दर्शन केस पोस्ट पर राम्या को बलात्कार की धमकियाेंं से आक्रोश, त्वरित कार्रवाई की मांग

दर्शन केस पोस्ट पर राम्या को बलात्कार की धमकियाेंं से आक्रोश, त्वरित कार्रवाई की मांग

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| रेणुकास्वामी हत्याकांड पर इंस्टाग्राम पोस्ट के बाद, जिसमें कन्नड़ अभिनेता दर्शन मुख्य आरोपी हैं, अभिनेत्री और पूर्व सांसद दिव्या स्पंदना, जिन्हें राम्या के नाम से जाना जाता है, को बलात्कार और जान से मारने की धमकियाँ मिलने पर व्यापक आक्रोश फैल गया है| कथित तौर पर दर्शन के समर्थकों की ओर से हुई इस प्रतिक्रिया के बाद, कर्नाटक राज्य महिला आयोग और फिल्म उद्योग अधिकार एवं समानता दोनों ने तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की है|

पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा दर्शन को जमानत देने के फैसले की कड़ी आलोचना की थी और इस कदम को संदिग्ध बताया था और मामले से निपटने के तरीके पर चिंता जताई थी| राम्या ने इंस्टाग्राम पर इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट भारत के आम लोगों के लिए आशा की किरण है - रेणुकास्वामी के परिवार के लिए न्याय| इसके तुरंत बाद, उनके सोशल मीडिया पर कथित तौर पर दर्शन के प्रशंसकों द्वारा महिला विरोधी गालियों, बलात्कार की धमकियों और अश्लील ट्रोलिंग की बाढ़ आ गई| राम्या ने ऐसे कई संदेशों और टिप्पणियों के स्क्रीनशॉट पोस्ट करके जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा रेणुकास्वामी के संदेशों और डीबॉस प्रशंसकों के संदेशों में कोई अंतर नहीं है|

इस तरह के स्त्री-द्वेषी मानसिकता वाले ट्रोल्स के कारण ही महिलाओं और युवतियों को उत्पीड़न, बलात्कार और हत्या का शिकार होना पड़ता है| २८ जुलाई को, कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने बेंगलूरु शहर के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर जाँच शुरू करने और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया|
उन्होंने कहा इस तरह का व्यवहार आज की पीढ़ी की मानसिकता को दर्शाता है| एक ओर, हम महिलाओं के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं, और दूसरी ओर, हमें ऐसे लोगों का सामना करना पड़ रहा है जो उन्हें ऑनलाइन गालियाँ देते हैं और धमकाते हैं| मैंने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है|

इस बीच, फिल्म उद्योग के अधिकारों और समानता की आवाज उठाने वाले एक समूह, फायर ने गृह मंत्री जी परमेश्वर को एक औपचारिक पत्र लिखकर इस दुर्व्यवहार की निंदा की है और जवाबदेही की माँग की है| पत्र में, फायर ने राम्या को निशाना बनाकर किए गए अश्लील और लैंगिक भेदभाव वाले ऑनलाइन हमलों की कड़ी निंदा की और जोर देकर कहा कि इस तरह का उत्पीड़न न केवल नैतिक रूप से घृणित है, बल्कि एक आपराधिक अपराध भी है| संगठन ने सरकार को याद दिलाया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद १९) भारतीय लोकतंत्र का एक मूलभूत स्तंभ है, लेकिन सार्वजनिक संवाद सभ्य और सम्मानजनक होना चाहिए, खासकर जब अलग-अलग विचारों पर चर्चा हो रही हो|

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फायर के पत्र में कहा गया है राम्या के खिलाफ की जा रही घृणा से प्रेरित गालियाँ लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान हैं| ऑनलाइन लैंगिक भेदभाव वाली हिंसा एक दंडनीय अपराध है, और हम कर्नाटक गृह विभाग और साइबर अपराध प्रभाग से बिना किसी देरी के कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं| इस घटना ने एक बार फिर ऑनलाइन भीड़ द्वारा दुर्व्यवहार की बढ़ती संस्कृति को उजागर किया है, खासकर सार्वजनिक जीवन में मुखर महिलाओं को निशाना बनाकर| कार्यकर्ताओं, कानूनी विशेषज्ञों और नागरिक समाज के सदस्यों ने राज्य सरकार से महिलाओं को साइबर बदमाशी, ट्रोलिंग और धमकियों से बचाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया है, खासकर जब वे सार्वजनिक हस्तियों या राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों की आलोचना करती हैं|

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हालाँकि पुलिस कथित तौर पर राम्या द्वारा प्रस्तुत शिकायतों और स्क्रीनशॉट की समीक्षा कर रही है, लेकिन गृह विभाग की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है|
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