बिजली उपभोक्ताओं की 63 हजार से अधिक शिकायतें लंबित

ग्राहकों की शिकायत के निस्तारण के लिए जिम्मेदारी तय

 बिजली उपभोक्ताओं की 63 हजार से अधिक शिकायतें लंबित

लखनऊ, 29 जुलाई (एजेंसियां)। बिजली विभाग के हेल्पलाइन नंबर 1912 पर की गई शिकायतों के निस्तारण के लिए एसडीओ से लेकर एमडी तक जिम्मेदार होंगे। ऊर्जा विभाग सॉफ्टवेयर में बदलाव कर रहा है। इससे उपभोक्ताओं को कई सहूलियतें मिलेंगी। निगमवार व्यवस्था हटाकर लखनऊ और नोएडा में केंद्रीयकृत कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। अभी प्रदेशभर में 63 हजार से अधिक शिकायतें लंबित हैं।

उत्तर प्रदेश में ऊर्जा विभाग 1912 पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए नई रणनीति अपनाने जा रहा है। शिकायतों के निस्तारण के लिए अब उपकेंद्र प्रभारी (एसडीओ) से लेकर प्रबंध निदेशक (एमडी) तक जिम्मेदार होंगे। इसके लिए सॉफ्टवेयर में कई बदलाव किए गए हैं। जल्द ही इसे लागू करने की तैयारी चल रही है। फिलहाल प्रदेशभर में 63 हजार से अधिक शिकायतें लंबित हैं। बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों के निस्तारण के लिए टोल फ्री नंबर 1912 है। उपभोक्ताओं की शिकायत रहती है कि टोल फ्री नंबर पर कॉल करने से बात नहीं होती है। कई बार कॉल करने पर फोन उठा भी तो बिना पूरी बात सुने कट जाता है। शिकायत दर्ज भी हो गई तो दूर नहीं की जाती है।

कई बार बिना शिकायत दूर किए ही उसके निस्तारित होने का संदेश भेज दिया जाता है। ऐसे में अब ऊर्जा विभाग ने 1912 का नया मॉडल विकसित किया है। इसमें कई तरह के बदलाव किए गए हैं। अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया गया है। सर्वर से लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों के निस्तारण के लिए चरणवार जिम्मेदारी तय की गई है। 1912 पर आई हर कॉल का रिकॉर्ड देखा जा सकेगा। कॉल ड्रॉप होने पर भी उसका विवरण रहेगा। शिकायत दर्ज हुई तो उसके बारे में एसडीओ को सूचना जाएगी। उसके स्तर से निस्तारित नहीं होने पर अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता के स्तर से होते हुए प्रबंध निदेशक तक शिकायत का विवरण जाएगा। सभी संबंधित शिकायतों की ऑनलाइन निगरानी कर सकेंगे। जिस स्तर पर शिकायत निस्तारण में देरी होगीउसे कारण बताना होगा। कॉल सेंटर के किसी कर्मी ने शिकायतकर्ता से अभद्रता की तो इसकी जानकारी तत्काल उच्चाधिकारियों को मिल जाएगी।

कारपोरेशन के निदेशक (आईटी) सरोजित घोष ने बताया कि शिकायत करने वाले के मोबाइल नंबर पर पीएनआर की तरह मेसेज जाएगा। उसके आधार पर शिकायतकर्ता देख सकेगा कि उसकी शिकायत के निस्तारण का स्तर क्या हैयानी शिकायत निस्तारण के संबंध में किस-किस अधिकारी ने काम किया है। इसी तरह 1912 का कॉल सेंटर अभी तक निगमवार है। अब इसे केंद्रीयकृत किया जा रहा है। लखनऊ और नोएडा में कंट्रोल रूम होगा। इससे हर तरह की शिकायतें पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष भी देख सकेंगे।

Read More #Draft: Add Your Title

Tags: