ओबीसी को न्याय दिलाने का मुद्दा सामने आया|

उन्होंने कहा कि कुछ साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी ने भी काका कालेकर रिपोर्ट के उदाहरण का अनुसरण करते हुए मंडल आयोग की रिपोर्ट को नजरअंदाज किया था| राजीव गांधी को ओबीसी ने ४०० से ज्यादा एमपी सीटें दिलाई थीं| उन्होंने आलोचना की कि भले ही वे ओबीसी के वोट से सत्ता में आए, लेकिन उन्होंने सामाजिक न्याय नहीं दिया| इधर, सिद्धरामैया ने भी ओबीसी रिपोर्ट को नजरअंदाज किया|

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कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता खो दी| उन्होंने कहा कि तत्कालीन भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू किया और ओबीसी को आरक्षण दिलाया| संविधान देश के कानूनों का मूल आधार है| उन्होंने समझाया कि कुछ लोग संविधान को अपनी जेब में रखते हैं, हम इसे अपनी आत्मा में रखते हैं| उन्होंने कहा कि अगर हम संविधान को परिवार की जेब में रखते हैं, तो हम इसे अपनी आत्मा में रखते हैं|

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पिछड़े वर्गों की उपेक्षा के परिणामस्वरूप, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल राज्यों में सत्ता खो दी है| उन्होंने विश्वास जताया कि जब कर्नाटक में पिछड़े वर्ग जागरूक हो जाएंगे तो कांग्रेस दोबारा सत्ता में नहीं आ पाएगी| कुछ दिन पहले हमने आपातकाल की ५०वीं वर्षगांठ मनाई थी| तानाशाही की सोच के कारण आपातकाल आया था|

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उन्होंने कहा कि हमने इसकी याद दिलाई ताकि आपातकाल दोबारा न आए| १७वीं-१८वीं सदी में देश में सामाजिक सुधार के लिए आंदोलन चला था| यह आंदोलन भारत के नवजागरण के लिए था| परिणामस्वरूप गांधी जी के नेतृत्व में हमें आजादी मिली| उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय प्रदान करना है| उन्होंने कहा कि समान समाज के निर्माण के लिए आरक्षण दिया गया है| अस्पृश्यता मानवता पर एक धब्बा है| इसीलिए आरक्षण दिया गया| कर्नाटक राज्य उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. के. भक्तवत्सला ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि डॉ. अंबेडकर के संविधान में कहा गया है कि सामाजिक न्याय की अवधारणा के तहत सभी समान हैं| हमारे देश की जनसंख्या हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है| जाति जनगणना बहुत महत्वपूर्ण है|

उन्होंने कहा कि यह आसान काम नहीं है| सभी को सहयोग करना होगा| उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों में राजनीतिक प्रतिनिधित्व नाम मात्र का मामला है| उन्होंने कहा कि हमारे बीच वंचित, दलित और गरीब लोगों को न्याय दिलाने के लिए सांख्यिकी जरूरी है| उन्होंने कहा कि ३० वर्ष से अधिक आयु के उन लोगों से एक निश्चित राशि वसूलने और ६० वर्ष के बाद उन्हें पेंशन देने की व्यवस्था लागू की जानी चाहिए, जिन्होंने कर नहीं चुकाया है|

कार्यक्रम की अध्यक्षता चार दशक से अधिक समय से पिछड़े वर्गों के लिए सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे स्व-सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी के. मुकुदप्पा ने की| काका कालेकर के मंडल रिपोर्ट पर गौर न करने के लिए कांग्रेस की आलोचना की| उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्गों के लिए स्थायी आयोग का गठन भी नहीं किया गया, बाबा साहब ने इसके विरोध में इस्तीफा दे दिया था|

उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए स्थायी आयोग का गठन किया है| पिछड़ा वर्ग मोर्चा के अध्यक्ष रघु कौटिल्य ने परिचयात्मक भाषण दिया| आजादी से पहले १९३१ में जाति जनगणना हुई थी| लगभग एक सदी बाद, जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना की जा रही है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका महत्वपूर्ण है|
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